CAA: संसद में उठा AMU में हुई हिंसा का मुद्दा, DGP ने जाने हालात Aligarh News
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के परिसरों में तो हिंसा की खबरें मिली थीं लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (एयू) से ऐसी किसी घटना की खबर नहीं मिली थी।
अलीगढ़ [जेएनएन]: केंद्र सरकार ने बताया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआइ) और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के परिसरों में तो हिंसा की खबरें मिली थीं, लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (एयू) से ऐसी किसी घटना की खबर नहीं मिली थी।
लोकसभा के प्रश्नकाल में दी जानकारी
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि जामिया मिल्लिया ने परिसर में हिंसा की घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन का अनुरोध किया था। चूंकि यह कानून-व्यवस्था का मसला था इसीलिए उचित कार्रवाई के लिए यह अनुरोध संबंधित विभाग को संदर्भित कर दिया गया था। जबकि एएमयू और एयू ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया था। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय वैधानिक स्वायत्तशासी संगठन हैं। लिहाजा ये विश्वविद्यालय एक्जीक्यूटिव काउंसिल, एकेडमिक काउंसिल एवं कोर्ट जैसे अपने वैधानिक निकायों की अनुमति से सभी प्रशासनिक और अकादमिक फैसले लेते हैं। विश्वविद्यालय ऐसी सभी घटनाओं से निपटने में भी सक्षम हैं।
डीजीपी ने जाने अलीगढ़ के हालात
अलीगढ़ : कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने रविवार को प्रदेश भर के पुलिस कप्तानों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कानून व्यवस्था का हाल-चाल जाना। उन्होंने अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि से सीएए व एनआरसी को लेकर एएमयू व शाहजमाल में चल रहे धरना-प्रदर्शन की जानकारी ली।
कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होगी
डीजीपी ने साफ किया है कि प्रदर्शन की आड़ में कानून व्यवस्था से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। डीजीपी ने शासन की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए थाने में आने वाले फरियादियों की पीड़ा सुनने और पीडि़तों के साथ मधुर व्यवहार करने, महिलाओं से जुड़े अपराधों पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने व संगीन मामलों मे अभियान चलाकर फरार चल रहे वांछितों की जल्द गिरफ्तारी करने के भी निर्देश दिए हैं।