जल संरक्षण के लिए पहलः कॅरियर के साथ पानी की भी चिंता
एएमयू से बीए करने के बाद कॅरियर की तैयारियों में जुटे उमैर खां पानी को लेकर भी गंभीर हैैं। पानी बचाने के लिए वे गली-मुहल्लों में जाकर लोगों से अपील करते हैैं।
केसी दरगड़, अलीगढ़। एएमयू से बीए करने के बाद कॅरियर की तैयारियों में जुटे उमैर खां पानी को लेकर भी गंभीर हैैं। पानी बचाने के लिए वे गली-मुहल्लों में जाकर लोगों से अपील करते हैैं। अति जलदोहन से भविष्य में होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताते हैैं। पानी बचाने की सीख उन्हें अपने धर्म व गुरुओं से मिली है। शहर में लगातार गिर रहे भूजल स्तर के बाद भी लोग जरूरत से अधिक पानी बहाते रहते हैैं।
पानी की बर्बादी करती है विचलित
पानी की यह बर्बादी उमैर को विचलित कर देती हैं। जहां भी सबमर्सिबल व नगर निगम की पाइप लाइन से कोई पानी बहाते दिखता है तो वे उसे टोकते हैैं। पानी बचाने की अपील करते हैैं। ये काम वे चार साल से बिना किसी भेदभाव के कर रहे हैं।
समाज सेवा में जुटे
2016-17 में एएमयू कोर्ट मेंबर रहे सराय रहमान निवासी उमैर खान उर्दू व इंग्लिश में बीए कर चुके हैैं। अब आगे के कॅरियर की तैयारी के साथ समाजसेवा में जुटे हैं। चार साल से जलसंरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में भूगर्भ के अलावा पेयजल का कोई और स्रोत नहीं है। समाचार पत्र व अन्य माध्यमों से उन्हें जानकारी मिली है कि शहर में हर साल भूजल स्तर छह से सात फुट गिर रहा है। ऐसेे में पानी बचाने की सभी को जरूरत है। यह सभी की जिंदगी के लिए जरूरी है।
ऐसे बचाते हैं पानी
सुबह-शाम के वक्त नगर निगम की पेयजल आपूर्ति शुरू होती है तो वे टीम के साथ गलियों में निकलते हैं। जहां भी कोई पानी बहाता दिखते है, उसे टोकते हैं। जिन घरों के सामने नगर निगम की पाइप लाइन में टोंटियां लगी हैं और पानी बहता रहता है। उस घर के स्वामी को समझाते हैं। टोंटियां लगवाने की कहते हैं। नगर निगम के जलकल विभाग में जाकर पानी लीकेज की शिकायत करते हैं। टीम के आने पर सहयोग करते हैं। जरूरत पडऩे पर अपने खर्च पर टोंटियां लगवाते हैं। उन्होंने सबमर्सिबल कम लगाने और उन पर शुल्क लगाने की भी आवाज उठाई है। उनकी टीम में 11 सदस्य है। इसमें दूसरे धर्मों के युवा भी हैं। बार-बार टोकने पर लोग उनकी बात मानते हैं और पानी बचाने में सहयोग करते हैं।