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Water Conservation Day : गर्मी शुरू होते ही गहराने लगा पेयजल संकट, काम की जगह उपदेशों की लगेगी भरमार Aligarh news

यह सब जानते हैं जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। हर साल गर्मियों में हैंडपंप री-बोर होते हैं ।सबमर्सिबल भी साथ छोड़ देते हैं। इसके बावजूद हम नहीं सुधर रहे। पानी बचाने का प्रयास न तो जनता की ओर से हो रहा है और न सरकार की ओर से।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 06:03 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 06:30 AM (IST)
Water Conservation Day : गर्मी शुरू होते ही गहराने लगा पेयजल संकट, काम की जगह उपदेशों की लगेगी भरमार  Aligarh news
आज 22 मार्च को जल संरक्षण दिवस पर एक बार फिर पानी बचाने की बड़ी-बड़ी बातें होंगी।

अलीगढ़, जेएनएन : यह सब जानते हैं जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। हर साल गर्मियों में हैंडपंप री-बोर होते हैं, सबमर्सिबल  भी साथ छोड़ देते हैं। इसके बावजूद हम नहीं सुधर रहे। पानी बचाने का प्रयास न तो जनता की ओर से हो रहा है और न सरकार की ओर से। गर्मियों में जब पानी संकट गहराता है तब जरूर सभी पानी बचाने के उपदेश दिए जाते हैं। आज 22 मार्च को जल संरक्षण दिवस पर एक बार फिर पानी बचाने की बड़ी-बड़ी बातें होंगी। कुछ देर बाद भुल भी जाएंगे। 

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अलीगढ़ के 206 गांवों पानी जल संकट से जूझ रहे

पिछले दिनों शासन ने अलीगढ़ समेत 10 नगर निगमों में भूजल का आकलन करने के निर्देश जारी किए हैं। इसमें भूजल स्तर, इसके बचाने के संधासन व कार्ययोजना और पेयजल आपूर्ति के लिए उपलब्ध जल स्रोतों की रिपोर्ट मांगी है। जिससे बारिश से पहले जल संचय के इंतजाम किए जा सकें। इसके लिए भूगर्भ जल विभाग होता है, जो भूजल की निगरानी कर समय-समय पर रिपोर्ट देता है। लेकिन, अलीगढ़ में ये विभाग ही नहीं है। एक कर्मचारी तक नहीं है। आगरा से औपचारिकता पूरी की जाती हैं। कभी मीटिंग होती है तो वहीं से अवर अभियंता शामिल होते हैं। यह स्थिति तब है, जब अलीगढ़ के 206 गांवों पानी जल संकट से जूझ रहे हैं। 

भरपूर पानी भी नहीं 

नगर निगम आवश्यकता के अनुसार पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा। हैंडपंप, नलकूप सूख रहे हैं। 10 साल पहले जहां 100 फुट गहराई पर पानी था, वहां 250 फुट की बोरिंग कराई जाती है। जल निगम द्वारा शहर में 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पेयजल आपूर्ति नलकूपों द्वारा की जा रही है। 80 एमएलडी हैंडपंप व सबमर्सिबल के जरिए हो रही है। उपलब्ध जलस्रोतों से कुल 180 एमएलडी पेयजल आपूर्ति होती है। जबकि, आबादी के अनुसार 225 एमएलडी पानी चाहिए। जलस्तर गिरने से शहर के 500 हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया था, जिन्हें रिबोर कराया गया।   

ये भी जानें  

65420 नलकूपों से होती है 275895 हेक्टेयर की सिंचाई 

206 गांव जलस्तर गिरने से संकटग्रस्त क्षेत्र हो चुके घोषित 

225 एमएलडी पेयजल आपूर्ति नहीं कर पा रहा जलनिगम  

64600 निजी नलकूपों से 270670 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई 

820 राजकीय नलकूपों से 5225 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई 

1560 किमी तक फैला है नहरों का नटवर्क 

12 प्रमुख वाटरशेड (जलागम क्षेत्र) हैं जिले में 

इस तरह गिर रहा जल स्तर 

विकास खंड, प्रतिवर्ष गिरावट(सेमी. में), जलस्तर (फुट में) 

अकराबाद, 28.00, 30-100 

गौंडा, 9.87, 45-60 

बिजौली, 6.10, 40-45 

खैर, 3.70, 100-150 

गंगीरी, 5.09, 40-50 

अतरौली, 20.44, 40-45 

इगलास, 6.39, 85-200 

चंडौस, 20.02, 90-200 

लोधा, 17.32, 110-150 

जवां, 6.13, 40-80 

धनीपुर, 2.27, 150-180 

टप्पल, 5.68, 30-100 


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