अलगीढ़ के इगलास ब्लॉक को डार्क जोन से बाहर निकालेगी केंद्र सरकार
डार्क जोन में शामिल इगलास ब्लॉक को पानी से लबालब करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने संभाली है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। डार्क जोन में शामिल इगलास ब्लॉक को पानी से लबालब करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने संभाली है। देशभर के ऐसे 1100 ब्लॉकों में एक साथ शक्ति अभियान की शुरुआत हुई है। रविवार केंद्र सरकार के अपर सचिव एसकेजी रहाटे ने टीम के इगलास ब्लॉक का निरीक्षण किया। करबन नदी में चेकडेम को देखा। जलसंचयन पर गोष्ठी की। शाम को कलक्ट्रेट में अफसरों के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाई।
करबन नदी पहुंची टीम
केंद्रीय टीम सुबह इगलास क्षेत्र में करबन नदी पर पहुंची। यहां निर्माणाधीन चेकडेम को देखा। खामियां मिलने पर सुधार के निर्देश दिए। इसी ब्लॉक के गांव हैवतपुर में जलसंचयन पर अफसरों के साथ गोष्ठी की। लोगों से पानी बचाने की अपील की। कहा, किसान तालाबों की खोदाई करें। प्रशासन भी पानी बर्बाद करने वाले लोगों को रोके। शाम को कलक्ट्रेट में बैठक हुई। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने टीम का स्वागत किया। रहाटे ने कहा कि अलीगढ़ समेत सूबे के 257 जिलों में जल शक्ति अभियान की शुरुआत हुई है।
यह दिए निर्देश
नगर निगम व इगलास ब्लॉक में इस पर काम हो रहा है। अब खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में स्कीम के तहत काम करना है। इससे खेत की पैदावार तो बढ़ेगी ही, जल का बड़ा भंडार होगा। एक लक्ष्य बना लें। उसके हिसाब से कार्रवाई करें। प्राइवेट स्कूलों में हर हाल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनने चाहिए। नगर निगम के हर पार्क में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था हो। नगर निगम में शामिल हुए 19 गांव में भी पानी का सर्वे होना चाहिए। जिले में 130 सरकारी कार्यालय हैं। इनमें से अधिकांश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं हैं। सभी में यह व्यवस्था होनी चाहिए। अगर कोई बड़ा परिसर है तो उसमें दो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएं।
बूंद बूंद की बंदगी मानव सेवा का उत्तम संकल्प
दैनिक जागरण की मुहिम आधा गिलास पानी से प्रेरित संत समाज ने भी आगे आकर मुहिम की सराहना के साथ भक्तों को पानी का महत्व बताया। रविवार को कस्बा के इस्कॉन गीता ज्ञान मंदिर परिसर में जल संरक्षण संकल्प सभा का आयोजन किया गया। जिसमें जल के महत्व को प्रमुखता से बताया। मंदिर प्रभारी रसराज दास ने कहा कि भारतीय सभ्यता व परंपराओं में ऐसे अनुभवों की प्रचुरता है, जिनसे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रह सके। मानव शरीर की रचना में जिन पांच मूलभूत तत्वों की बात की गई है उनमें जल भी एक है। प्रकृति की रचना में ईश्वर और विराट पुरुष की संरचना की बात कही गई है। यदि ईश्वर द्वारा इस विराट पुरुष की इस गूढ़ संरचना की व्याख्या की जाए तो पृथ्वी, जल और अग्नि एक साथ एक परमाणु के अंश हैं।
सोच की है जरूरत
समाजसेवी संदीप सिंह जादौन ने कहा कि ग्रीष्मकाल में पानी की कमी होने से देश के कई हिस्सों में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक होने की आवश्यकता पर भी बल दिया है। अच्छी बात ये है कि प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के सवाल को पर्यावरण की व्यापक अवधारणा के साथ जोड़कर देखा है। आज प्रकृति प्रदत्त जल श्रोत व जल संसाधनों को बचाने के लिये हमें एक बहुआयामी सोच की ही आवश्यकता है।
यह रहे मौजूद
इस मौके पर अनादि कृष्ण दास, हरिमनोहर दास, रक्तक दास, दिनेश मिश्रा, कृष्ण मुरारी दास, अभिषेक दास, दिव्य प्रेम दास, बालगोपाल दास, नेत्र मंजरी, देवीदासी, अनुकूल राधिका देवी दासी, सतरूपा देवी दासी, नित्य नारायणी देवी दासी, सीताराम दास, चौधरी चंद्रशेखर गोदलिया मौजूद रहे।