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SP politics in Aligarh: बिजेंद्र, अश्वनी के बाद अब किसका नंबर

पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्वनी शर्मा के सपा में शामिल होने के बाद सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कि अब कौन नेता सपा में शामिल होगा। पूर्व सांसद ने पांच माह बाद कांग्रेस छोड़ी थी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:54 AM (IST)
SP politics in Aligarh: बिजेंद्र, अश्वनी के बाद अब किसका नंबर
अब कौन नेता सपा में शामिल होगा। पूर्व सांसद ने पांच माह बाद कांग्रेस छोड़ी थी।

अलीगढ़, जेएनएन। पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्वनी शर्मा के सपा में शामिल होने के बाद सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कि अब कौन नेता सपा में शामिल होगा। पूर्व सांसद ने पांच माह बाद कांग्रेस छोड़ी थी। अब अश्वनी शर्मा भी किनारा कर गए। उन्होंने शनिवार को लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ सपा का दामन थाम लिया। पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहे। 

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यह है अश्‍विनी का कांग्रेस में सफर

अश्वनी शर्मा कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहकर कई पदों पर भी काम कर चुके हैं। चौधरी बिजेंद्र सिंह के कांग्रेस छोड़कर चले जाने के बाद से अश्वनी शर्मा के सपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। शनिवार को इस पर मुहर भी लग गई। श्री शर्मा को बिजेंद्र सिंह खेमे से जुड़ा माना जाता रहा है। अश्वनी शर्मा का कहना है कि समाजवादी पार्टी की नीतियों व रीतियों से प्रभावित होकर इसमे शामिल हुए हैं। पार्टी हित में जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरी जिम्मेदारी से पूरा करेंगे। चुनाव में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे। इस पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व प्रदेश सचिव मनोज सक्सेना ने कड़ी नाराजगी जताई है। कहा है अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को  अलीगढ़ के संगठन पर गौर करना होगा। अगर यही हाल रहा था तो पार्टी में कार्यकर्ता नहीं बचेंगे। विधानसभा चुनाव में पार्टी की ताकत कम होगी इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता। किसी भी पार्टी की ताकत उसके कार्यकर्ता ही होते हैं। जिस प्रकार से वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ रहे है ये सोचने का विषय है। सपा में जिस प्रकार से कांग्रेस के लोग शामिल हो रहे हैं या तो यह एक सोची-समझी रणनीति है या जिले में राष्ट्रीय प्रदेश स्तर के नेता पार्टी को कमजोर करने पर आमादा है। पंचायत चुनाव में पार्टी को कमजोर किया जा रहा है। प्रदेश नेतृत्व पार्टी के नेताओ को रोक नही पा रहा। आरोप लगाया कि संगठन में कार्यकर्ता की अपेक्षा के शिकार हो रहे हैं।


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