CAA: रोकने के बाद भी छात्रों ने तोड़ा एएमयू का बाबे सैयद गेट, पुलिस ने लांघी सीमा Aligarh News
एएमयू में 15 दिसंबर को हुए बवाल की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच में परतें सामने आने लगी हैं। दो दिन की जांच में कई शंकाओं से परदा उठा है।
अलीगढ़ [जेएनएन]: एएमयू में 15 दिसंबर को हुए बवाल की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच में परतें सामने आने लगी हैं। दो दिन की जांच में कई शंकाओं से परदा उठा है। प्रॉक्टोरियल टीम के बयानों में सामने आया है कि छात्रों को बाबे सैयद पर रोका गया गया, फिर भी गेट तोड़कर बाहर निकल गए। चर्चा ये भी है कि बयानों में ऐसी भी बातें सामने आई हैं कि छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने सीमा लांघी। कई छात्रों के चोट भी आई। टीम ने मंगलवार को 54 लोगों के बयान दर्ज किए।
एनएचआरसी की सात सदस्यीय टीम कर रही जांच
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर एएमयू बवाल की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एसएसपी मंजिल सैनी की अगुवाई सात सदस्यीय टीम कर रही है। मंगलवार को टीम का दूसरा दिन था। टीम सुबह 10 बजे ही जांच में जुट गई। सबसे पहले बाबे सैयद पहुंची। प्रॉक्टर प्रो. अफीफुल्लाह के साथ बाबे सैयद को गहनता से देखा। ये वो ही गेट है, जिसे तोड़कर छात्र बाहर निकले थे। टीम ने गेट के फोटो भी लिए। धरने पर बैठे छात्रों को देखते हुए मंजिल सैनी टीम के साथ पैदल ही कैंपस में दाखिल हुईं। गेस्ट हाउस नंबर दो व तीन की तरफ भी देखा, जहां पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों को बवाल वाले दिन खदेड़ा था। यहां से कई युवकों को पुलिस ने घटना वाले दिन गिरफ्तार भी किया था। एसएसपी पैदल ही स्टॉफ क्लब के चौराहे तक पहुंचीं। यहां से गाड़ी में बैठक कर डक प्वॉइंट पर पहुंचीं। घटना वाले दिन डक प्वॉइंट तक भी पुलिस ने छात्रों को खदेड़ा था। सबसे अधिक छात्र यहीं एकत्रित थे। यहां से टीम मेडिकल कॉलेज की ओर बढ़ गई। कैंपस में घूमते हुए प्रॉक्टर कार्यालय पहुंची। जहां करीब 11 बजे से बयान लेने का सिलसिला शुरू हुआ।
प्रॉक्टर समेत टीम के आठ लोगों के बयान रहे खास
आयोग की टीम के लिए मंगलवार को प्रॉक्टोरियल टीम के बयान अहम रहे। घटना वाले दिन प्रॉक्टोरियल टीम के सामने ही पूरा घटनाक्रम हुआ था। मंजिल सैनी ने प्रॉक्टर प्रो.अफीफुल्लाह से खूब सवाल किए। हर सवाल का लिखित में जवाब लिया। प्रॉक्टर ने नागरिकता कानून के बाद कैंपस में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन की विस्तार से जानकारी दी। सूत्रों की मानें तो प्रॉक्टर ने यह भी बताया कि कैंपस में 11 दिसंबर से 12 दिसंबर शांति से बीते। छात्रों ने कानून के विरोध में प्रदर्शन जरूर किए, लेकिन माहौल खराब नहीं हुआ। 13 दिसंबर को को दिन में छात्रों ने बड़ी संख्या में मार्च निकाला। पुलिस से तकरार तो हुई, लेकिन माहौल खराब नहीं हुआ। 14 दिसंबर को भी शांति रही। 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया बवाल में गोली से छात्र की मौत की अफवाह के बाद कैंपस में छात्र एकत्रित हुए। इसके बाद ही माहौल खराब हुआ।
गेट टूटने की बताई पूरी दास्तां
प्रॉक्टर समेत पूरी टीम ने बाबे सैयद टूटने की कहानी भी बयां की। सूत्रों की मानें तो टीम के सदस्यों ने बताया कि 15 दिसंबर को शाम करीब 6:30 बजे प्रॉक्टर समेत अन्य साथी डीएम की मीटिंग में शामिल होने गए थे। वहां सूचना मिली कि कैंपस में छात्र एकत्रित हुए हैं। टीम के सदस्यों को अलर्ट किया तब तक छात्र गेट की ओर आगे बढ़ते आ रहे थे। छात्रों को देखकर गेट को बंद कर दिया गया। गेट पर आते ही छात्रों ने गेट को धक्का मारना शुरू कर दिया। इसके सीसीटीवी फुटेज पर भी हैं। धक्का मारने से गेट टूटा और छात्र बाहर निकल गए। रजिस्ट्रार कार्यालय के सामने छात्र और पुलिस के बीच टकराव हुआ। पथराव भी। सूत्रों की मानें तो टीम के कुछ सदस्यों ने टीम के सामने प्रॉक्टोरियल टीम ने ये भी बात रखी है कि टीम ने सीमा लांघ कर कैंपस में कार्रवाई की।
38 कर्मचारियों से जाना आंखों देखा हाल
टीम ने घटना वाले दिन तैनात 38 कर्मचारियों के भी बयान लिए। ये कर्मचारी प्रॉक्टर कार्यालय से जुड़े हैं। इनमें अधिकांश सुरक्षा गार्ड उस दिन बाबे सैयद, रजिस्ट्रार कार्यालय, कुलपति आवास, रजिस्ट्रार आवास आदि स्थानों पर तैनात थे।
हॉस्टल के गेट कीपर से पूछा, क्या देखा?
टीम ने आफताब हॉल के प्रोवोस्ट प्रो. सलमान खलील के भी बयान लिए। मॉरिसन कोर्ट हॉस्टल इसी हॉल का हिस्सा है। हॉस्टल के गेट कीपर से भी पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार हॉस्टल के कमरा नंबर 46 में लगी आग व काली हुईं दीवारों के बारे में सवाल किए।
हाथ गंवाने वाले छात्र तारिक के लिए बयान
टीम ने बवाल में हाथ गंवाने वाले पीएचडी स्कॉलर तारिक के मेडिकल कॉलेज पहुंचकर बयान लिया। तारिक का यहीं इलाज चल रहा है। तारिक से सबसे अधिक सवाल हाथ में लगी चोट के बारे किए। सूत्रों की मानें तो तारिक ने वही बयान दिए, जो अभी तक देते आ रहे हैं।
54 लोगों के लिए बयान
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एसएसपी मंजिल सैनी का कहना है कि दूसरे दिन करीब 54 लोगों के बयान लिए हैं। घायल छात्र से भी बात की। घटना वाले दिन कितने छात्रों का मेडिकल कॉलेज में इलाज हुआ? कितनों को गंभीर व सामान्य चोट आई? पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। जांच चल रही है, उससे पहले कुछ नहीं बताया जा सकता। प्रशासनिक अफसरों के बुधवार को बयान लिए जाएंगे।