पीडि़तों व आरोपितों के स्वजन के सहित आठ लोगों से सीबीआइ की पूछताछ Aligarh news
बूलगढ़ी कांड की जांच सीबीआइ तेजी से कर रही है। 15 दिन में 35 लोगों से कई बार पूछताछ की जा चुकी है। इससे अनेक लोग टेंशन में हैं। उन्हेंं डर है कि कहीं पूछताछ के लिए सीबीआइ न बुला ले।
हाथरस, जेएनएन : बूलगढ़ी कांड की जांच सीबीआइ तेजी से कर रही है। 15 दिन में 35 लोगों से कई बार पूछताछ की जा चुकी है। इससे अनेक लोग टेंशन में हैं। उन्हेंं डर है कि कहीं पूछताछ के लिए सीबीआइ न बुला ले। रविवार को टीम के अधिकारियों ने पीडि़तों व आरोपितों के स्वजनों सहित आठ लोगों से पूछताछ की।
पूछताछ कृषि विभाग में बनाए गए सीबीआइ के अस्थाई कार्यालय में सुबह 11 बजे से देर शाम तक की गई। इसके लिए आरोपित रामू के साथ काम करने वाले गांव के ही अनिल व ओमकार को भी बुलाया गया। इनके अलावा आरोपित संदीप के पिता नरेंद्र सिंह, लवकुश के पिता रामवीर सिंह , रामू के पिता राकेश सिंह व रवि के पिता अतर सिंह को बुलाया गया।मृतका के दोनों भाइयों से भी पूछताछ की गई। इस बीच मृतका का जीजा अपने पिता के साथ गांव पहुंचा। वे पीडि़तों के घर से भैंस लेने मालवाहक वाहन के साथ आए थे। जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंच गई। आवश्यक पूछताछ के बाद भैंस ले जाने दिया गया।
कांग्रेस नेता श्यौराज जीवन की कुंडली खंगाल रही एसटीएफ
जांस, हाथरस : आने वाले दिनों में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्यौराज जीवन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इनके खिलाफ थाना चंदपा में दर्ज मुकदमे की जांच भी एसटीएफ ने तेज कर दी है। सभी दस्तावेज और वीडियो क्लीप ले ली हैं। जीवन ने भड़काऊ बयान दिया था। जातीय हिंसा भड़काने के मामले की जांच में जुटे एसटीएफ के अधिकारियों ने जीवन की भी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।
शुरू से रहे सक्रिय
बूलगढ़ी प्रकरण में शुरू से ही जीवन सक्रिय रहे। युवती पर 14 सितंबर को हमला हुआ था। 20 सितंबर को श्यौराज जीवन ने भड़काऊ बयान दिया था। यहीं से राजनीतिक आवागमन बूलगढ़ी में शुरू हुआ और मामला तूल पकड़ता चला गया। भड़काऊ बयान देने पर जीवन के खिलाफ अक्टूबर के पहले सप्ताह में चंदपा कोतवाली में मुकदमा संख्या 154/20 दर्ज किया गया था। लेकिन सात अक्टूबर को एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में जीवन विवादित बयान देते नजर आए। इसके बाद आठ अक्टूबर को चंदपा पुलिस ने उन्हेंं थाने बुलाया और गोपनीय स्थान पर ले जाकर तीन घंटे पूछताछ की थी। बाद में उन्हेंं छोड़ दिया गया। लेकिन, इनके खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच अब एसटीएफ कर रही है। एसटीएफ बरेली यूनिट की टीम ने इसके संबंध में समस्त दस्तावेज ले लिए हैं। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि जीवन के खिलाफ दर्ज मुकदमे तथा पीएफआइ सदस्यों पर दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ ने शुरू कर दी है। इसके संबंध में केस डायरी और अन्य दस्तावेज एसटीएफ ने ले लिए हैं।