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CBSE Results 2019 : हाईस्कूल में 99.4 फीसद अंक हासिल कर रुद्राक्ष बने अलीगढ़ टॉपर

सीबीएसई हाईस्कूल के विद्यार्थियों की सालभर की मेहनत के फल का इंतजार सोमवार को खत्म हो गया है। दोपहर में 10वीं की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया।

By Edited By: Published: Mon, 06 May 2019 07:00 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 09:13 AM (IST)
CBSE Results 2019 : हाईस्कूल में 99.4 फीसद अंक हासिल कर रुद्राक्ष बने अलीगढ़ टॉपर
CBSE Results 2019 : हाईस्कूल में 99.4 फीसद अंक हासिल कर रुद्राक्ष बने अलीगढ़ टॉपर

अलीगढ़ (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) हाईस्कूल के विद्यार्थियों की सालभर की मेहनत के फल का इंतजार सोमवार को खत्म हो गया है। दोपहर में 10वीं की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया। सेंट फिदेलिस के छात्र रुद्राक्ष प्रताप सिंह ने 99.4 फीसद अंक हासिल कर जिला टॉप किया है। जिला टॉप करने पर छात्र के परिजन बेहद खुश हैं।

दूसरा पर प्ररेणा सिंह व तीसरा स्थान रोहन को मिला
सीबीएसई की हाईस्कूल की परीक्षा में अवर लेडी ऑफ फातिमा की छात्रा प्रेरणा सिंह को 99.4 फीसद अंक मिले हैं। इन्होंने जिले में दूसरा स्थान पर किया है। इसके अलावा संत फिदेलिस सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र रोहन सक्सेना ने जनपद में तीसा स्थान प्राप्त किया है, इन्होंने 99 फीसद अंंक प्राप्त किए हैं।

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स्ट्रीम में न बंधें, अपनी ताकत पहचानें : प्रो. अकबर
अलीगढ़। कम अंक या प्रतिशत आना जीवन की हार नहीं है। हार वहां होती है जब आप अपनी ताकत को नहीं पहचानते। मौजूदा समय में विद्यार्थी स्ट्रीम (साइंस या कॉमर्स आदि) को बांधकर चलते हैं, ये ठीक नहीं है। हर विषय में आगे बढ़ा जा सकता है। यह सीख सोशल साइंस फैकेल्टी, एएमयू में प्रो. अकबर हुसैन ने विद्यार्थियों को दी। ऐसा वो इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि उन्होंने इस दौर को जिया है।

क्षमता को पहचान कर लिया निर्णय
प्रो. अकबर बताते हैं कि, 1972 में साइंस स्ट्रीम में हाईस्कूल मात्र 49.6 फीसद अंकों के साथ पास किया था। मगर, वे निराश नहीं हुए। उन्होंने तत्काल अपनी क्षमता पहचानते हुए निर्णय किया और सोशल साइंस में कदम रख दिया। इसका परिणाम हुआ कि, 1973 में पीयूसी (प्री यूनिवर्सिटी क्लासेज) 58.6 फीसद से पास की। 1976 में बीए व 1978 में एमए प्रथम श्रेणी में पास की। 1980 में एम.फिल, 1981 में पीएचडी व 2015 में डी.लिट किया। बताया कि, एएमयू सोशल साइंस फैकेल्टी में वे पहले शख्स हैं जो डी.लिट हैं। 1980 में मनोविज्ञान विभाग, एएमयू में प्रवक्ता पद पर नियुक्त हुए। 2018 में पहली बार सरसैयद इनोवेशन अवार्ड हासिल करने का कारनामा भी किया।

सामान्य अंक लाने वाले हैं एम्स में
प्रो. अकबर कहते हैं कि, इंजीनियर या डॉक्टर बनने का दबाव मत पालें। जिस क्षेत्र में रुचि हो उसी में आगे बढ़ें। औसत दर्जे की टेंशन जरूरी भी है, जो अच्छा करने को प्रेरित करती है। ज्यादा टेंशन मत करें, इससे डायबिटीज, स्ट्रेस, माइग्रेन जैसी बीमारियां घेर लेती हैं। आगे बढऩे की ललक होनी चाहिए। बताया कि, उनकी निगाह में सेंट जोंस कॉलेज, आगरा के कुछ ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिनके औसत से भी कम नंबर आए मगर वो अब एम्स में डॉक्टर हैं। जरूरी है कि अपनी जिंदगी में उद्देश्य तय करें।

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