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यश भारती से पुरस्कृत डॉ.विष्णु सक्सेना बोले,बदहाल होती रही हिंदी तो संस्कृति को बचाना मुश्किल Hathras news

यूपी बोर्ड परीक्षा में आठ लाख विद्यार्थियों के हिंदी में फेल होने पर प्रख्यात गीतकार डॉ.विष्णु सक्सेना ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि हिंदी की दुर्दशा दूर न हुई तो भारत की

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 07:20 AM (IST)
यश भारती से पुरस्कृत डॉ.विष्णु सक्सेना बोले,बदहाल होती रही हिंदी तो संस्कृति को बचाना मुश्किल Hathras news
यश भारती से पुरस्कृत डॉ.विष्णु सक्सेना बोले,बदहाल होती रही हिंदी तो संस्कृति को बचाना मुश्किल Hathras news

हाथरस[जेएनएन]: यूपी बोर्ड परीक्षा में आठ लाख विद्यार्थियों के हिंदी में फेल होने पर प्रख्यात गीतकार डॉ.विष्णु सक्सेना ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि हिंदी की दुर्दशा दूर न हुई तो भारत की संस्कृति नहीं बचेगी। 

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आठ लाख विद्यार्थी हिंदी में फेल

यश भारती से पुरस्कृत डॉ. सक्सेना ने सवाल उठाया है कि हमारी शिक्षा पद्धति आखिर किधर जा रही है?  कितने शर्म की बात है कि हिंदी  भाषी क्षेत्र में आठ लाख विद्यार्थी हिंदी में फेल हो गए। इसका दोष किसे दें? बच्चों को, अभिभावकों को, अध्यापकों को या सरकार को। थोड़े -थोड़े सभी दोषी हैं। सरकार का दोष ज्यादा है, क्योंकि पूरा तंत्र उसके हाथ में है। माना कि कैरियर के लिए अंग्रेजी बहुत आवश्यक है, लेकिन चरित्र निर्माण के लिए तथा अपनी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए हिंदी उससे अधिक आवश्यक है। 

अभिभावकों को भी अपने बच्चों की तरफ ध्यान देना होगा

उपाय के सवाल पर कहा कि  पाठ्यक्रम बनाने वाली कमेटियों को बदला जाना चाहिए। इसमें नए बुद्धिजीवियों को शामिल करके हिंदी के पाठ्यक्रम में उपयोगी सामग्री को शामिल किया जाना चाहिए। उन स्कूल कालेजों की मान्यता समाप्त करनी चाहिए, जो कागजों पर चल रहे हैं। जहां-जहां हिंदी अध्यापकों के स्थान रिक्त हैं, उन्हें तत्काल भरना चाहिए। अभिभावकों को भी अपने बच्चों की तरफ ध्यान देना होगा। बच्चों के दिमाग में एक बात अच्छी तरह बिठा देनी चाहिए कि अगर हम अपनी मातृभाषा में फेल हो गए तो धीरे-धीरे यह देश फिर से गुलाम हो जाएगा। 


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