अलीगढ़, जेएनएन। लोकसभा शीतकालीन सत्र का हवाला देकर महापौर मोहम्मद फुरकान ने नगर निगम प्रशासन की सहमति पर बोर्ड अधिवेशन की तारीख दो दिन आगे बढ़ाकर 24 सितंबर निर्धारित की है। इस पर पार्षद दल ने आपत्ति जताते हुए धरने की चेतावनी है। इनका कहना है कि उन्हें अभी एजेंडा नहीं मिला है। प्रश्नों के जवाब भी नहीं दिए गए।
कृष्णाजंलि
नाट्यशाला में बोर्ड अधिवेशन 22 सितंबर को तय था। अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि लोकसभा शीतकालीन सत्र के चलते महापौर ने तारीख आगे बढ़ाई है। अधिवेशन निर्धारित स्थान पर होगा, इसके लिए डीएम को पत्र प्रेषित कर दिया है। इधर, उप सभापति व पार्षद पुष्पेंद्र जादौन ने कहा कि अधिवेशन पहले 14 सितंबर को होना था, जो स्थगित कर दिया। अब 22 सितंबर को भी नहीं हो रहा। ऐसा प्रतीत होता है कि निगम प्रशासन अधिवेशन कराना ही नहीं चाहता। यही वजह है कि पार्षदों को अभी तक एजेंडा नहीं दिया गया, जबकि अधिवेशन से 96 घंटे पहले एजेंडा मिल जाना चाहिए। पार्षदों में इसको लेकर रोष है। पार्षद वीरेंद्र सिंह का कहना है कि कुछ पार्षदों ने ऐसे प्रश्न पूछ लिए हैैं, जिससे निगम का भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगा, इसलिए निगम प्रशासन जवाब नहीं दे रहा है।
पार्षदों ने कराई कोविड- 19 की जांच
बोर्ड अधिवेशन से पहले पार्षद व निगम कर्मियों की कोविड- 19 की जांच होनी है। रविवार को सुबह 10 बजे पार्षद जवाहर भवन पहुंचे, लेकिन वहां कोई व्यवस्था न देख
भड़क
गए। उप सभापति ने बताया कि 19 से 21 सितंबर तक सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक जांच तय की गई। अपर नगर आयुक्त, सहायक नगर आयुक्त को फोन कर आपत्ति जताई तो आनन-फानन में दोपहर 1:30 बजे जांच शुरू हुई। करीब 50 पार्षद व कर्मचारियों ने जांच कराई, पार्षदों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जांच कराने वाले पार्षदों में अलका गुप्ता,
लतेश
चौधरी, नरेंद्र वाष्र्णेय, देव बाल्मीकि, पंकज सक्सेना, राजेंद्र चौहान, रश्मि पंकज, प्रवीण आर्य, दिनेश जादौन, वीरेंद्र सिंह आदि थे।