विधानसभा में उठा अलीगढ़ में निजी बसों की हड़ताल का मामला
टप्पल, जेवर मार्ग पर चलने वाली निजी बसों के तीन चालकों को एसडीएम कोल द्वारा शांति भंग में बंद कराने के विरोध में चार दिन से चल रही हड़ताल का मामला रविवार को विधान सभा में उठाया गया।
अलीगढ़ (जेएनएन)। टप्पल, जेवर मार्ग पर चलने वाली निजी बसों के तीन चालकों को एसडीएम कोल द्वारा शांति भंग में बंद कराने के विरोध में चार दिन से चल रही हड़ताल का मामला रविवार को विधान सभा में उठाया गया। आजमगढ़ की दीदारगंज के विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने नियम 51 के तहत बस संचालन बंद होने पर सवाल किया। उन्होंने जिला प्रशासन पर जिला प्रशासन पर बसें बंद कराने का आरोप लगाते हुए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की, जिस पर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
बस चालकों ने किया प्रदर्शन
खैर, टप्पल-जेवर, बाजना मार्ग पर चलने वाली निजी बसों की हड़ताल रविवार को भी जारी रही। इस दौरान बस संचालकों ने कार्रवाई की मांग को लेकर पहले बैठक की और बाद में प्रदर्शन किया। खैर, टप्पल-जेवर, बाजना मार्ग पर परमिट की तीस बसें चलती हैं। इस मार्ग के अलावा इगलास व गभाना रूट के लिए संचालित होने वाली बसों के लिए प्रशासन ने खेरेश्वर चौराहे के पास बस अड्डा बनवाया है। यात्रियों के नए बस अड्डे तक न पहुंच पाने से कुछ बसें नादा पुल से भी संचालित हो रही थीं। पिछले दिनों एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह ने यहां से संचालित हो रही बसों को पकड़ लिया था और बसें बस अड्डे से ही चलाने को कहा था। जबकि बस संचालकों का कहना है कि वहां यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
समस्या निदान होने पर ही बस संचालन पर होगा फैसला
बस संचालकों ने बैठक में तय किया गया कि समस्याओं के निदान के बाद ही बसों की हड़ताल व संचालन को लेकर फैसला लिया जाएगा। इसके लिए यूनियन के पदाधिकारी सोमवार को डीएम व कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। बैठक में नन्नू राम शर्मा, दिनेश अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, रामबाबू शर्मा, राजपाल शर्मा, धर्मवीर सिंह, बिल्लू चौधरी, मोहन दत्त शर्मा, चौधरी रघुनाथ सिंह आदि बस ऑपरेटर मौजूद रहे।
बसों के लिए भटकते रहे यात्री
हड़ताल के चलते संबंधित रूटों के मुसाफिरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सर्दी के चलते जिले भर में स्कूल, कॉलेजों में अवकाश घोषित होने के कारण देहात क्षेत्र से शहर में आने वाले छात्र-छात्राओं का आवागमन बंद है, अन्यथा उन्हें आने व जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता।