अलीगढ़ जेल में उमड़ा भाई-बहन का प्यार, छलके आंसू
712 महिलाओं ने जेल में बंद भाइयों को बांधी राखी आठ भाई भी बहनों से मिले।
जासं, अलीगढ़ : कोई बहन भाई का चेहरा देखकर आंसू नहीं रोक पा रही थी, तो कोई भाई अपनी बहन को गले लगाकर फूटकर रोया। लेकिन, जब राखी बांधने की बारी आई तो दोनों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। यह नजारा रविवार को जिला कारागार में दिखा। यहां लंबे समय बाद जब बहनें अपने भाइयों से मिलीं तो उनकी भावनाएं आंसुओं के रूप में छलक उठीं।
रक्षाबंधन पर अलीगढ़ जिला कारागार में सुबह आठ बजे से ही बहनों का पहुंचना शुरू हो गया था। जेल प्रशासन ने पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थीं। बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। बाहर की मिठाई व अन्य खाद्य सामग्री ले जाने पर भी प्रतिबंध था। रविवार को कुल 712 बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी के रूप में प्यार बांधा। साथ में 263 बच्चे भी थे। इधर, कुल 510 एप्लीकेशन आई थीं। इसी तरह महिला कारागार में बंद आठ बहनों के भाई भी उनसे राखी बंधवाने आए। कतार में खड़े होने के दौरान ही कुछ महिलाओं के आंसू झलक उठे थे। जैसे ही भाई को अंदर जाकर निहारा तो खुद को संभाल न सकीं। किसी ने भांजे को गोद में लेकर बहन को संभाला तो कोई बच्चों को पुचकारता रहा। भाई-बहन का प्यार देखकर जेल के अधिकारी व कर्मचारी भी भावुक हो गए।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि रक्षाबंधन पर बहनों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए महिलाओं को स्क्रीनिंग के बाद ही जेल में प्रवेश दिया गया। उनके हाथ भी सैनिटाइज कराए गए। महिलाओं को लाइन में लगाकर प्रवेश दिया गया, जिससे अव्यवस्था न फैले। जेल पहुंचीं सभी महिलाओं ने अपने भाइयों से मुलाकात कर राखियां बांधीं। इससे माहौल भी भावुक हो गया।