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कारोबारी परेशान कोई राहगीरों को तो कोई पशुओं को पिला रहा दूध Aligarh news

लॉकडाउन में दुग्ध कारोबार पर भी असर पड़ा है। डेयरियों ने दूध लेना बंद कर दिया है। कुछ डेयरी संचालक थोड़ा बहुत दूध ही खरीद रहे हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 02:00 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 02:00 PM (IST)
कारोबारी परेशान कोई राहगीरों को तो कोई  पशुओं को पिला रहा दूध Aligarh news
कारोबारी परेशान कोई राहगीरों को तो कोई पशुओं को पिला रहा दूध Aligarh news

अलीगढ़ जेएनएन : लॉकडाउन में दुग्ध कारोबार पर भी असर पड़ा है। डेयरियों ने दूध लेना बंद कर दिया है। कुछ डेयरी संचालक थोड़ा बहुत दूध ही खरीद रहे हैं। पशुपालक परेशान हैैं। कोई राहगीरों को दूध पिला रहा है तो कोई पशुओं को। थैलियों में मिलने वाले दूध की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा है। 

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जरूरतमंद को पिला दिया

गभाना क्षेत्र पहले दूध 45-48 रुपये लीटर था। अब 30-33 रुपये है। पशुपालकों का कहना है कि इतने कम दाम में दूध बेचने से अच्छा है कि किसी जरूरतमंद को पिला दिया जाए। खैर के जितेंद्र दूधिया ने बताया कि भैंस का दूध 50 की जगह 40 रुपये लीटर जा रहा है। बिक्री भी कम हो गई है। अब दूध का मक्खन निकालकर रख लेते हैं, मट्ठा को पशुओं को पिला देते हैं। इगलास क्षेत्र में भी दूध 30 से 40 रु पये लीटर तक बिक रहा है। दूध का काम करने वाले ठठोई निवासी अमर सिंह ने बताया कि उन्होंने पशुपालकों से दूध लेना बंद कर दिया है क्योंकि मांग नहीं है। जवां क्षेत्र में शहर, कस्बों से लगे गांवों में दूध अभी भी 50 रुपये लीटर है, पर डेयरियों को 33 रुपये लीटर लिया जा रहा है। विजयगढ़ में सप्लाई कम होने से दूध कारोबारी परेशान हैैं। अकराबाद के सुनील कुमार ने बताया कि दूधिया पशुपालकों से कम कीमत में दूध ले रहे हैैं, बेच पुराने रेट में रहे हैैं। 

मावा-पनीर की सप्लाई न होने से रुकी दूध की धार

मावा व पनीर की सप्लाई न होने से गांवों में ही दूध की धार रुक गई है। सीजन में अलीगढ़ में ही 500 कुंतल तक मावा की खपत हो जाती है। सामान्य दिनों में 250 से 300 कुंतल तक खप जाता है। बड़ी मात्रा में दिल्ली व एनसीआर में सप्लाई किया जाता है। लॉकडाउन से यह सप्लाई रुकी हुई है। पनीर भी सप्लाई नहीं हो रही। सीजन में यह भी 500 से 600 कुंतल तक बाजार में खप जाता था। दुग्ध सुधारक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप ख्यालीराम ने कहा कि मिठाई व अन्य उत्पादों के न बनने से बाजार में दूध की खपत कम हो गई है। हालांकि आमजन के लिए सुबह सात से 11 बजे तक दूध वितरण किया जा रहा है। 


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