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अलीगढ़ में बिना जरूरत खरीदा करोड़ों का सामान, अब सड़ रहा, विस्तार से जानिए सच

उत्‍‍‍‍तर प्रदेश के अलीगढ़ में अस्‍पताल को उच्चीकृत की आड़ में पिछले साल नौ करोड़ का घोटाला हुआ था जिसमें अधिकारियों के खिलाफ जांच तो हुई मगर पूरी नहीं हो पाई।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 07:20 AM (IST)
अलीगढ़ में बिना जरूरत खरीदा करोड़ों का सामान, अब सड़ रहा, विस्तार से जानिए सच
अलीगढ़ में बिना जरूरत खरीदा करोड़ों का सामान, अब सड़ रहा, विस्तार से जानिए सच

अलीगढ़ [जेएनएन]:  उत्‍‍‍‍तर प्रदेश  के अलीगढ़ में अस्‍पताल को उच्चीकृत की आड़ में पिछले साल नौ करोड़ का घोटाला हुआ था, जिसमें अधिकारियों के खिलाफ जांच तो हुई, मगर पूरी नहीं हो पाई। इसमें बिना जरूरत के बाजार दर से कई गुना कीमत पर फर्नीचर, उपकरण व अन्य सामान खरीदा गया।  यह सामान आज भी अस्पतालों में सड़ रहा है। पिछले दिनों दीनदयाल अस्पताल में प्रमुख सचिव (पीडब्ल्यूडी) ने जिन बंद वार्डों के ताले तुड़वाए, उनमें यही सामान भरा था। सूत्रों की मानें तो ये सामान अब भी ठेकेदार के कब्जे में था। यही वजह थी कि चाबियां तक अस्पताल प्रबंधन के पास नहीं मिलीं।  

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ये था टेंडर घोटाला 

2018-2019 में दीनदयाल अस्पताल को उच्चीकृत करने के लिए 5.40 करोड़ व अतरौली के 100 बेड अस्पताल के लिए 4.70 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था। 21 फरवरी 2019 को तत्कालीन सीएमएस ने दोनों अस्पतालों का टेंडर निकाल दिया, जिसका तरीका ही गलत था। तत्कालीन सीएमओ व अन्य अधिकारियों ने परवाह नहीं की। बाजार दर से कई गुना कीमत पर सामान खरीदकर बजट का बंदरबांट कर लिया। दैनिक जागरण ने मामला प्रमुखता से उठाया। सामान की उपयोगिता पर सवाल उठाए। स्थानीय जनप्रतिनिधि सक्रिय हुए। खासतौर से कोल विधायक अनिल पाराशर ने कोई कमी नहीं छोड़ी। जिला प्रशासन ने जांच कर शासन को भेजी तो आरोपित तत्कालीन सीएमओ व सीएमएस के कई माह बाद तबादले कर दिए गए। सीएमएस-सीएमओ समेत कई अधिकारियों, चिकित्साधिकारी व  बाबुओं के खिलाफ जांच शुरू हो गई। अधिकारियों पर कदाचार की जांच खुद निदेशक (चिकित्सा व स्वास्थ्य) कर रहे हैं, मगर आज तक रिपोर्ट नहीं सौंपी।

छुपाकर रखा गया सामान 

टेंडर घोटाला कर अनाप-शनाप दरों पर खरीदा गया, तब से तालों के भीतर बंद था। न कोई इस्तेमाल होना था और न हुआ। दीनदयाल अस्पताल के भवन को 300 बेड के हिसाब से ही बनाया गया है। अस्पताल भूतल, प्रथम तल व द्वितीय तल में विभाजित हैं। 100 बेड की स्वीकृति होने के कारण द्वितीय तल का इस्तेमाल नहीं हुआ। यहां भी चार वार्ड बने हैं। वर्तमान में यह अस्पताल  कोविड-19 हॉस्पिटल के रूप में संचालित है। अभी तक यहां 92 बेड की व्यवस्था थी। अतरौली कोरोना अस्पताल में 120 बेड की सुविधा शुरू हो चुकी है। कोल विधायक अनिल पाराशर ने कोरोना काल में शहर स्थित अस्पताल की क्षमता का पूरा उपयोग न होने पर शासन में शिकायत की। प्रमुख सचिव व जिले के नोडल नितिन रमेश गोकर्ण को भी अवगत कराया। इसके बाद ही द्वितीय तल के वार्ड शुरू कर 24 घंटे में ही 32 बेड बढ़ा दिए गए। जल्द ही क्षमता 150 तक पहुंच जाएगी। 

 वार्डों में तत्कालीन अफसरों के स्तर से खरीदा गया सामान भरा था। मैंने कुछ समय पूर्व ही चार्ज लिया। अधिकारियों के निर्देश पर वार्डों को खुलवाकर क्षमता बढ़ाई जा रही है। 

डॉ. एबी सिंह, सीएमएस

सीएम से होगी शिकायत : पाराशर 

दीनदयाल अस्पताल में बेड समेत तमाम मेडिकल सामग्री को कबाड़ में तब्दील करने की सीएम से शिकायत होगी। कोल विधायक अनिल पाराशर का कहना है कि इसे जानबूझकर कबाड़ बनाने की कोशिश की गई है। पाराशर ने कहा है कि कोविडञ्-19 के मरीजों के लिए 30 बेड 24 घंटे में  तैयार हो गए। इसमें सीनियर सीटिजन को भर्ती कराया जाएगा। दो दिनों के अंदर 30 और बेड तैयार हो जाएंगे। कुल 150 बेड तैयार किए जाने हैं। अस्पताल में जो भी गड़बड़ी कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी। 


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