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Hathras Case : एक्शन में CBI और STF, जातीय संघर्ष की साजिश की भी हो रही जांच

बूलगढ़ी मामले में जांच कर रहीं सीबीआइ और एसटीएफ टीम पूरे एक्शन में हैं। एक तरफ सीबीआइ तेजी से मामले के सच तलाशने में जुटी हैं वहीं एसटीएफ जातीय संघर्ष की साजिश का पर्दाफाश करने के प्रयास में हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 12:07 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 12:07 PM (IST)
Hathras Case : एक्शन में CBI और STF, जातीय संघर्ष की साजिश की भी हो रही जांच
बूलगढ़ी मामले में जांच कर रहीं सीबीआइ और एसटीएफ टीम पूरे एक्शन में हैं।

हाथरस, जेएनएन। बूलगढ़ी मामले में जांच कर रहीं सीबीआइ और एसटीएफ टीम पूरे एक्शन में हैं। एक तरफ सीबीआइ तेजी से मामले के सच तलाशने में जुटी हैं वहीं एसटीएफ जातीय संघर्ष की साजिश का पर्दाफाश करने के प्रयास में हैं। कोर्ट द्वारा स्टेटस रिपोर्ट मांगे जाने के बाद सीबीआइ की जांच और तेज हुई है। सीबीआइ जांच को एक महीना पूरा होने को है। 

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सीबीआइ ने खेत पर रीकि्रएट किया सीन

 हमले के बाद बेटी को मां ने किस तरह संभाला, उस समय के क्या हालात थे, यह जानने के लिए सीबाआइ ने शुक्रवार को बूलगढ़ी में सीन रीक्रिएशन किया। इसके लिए करीब दो घंटे 15 सदस्यीय टीम पीड़ितों के घर से तीन सौ मीटर दूर खेत पर रही। यहीं 14 सितंबर को घटना हुई थी। उस वक्त मृतका का बड़ा भाई और मां दोनों खेत पर काम कर रहे थे। इन दोनों से पूछताछ भी की। इस दौरान हमलावरों के आने व जाने के रास्ते और आसपास के खेतों में लोगों की मौजूदगी तक की जानकारी ली गई। इस सबकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई है। 

 भाई को करीब 40 मीटर दूर खेत की एक मेड़ पर बिठाया 

26 दिन से जांच में जुटी सीबीआइ टीम डीएसपी सीमा पाहूजा के नेतृत्व में शुक्रवार को फिर घटनास्थल पर पहुंची। सुबह 12 बजे पीड़िता के मां और भाई को वहीं बुलाया? गया। कुछ देर बाद टीम सीआरपीएफ जवानों की सुरक्षा में मृतका के बड़े भाई और मां को साथ लेकर करीब तीन सौ कदम दूर घटना स्थल पर गई। यहां दोनों से कई सवालों के जवाब जाने। स्वजन ने बताया कि वे गांव के ही छोटू के इस खेत पर चारा लेने आए थे। करीब 50 मिनट तक मां से वार्ता की। इस दौरान भाई को करीब 40 मीटर दूर खेत की एक मेड़ पर बिठा दिया गया था। पूछताछ के बाद सीबीआइ अफसरों ने मां को घटनास्थल से 50 मीटर दूर किया और फिर मृतका के भाई को बुलाकर करीब 40 मिनट की पूछताछ की। इसके बाद 30 मिनट तक सीन रीक्रिएशन किया गया। इसके लिए एक महिला कांस्टेबल को सादा कपड़ों में बुलाया? गया। मृतका के मां और भाई से कहा कि कांस्टेबल को अपनी बेटी मानकर 14 सितंबर को घटना का आंखों देखा हाल बया करें। उस दिन घटना में हमलावरों ने किस तरह हमला किया और फिर आगे क्या-क्या हुआ। आपने कैसे अपनी बेटी को उठाया और मदद के लिए किसे बुलाया? महिला कांस्टेबल को खेत पर लिटाया गया और फिर मां तेजी से दौड़ती हुई आती है और बेटी को उठाती है। 

 मृतका की मां फफक-फफक कर रो पड़ीं

पांच बार अलग-अलग एंगल से ऐसा किया गया। मां फफक-फफक कर रो उठी, जिसे डीएसपी सीमा पाहूजा ने ढाढस बंधाया। इसके बाद भाई ने बताया कि वह किस तरह बहन को थाने लेकर गया। उससे भी तीन बार यह सीन कराया गया। पूछताछ के बाद दोनों को सीआरपीएफ की निगरानी में घर भेजा गया।-पूछताछ के बाद फफक पड़ी मां करीब 50 मिनट की पूछताछ और सीन रीकि्रएशन को देख मृतका की मां फफक-फफक कर रो पड़ीं। सीबीआइ टीम की अधिकारी ने उनको ढांढस बंधाया। --थाने भी गई सीबीआइ गांव में सीन रीक्रिएशन और दो घंटे की छानबीन के बाद टीम गांव से लौटकर चंदपा कोतवाली पहुंची। यहां आधा घंटे तक पुलिस टीम से वार्ता के बाद लौट आई।


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