माध्यमिक विद्यालयों में ब्लाक प्रभारी की मनमर्जी, रिपोर्ट तैयार करने पर खिलाफत, जानिए मामला Aligarh News
कोई भी क्षेत्र हो अगर संबंधित क्षेत्र के काम के लिए अगर किसी को ब्लाक प्रभारी बनाया जाए तो इसका मतलब है कि सौंपी गई जिम्मेदारी को इमानदारी से निभाया जाए। मगर जिले में कुछ शिक्षक जिनको ब्लाक प्रभारी बनाया गया है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोई भी क्षेत्र हो अगर संबंधित क्षेत्र के काम के लिए अगर किसी को ब्लाक प्रभारी बनाया जाए तो इसका मतलब है कि सौंपी गई जिम्मेदारी को इमानदारी से निभाया जाए। मगर जिले में कुछ शिक्षक जिनको ब्लाक प्रभारी बनाया गया है वो अपनी मनमर्जी से रिपोर्ट तैयार करने की बात भी कर रहे हैं। इसकी खिलाफत शिक्षकों व शिक्षक नेताओं ने कर दी है। शिक्षकों ने एकजुट होते हुए फैसला किया है कि शासनस्तर से मांगी गई सूचना में जिला स्तर पर जो सच्चाई होगी वहीं बताएंगे। किसी के कहने से गलत या फर्जी सूचना शासन को नहीं भेजेंगे। हालांकि अभी ये मामला अफसरों के पास तक नहीं पहुंचा है लेकिन शिक्षा जगत में इसका काफी विरोध होना शुरू हो गया है।
यह है मामला
माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कितने विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई से जोड़ा गया है? कितने विद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है? इस संबंध में शासन की ओर से सभी विद्यालयों से सूचना मांगी गई है। एडेड व राजकीय विद्यालयों समेत जिले में वित्तविहीन कालेज संचालकों को भी सूचना देनी है। इस सूचना को एकत्रित करने के लिए राजकीय व एडेड विद्यालयों के शिक्षकों को ब्लाक प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में वित्तविहीन शिक्षकों की ओर से आवाज उठाई गई है कि आनलाइन शिक्षण के संबंध में जो वास्तविक स्थिति है वहीं वेबसाइट पर फीड की जाए। कुछ ब्लाक प्रभारियों की ओर से 80 से 90 फीसद विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा दिलाने की सूचना देने की बातें भी वित्तविहीन शिक्षक बता रहे हैं।
शिक्षक शिक्षण कार्य छोड़ अन्य कामों को करने के लिए मजबूर
वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश महासचिव नीरज शर्मा ने कहा कि 90 फीसद विद्यालय वाले गलत सूचना अपलोड करने को बाध्य हैं। ब्लाक प्रभारी तक ऐसी सूचना देने की बात कर रहे हैं। ऐसे में वित्तविहीन शिक्षकों से कहा गया है कि अगर मात्र 10 फीसद विद्यार्थियों को ही आनलाइन पढ़ाई से जोड़ा गया है तो वहीं सूचना अपलाेड करें। जब वित्तविहीन विद्यालयों को फीस के रूप में मिलने वाली राशि नहीं मिल रही, शासन की ओर से कोई आर्थिक सहायता भी नहीं की जा रही तो कौन शिक्षक होगा जो विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा देगा? जब ज्यादातर वित्तविहीन शिक्षक शिक्षण कार्य छोड़ अन्य कामों को करने के लिए मजबूर हो गए हैं।डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि शासन को सही व वास्तविक रिपोर्ट ही भेजनी है। गलत रिपोर्ट भेजने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। अभी इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है, अगर शिकायत आती है तो उसके बारे में पता कराया जाएगा।