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सफर में अनजान लोगों से सावधान, अलीगढ़ में जहरखुरान बना रहे शिकार

अब ट्रेनों की बजाय रोडवेज बसों में ज्यादा बढ़ रहीं जहरखुरानी की घटनाएं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 06:56 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 06:56 PM (IST)
सफर में अनजान लोगों से सावधान, अलीगढ़ में जहरखुरान बना रहे शिकार
सफर में अनजान लोगों से सावधान, अलीगढ़ में जहरखुरान बना रहे शिकार

केस - एक : हरियाणा में नौकरी करने वाले कस्बा गंगीरी के विजयशंकर 19 अप्रैल को रोडवेज बस से अलीगढ़ आ रहे थे। रास्ते में जहरखुरान ने पहले दोस्ती की फिर नशीला बिस्कुट खिलाकर 25 हजार की नकदी व कीमती सामान पार कर लिया।

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केस-दो : पिसावा के सबलपुर गांव निवासी राजकुमार गुरुग्राम में नौकरी करते हैं। 27 मई को घर आ रहे थे। जहरखुरान ने नशीली कोल्ड ड्रिक पिला दी और जेब में रखे 22 हजार रुपये, मोबाइल फोन और कीमती सामान लेकर फरार हो गए।

केस -तीन : गाजियाबाद में नौकरी करने वाले अकराबाद के गोपी निवासी बनवारी 17 सितंबर को घर आ रहे थे। तभी रास्ते में मिले दो शातिरों ने उन्हें झांसा देकर नमकीन खिला दी। फिर बेहोश होने पर जेब में रखे 14 हजार रुपये व कीमती सामान लेकर गायब हो गए।

केस- चार : अतरौली के लोहगढ़ निवासी हरवीर 18 अक्टूबर को दिल्ली से अलीगढ़ आ रहे थे। जहरखुरान ने उन्हें अपनी बातों में लगाकर कोल्ड ड्रिक पिला दी। बेहोश हो जाने पर शातिर हजारों रुपये का सामान चोरी कर ले गए।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : रोडवेज बसों में जहरखुरान गिरोहसक्रिय है। आप रोडवेज बस में सफर कर रहे हैं तो अनजान लोगों से सावधान रहें। वे कुछ खाने-पीने को दें तो स्वीकार न करें। दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ आदि से आने वाली बसों में जहरखुरान रोज किसी न किसी यात्री को शिकार बना रहे हैं।

त्योहारों पर बढ़ जाती हैं घटनाएं

जहरखुरान त्योहारों पर बढ़ने वाली भीड़ का फायदा उठाते हैं। अधिकांश गिरोह के सदस्यों की बस व ट्रेन के स्टाफ से जान-पहचान होती है। इसका फायदा उठाकर वे यात्रियों का सामान पार कर ले जाते हैं। गिरोह ग्रामीण परिवेश वाले यात्रियों को ये ज्यादा शिकार बनाते हैं। उन्हें नशीले खाद्य पदार्थ खिलाकर या सुंघाकर कर बेहोश कर देते हैं और फिर माल समेटकर गायब हो जाते हैं।

तीन महीने में 45 से अधिक घटनाएं : पिछले तीन माह में ही अलीगढ़ -दिल्ली व कानपुर रूट पर जहरखुरानी की 45 से भी अधिक वारदातें हो चुकी हैं। इसका प्रमाण जिला अस्पताल में बेहोशी की हालत में भर्ती होने वाले यात्रियों का रिकार्ड है। पीड़ितों को राहगीर व पुलिस की मदद से भर्ती कराया गया था।

मानवीयता नहीं दिखाता बस स्टाफ : ने बेहोश यात्रियों को रोडवेज के चालक व परिचालक एकांत स्थान पर उतारकर चले जाते हैं। कई बार सही समय पर उपचार न मिलने पर यात्री की मौत तक हो जाती है। जबकि सरकार के निर्देश हैं कि बस स्टाफ पीड़ित यात्री को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराए, जिससे उसकी जान बच सके।

नहीं होती है कार्रवाई : इन सारी घटनाओं में से किसी की भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। पुलिस ऐसे मामलों में पहले सीमा विवाद में उलझ जाती है, फिर पीड़ित को टहलाती रहती है। परेशान पीड़ित पखुद ही बिना कार्रवाई किए घर चला जाता है।

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जहरखुरानों से बचाव को समय -समय पर यात्रियों को जागरूक किया जाता है। इसके बाद भी लोग सफर में दूसरों की दी गई खान-पान सामग्री का सेवन कर लेते हैं। जिससे शिकार बन जाते हैं। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस अब तक कई जहरखुरानों को जेल भी भेज चुकी है।

कुलदीप सिंह गुनावत, एसपी सिटी


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