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बसपा में बढ़ी कलह, महानगर अध्यक्ष, मुख्य सेक्टर प्रभारी का इस्तीफा Aligarh News

जिलाध्यक्ष के भाई के साथ मारपीट व कार्यलय में तोड़-फोड़ के बाद बसपा में आंतरिक द्वंद्व थमने का नाम नहीं ले रहा। पार्टी के कद्दावर नेता रणवीर ङ्क्षसह कश्यप व महेश चौधरी का पार्टी से निष्कासन होने के बाद शुक्रवार को समर्थकों में उबाल आ गया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 08:43 AM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 08:43 AM (IST)
बसपा में बढ़ी कलह, महानगर अध्यक्ष, मुख्य सेक्टर प्रभारी का इस्तीफा Aligarh News
कद्दावर नेता रणवी कश्यप व महेश चौधरी का पार्टी से निष्कासन होने के बाद समर्थकों में उबाल है।

अलीगढ़, जेएनएन। जिलाध्यक्ष के भाई के साथ मारपीट व कार्यलय में तोड़-फोड़ के बाद बसपा में आंतरिक द्वंद्व थमने का नाम नहीं ले रहा। पार्टी के कद्दावर नेता रणवीर ङ्क्षसह कश्यप व महेश चौधरी का पार्टी से निष्कासन होने के बाद शुक्रवार को समर्थकों में उबाल आ गया। कश्यप के सासनीगेट एडीए कालोनी स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं का सुबह से ही जमावड़ा लगने लगा। मुख्य सेक्टर प्रभारी सुनील निगम, महानगर अध्यक्ष दिनेश बघेल, महानगर कोषाध्यक्ष मोहम्मद रिजवान, इगलास नगर अध्यक्ष सचिन भाष्कर व उनकी कमेटी ने अपने पदों से इस्तीफा दिया है। यह पार्टी में कार्यकर्ता की हैसियत से काम करेंगे।

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यह है मामला

दरअसल, बसपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व कानपुर, आगरा व अलीगढ़ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी बाबू मुनकाद अली व आगरा-अलीगढ़ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह 10 मार्च को खैर रोड बाइपास स्थित जिलाध्यक्ष रतन दीप ङ्क्षसह के कैंप कार्यालय पर मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए आए थे। इनकी रवानगी के बाद कुछ लोगों ने जिला पंचायत सदस्य की टिकट को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यालय में तोड़-फोड़ कर दी। जिलाध्यक्ष के भाई कमल दीप के साथ मारपीट की। पिस्टल तान दी। इस मामले में पूर्व महानगर अध्यक्ष संदीप पाटिल, इगलास विधानसभा के प्रत्याशी रहे अभय कुमार बंटी सहित कई नामजद व अज्ञातों के खिलाफ संगीन धाराओं में थाना बन्नादेवी में रिपोर्ट दर्ज की गई। इन्हें देररात पार्टी से निष्कासित कर दिया। गुरुवार को पार्टी की आंतरिक जांच में एटा जिले के मुख्य सेक्टर प्रभारी रणवीर कश्यप व अलीगढ़ मुख्य सेक्टर प्रभारी महेश चौधरी को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया। अगले दिन इनके समर्थन में पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने कश्यप व महेश चौधरी के समर्थन में अपनी आस्था व्यक्त की। यहीं चारों लोगों ने पार्टी सुप्रीमों मायावती को पदों से इस्ताफा दे दिया। दिनेश बघेल ने आरोप लगाया है कि सूरज सिंह बघेल समाज की अनदेखी कर रहे हैं। वे समाज के लोगों को पंचायत चुनाव में टिकट न देने की मना कर चुके हैं। यह भाजपा से आने वाले लोगों को जिला पंचायत सदस्य की टिकट देने जा रहे हैं। यह अपनी मनमानी कर रहे हैं।

रणवीर कश्यप ने कहा कि मुझे पद व पार्टी से निष्कासित करने की सूचना पर बड़ी तादात में लोग आए। उन्हें समझाया गया है। वे बहिनजी (मायावती) का ध्‍यान में रखते हुए पार्टी में ही रहकर काम करें। वे मायावती से जल्द मिलने जा रहे हैं। अलीगढ़ में पार्टी की अंतहकलह पर चर्चा करते हुए अपना पक्ष रखेंगे। वहीं अभय कुमार बंटी व संदीप पाटिल द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थानों में रिपोर्ट दर्ज न करने की शिकायत को लेकर इनके अधिवक्ता एसएसपी कार्यालय पहुंचे।

टप्पल एफआरआर जारी की

विरोधी खेमा ने वर्ष 2012 में सूरज सिंह के खिलाफ टप्पल थाने में हुई रिपोर्ट की कापी मीडिया को वायरल की है। इसमें एक महिला ने सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने कहा कि यह मामला उसी समय निपट गया था। पुलिस के आरोप पत्र में ही नाम नहीं था। यह सियासी कार्रवाई थी।

महानगर अध्यक्ष काफी समय से निष्क्रय चल रहे थे। रिजवान पद मुक्त थे। निगम के भाई तोडफ़ोड में आरोपित हैं। इन सभी को कार्रवाई का डर था। इस लिए खुद ही पार्टी से किनारा कर गए हैं। इगलास में अध्यक्ष पद पर कोई तैनाती नहीं थी। पैसा तो पार्टी से बाहर निकलने वालों ने वसूला था। अभय कुमार बंटी खेता दूसरे दल में जा रहा था। पार्टी की छवि को धूमिल करने व पंचायत चुनाव की तैयारियों को प्रभावित करने की साजिश हुई है। सभी कार्रवाई बहिनजी के दिशा निर्देश पर हो रही है।

- सूरज सिंह, मुख्य सेक्टर प्रभारी, आगरा-अलीगढ़ मंडल

चंद लोगों के चलते पार्टी के संगठन पर कोई प्रभाव नहीं पढ़ेगा। जिन लोगों ने पार्टी से किनार करने का दावा किया है, उन्हें पहले से ही निष्क्रियता को लेकर चेतावनी दी जा चुकी है। यह पार्टी की गंदीगी साफ हो रही है। पार्टी पंचायत चुनाव पूरी दमदारी के साथ लडऩे जा रही है। निष्कासित हुए नेता अगर पार्टी में रहते तो बड़ा नुकसान होता।

- रतन दीप सिंह, जिलाध्यक्ष, बसपा

टिकट के नाम पर पैसा लेना शर्मनाक 

कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष ठा. संतोष सिंह ने बसपा में चल रहे घमासान को सियासत के लिए बेहद शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के आधार पर बसपा ने जिला पंचायत के चुनाव में समर्थित प्रत्याशी के बदले पांच से दस लाख रुपया बसूले हैं। ये आम जनता के वोटों को वेचने का काम किया है। जाति व समुदाय के नाम की गारंटी लेकर टिकट बेचने वालों पर पुलिस नजर रखे। जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि कोई भी राजनीतिक दल आमजन की भावनाओं से खिलवाड़ न करे। कांग्रेस भी पंचायत चुनाव पूरी दमदारी के साथ लडऩे जा रही है। संघर्षशील कार्यकर्ताओं को ही टिकट दिलाना की मांग होगी।


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