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World Mental Health Day : अकेले रहने से बढ़ता है डिप्रेशन और अववाद Hathras News

हाथरस जागरण संवाददाता । ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता लाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 05:03 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 05:07 PM (IST)
World Mental Health Day : अकेले रहने से बढ़ता है डिप्रेशन और अववाद Hathras News
रविवार को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जिला अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे।

हाथरस, जागरण संवाददाता । ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता लाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। रविवार को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जिला अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे।

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1992 में हुई थी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस की शुरुआत

जिला स्वास्थ शिक्षा सूचना अधिकारी डाक्टर चतुर सिंह के अनुसार वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई थी। उन्होंने बताया कि जो लोग डिप्रेशन या अवसाद में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अकेले में रहने के दौरान डिप्रेशन और अवसाद के चलते आत्महत्या तक का विचार मन में आ सकता है। ऐसे लोगों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। वर्तमान समय में बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस दिवस के अवसर पर बागला जिला अस्पताल परिसर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया जाएगा।

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है ये दिन

क्लीनिकल मनोचिकित्सक रिंकी लकड़ा ने बताया कि विश्व को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि मानसिक रोग कई प्रकार के होते है। इनमें डिमेंशिया, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, तनाव, चिन्ता, कमजोर याददाश्त, बाइपोलर डिसआर्डर, अल्जाइमर रोग, भूलने की बीमारी आदि शामिल हैं। उन्होंने मानसिक बीमारी के लक्षण अत्यधिक भय व चिन्ता होना, थकान और सोने में समस्या होना, वास्तविकता से अलग हटना, दैनिक समस्याओं से निपटने में असमर्थ होना, समस्याओं और लोगों के बारे में समझने में समस्या होना, शराब व नशीली दवाओं का सेवन, हद से ज्यादा क्रोधित होना आदि बताए। मानसिक बीमारी से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए एसीएमओ डॉ. मधुर कुमार ने बताया कि यदि किसी को मानसिक बीमारी है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें।


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