किसानों के हित में बने कानून को साजिश के तहत कमजोर कर रही भाजपा सरकार
नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने की मांग को लेकर किसानों के चल रहे आंदोलन को कांग्र्रेस के वरिष्ठ नेता व राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समर्थन किया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने की मांग को लेकर किसानों के चल रहे आंदोलन को कांग्र्रेस के वरिष्ठ नेता व राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि किसानों के हित में बनाए गए कानून को भाजपा की सरकारें कमजोर करने का काम कर रही हैं। इसके खिलाफ किसानों के हर आंदोलन के साथ कांग्रेस है। किसानों की मांगों के समर्थन के लिए आया हूं न्याय मिलने तक किसानों के साथ रहूंगा।
वे दोपहर टप्पल के जिकरपुर गांव में में 50 दिन से चल रहे किसानों के धरने में शामिल हुए और किसानों की मांगों को उचित बताया। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है और छोटी सी बात है। इस देश में 70 सालों में बहुत से कानून बने। हमें कहने में कोई संकोच नहीं है कि किसान और किसानों के परिवारों की तकदीर बदलने के लिए कांग्र्रेस सरकार ने जो भूमि अधिग्र्रहण कानून बनाया वह आने वाले 70 सालों में भी कोई सरकार नहीं बना सकती।
सभी का भला चाहती है कांग्रेस
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं का कहना था कि हमें सत्ता चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। हम सभी का भला करना चाहते हैं। उनकी चिंता रही कि जो लोग देश का पेट पालते हैं, हमारे अन्नदाता हैं, उन लोगों के भविष्य की पीढिय़ों को सुरक्षित कैसे किया जाए? इसलिए नया कानून 2013 में बनाया गया, जिसे चुनाव हारने के बाद कांग्र्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगातार प्रयास किए। आठ बार लोकसभा में भी यह मामला उठाया। हम चाहते हैं कि पूरे की सभी सरकारें इस कानून को लागू करें। यह कहते हुए दुख है कि नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के साथ जो पहला काम किया, वह इस कानून को कमजोर करने का रहा। इस कानून को कमजोर करने के लिए वे अध्यादेश लेकर आए।
तब हाथ उठाए थे भाजपा सांसदों ने
कानून बनते समय भाजपा के लोगों ने भी हाथ उठाकर यह जताने की कोशिश की कि हम भी किसानों के साथ हैं। जब वोट पड़ गए, सरकार बन गई तब भाजपा को कुछ उद्यमियों के हित नजर आए। उद्योगपतियों ने मोदी जी की टांग खींचनी शुरू कर दी। तब कानून बदलने की साजिश की गई। कानून बदलने नहीं दिया जाएगा। आने वाले चुनावों में ऐसे नेता चुने जाएं, जो किसानों के हित की बात करें। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हर समय साथ हैं। जहां कहेंगे, चलने को तैयार हैं।
यह है मामला
टप्पल के गांव जिकरपुर में किसान नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने की मांग को लेकर 50 दिन से धरना दे रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान बसपा सरकार में जिकरपुर में ही किसान व पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था जिसमें तीन किसान व एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी। इसके बाद से जिकरपुर सियासी अड्डा भी बना हुआ है।