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सर्दी बढ़ते ही फूलने लगी अस्थमा रोगियों की सांस, ऐसे रखें सेहत का ख्‍याल Aligarh News

अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए सर्दी का मौसम बेहद संवेदनशील है। यही वजह की डॉक्टरों के पास अभी से अस्थमा व हृदय रोगी इलाज व परामर्श के लिए पहुंचने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञ भी उन्हें ठंड से होने वाली परेशानी से बचाव के टिप्स देने लगे हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:13 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 09:13 AM (IST)
सर्दी बढ़ते ही फूलने लगी अस्थमा रोगियों की सांस, ऐसे रखें  सेहत का ख्‍याल Aligarh News
अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए सर्दी का मौसम बेहद संवेदनशील है।

अलीगढ़, जेएनएन। अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए सर्दी का मौसम बेहद संवेदनशील है। यही वजह की डॉक्टरों के पास अभी से अस्थमा व हृदय रोगी इलाज व परामर्श के लिए पहुंचने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञ भी उन्हें ठंड से होने वाली परेशानी से बचाव के टिप्स देने लगे हैं। उनके अनुसार जैसे-जैसे सर्दी के साथ धुंध और कोहरा बढ़ेगा, ऐसे मरीजों की परेशानी में इजाफा होता जाएगा। ऐसे मरीजों को कोरोना का खतरा भी दूसरे मरीजों से ज्यादा है, क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए इन्हें और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।  

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ठंड में रोज इजाफा हो रहा

 इस समय ठंड में रोज इजाफा हो रहा है। सर्द हवा चल रही है। बाहर धूल भी है। सुबह कोहरा और धुंध की दस्तक होने लगी है। ऐसा मौसम हर किसी के लिए नुकसानदायक है। खासतौर से मरीजों के लिए तो खतरे की घंटी है। सीनियर चेस्ट फिजीशियन डाॅ. मुकुल  वार्ष्णेय ने बताया कि इस मौसम में सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों को धूल, मिट्टी, धुआं व धुंध से बचाव करना चाहिए। बीड़ी-सिगरेट व एल्कोहल से भी परहेज करने की बहुत जरूरत है। सर्दियों में अस्थमा व सांस रोगियों की दिक्कत बढ़ जाती है। ठंड की वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। सर्दी से बचाव के लिए कुछ सांस रोगी अलाव या हीटर का सहारा भी लेते हैं, जो ठीक नहीं। मरीजों को इससे बचना चाहिए।  यदि किसी चीज से एलर्जी है तो बचाव करें, अन्यथा सांस फूलने से दिक्कत बढ़ सकती है। 

हृदय रोगी ठंड में बरते सावधानी

दीनदयाल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सिंघल का कहना है कि सर्दी में रक्त वाहिनी नलियां सिकुड़ जाती हैं। खून जमने का खतरा रहता है। इससे रक्त संचार कम हो जाता है। वातावरण में अभी प्रदूषण भी है। यदि मरीज की सांस फूलती है तो उसके हार्ट पर जोर पडऩे से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अटैक की आशंका रहती है। हृदय रोगी सुबह-शाम की सर्दी से बचें और घर पर ही बीपी चेक कराते रहें या फिर डॉक्टर से सलाह लेते रहें। यदि ठंड में कोहरे से दिक्कत हो तो माॅर्निंग वाॅक के लिए थोड़ी देरी से निकले। 

 

धूप और मालिश से आराम

विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में धूप सेकना सेहत के लिए बेहद लाभदायक है। धूप खिलने पर सरसों के तेल की मालिश या हाथ-पैरों पर वैसलीन मलें। इससे त्वचा भी कोमल बनी रहेगी और सूर्य की किरणें आपको नई ऊर्जा भी देगी। हरी सब्जियों व ताजे फलों का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ठीक हैं। मूंगफली, गुड़ व ड्राई फ्रूट ले सकते हैं। 

ये भी करें उपाय 

- गरम पानी का सेवन व भपारा करें। 

- गरम कपड़े पहनकर रहें। 

- गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें। 

- गर्म वस्तुअों का सेवन करें। 

- ठंडी चीजों से परहेज करें। 

- मरीज नियमित रूप से दवा लें। 

- सांस रोगी इन्हेलर पास रखें। 


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