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सोचिए, नियमों के साथ कहीं जिंदगी की डोर तो नहीं तोड़ रहे आप aligarh news

पिछले महीने यानी अगस्त में 73 हादसे हुए जिनमें 39 लोगों की जान गई और 64 लोग घायल हुए। 36 हादसे दोपहिया और 17 हादसे चार पहिया वाहनों के हुए।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 12:27 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 04:22 PM (IST)
सोचिए, नियमों के साथ कहीं जिंदगी की डोर तो नहीं तोड़ रहे आप aligarh news
सोचिए, नियमों के साथ कहीं जिंदगी की डोर तो नहीं तोड़ रहे आप aligarh news

सुमित शर्मा, अलीगढ़।  यदि आप यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो जरा संभल जाइये। सोचिए, नियमों के साथ कहीं जिंदगी की डोर तो नहीं तोड़ रहे। भागदौड़ भरी जिंदगी में सावधानी भी बहुत जरूरी है, यह जानकर भी हम अनजान बन जाते हैं। यही लापरवाही जान पर भारी पड़ती है। जिले में हर रोज हादसे हो रहे हैं। किसी न किसी घर का चिराग इनकी भेंट चढ़ता है। पिछले महीने यानी अगस्त में 73 हादसे हुए, जिनमें 39 लोगों की जान गई और 64 लोग घायल हुए। 36 हादसे दोपहिया और 17 हादसे चार पहिया वाहनों के हुए।

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चौंकाते आकड़े

आठ माह का आकड़ा चौंकाने वाला है। जनवरी से अगस्त के अंत तक 618 हादसे हुए, जिनमें  360 लोगों की जान गईं। 627 घायल हुए। इनमें से कई तो अभी भी पलंग पर हैं। कुछ हाथ-पांव गवां चुके हैं। देश में हर साल 1.50 लाख लोगों की मौत होदसों में होती है। इस सबके बाद भी हालात बदल नहीं रहे। शहर में हर रोज लापरवाही और नियम तोड़कर वाहन चलाने के नजारे होते हैं। यह संवेदनशील लोगों के लिए भले चिंता का कारण हो, पर हालात तब तक नहीं बदल सकते, जब तक हमारी आदत न बदले। इसके लिए लापरवाही से नहीं, नियमों से वाहन चलाना शुरू करना जरूरी है। क्योंकि, जान है तो जहान है।

...तब प्रभावशाली लोग देते हैं नियम तोडऩे वालों का साथ

 ज्यादातर हादसे नशा करके वाहन चलाने, गलत दिशा में चलने, हेलमेट न पहनने, सीट बेल्ट न उपयोग न करने से होते हैं। नियमों का कड़ाई से पालन हो नहीं पा रहा। कभी होता है तो नेताओं और प्रभावशाली लोगों के फोन नियम तोडऩे वाले लोगों के पक्ष में ही होते हैं। हाल ही में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल- 2019 के लागू होने के बाद बढ़ी जुर्माने की रकम को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह कमेंट आ रहे हैं लेकिन सोचिए, इसकी जरूरत क्यों पड़ी। जवाब हमारी लापरवाही ही है।

इनसे पूछो हादसों का दर्दः हेलमेट न पहनने से गई थी जान

रामघाट रोड स्थित डीपीएस स्कूल के सामने 31 अगस्त की रात अज्ञात वाहन ने बाइक को रौंद दिया था। हादसे में बाइक सवार बुलंदशहर के कस्बा पिलखना निवासी आवेश कुमार (28) की मौत हो गई थी। हेलमेट न  पहनने के कारण आवेश के सिर में गंभीर चोटें आई थीं। अगर हेलमेट पहन रखा होता तो शायद जान बच जाती।

टप्पल में भी दो की गई जान

टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर पुल के नीचे 16 अगस्त की रात  बाइक सवार दो युवकों को ट्रक ने टक्कर ने मार दी थी। हादसे में बाइक सवार दारूकूटा मोहल्ला निवासी आशीष (20) तथा हरियाणा वामनी खेड़ा निवासी देवेंद्र (16) की मौत हो गई थी। दोनों टप्पल स्थित ननिहाल आए थे। हेलमेट नहीं पहने हुए थे।

जरूरी है नियमों का पालन

भदेसी के अजय सिंह का कहना है कि सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। वाहन चलाते समय इनका पालन करेंगे तो जीवन सुरक्षित रहेगा। महेंद्र नगर के आशीष सोनी का कहना है कि कोई भी नियम तभी सफल हो सकता है, जब खुद से पहल करेंगे। हमें जिम्मेदारी समझनी होगी। अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना होगा। बंसल नगर के रॉकी शर्मा का कहना है कि कार चलाते वक्त अक्सर लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते। ऐसे में वे खुद की जान को जोखिम में डालते हैं। हमें नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। संगम विहार कॉलोनी के कृष्णवीर सिंह का कहना है कि बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहनना चाहिए। नशे में वाहन न चलाएं। हादसों पर तभी रोक लगेगी, जब नियमों का पालन ठीक से होगा।

कमी लाने का है प्रयास

एसपी ट्रैफिक अजीजुल हक का कहना है कि हेलमेट लोगों की सुरक्षा के लिए हैं, फिर भी अनदेखी करते हैं।  समय-समय पर प्रचार प्रसार के बावजूद लोगों में यातायात नियमों को लेकर जागरूकता नहीं आ रही।  इसीलिए कठोर नियम बनाए गए हैं। हादसों पर नियंत्रण पाने पर भी जोर रहता है। लक्ष्य रहता है कि सड़क हादसों में प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की कमी लाई जाए। 

अलीगढ़ जिले में हुए हादसों पर नजर

माह       हादसे     मौत   घायल  

जनवरी  65         39      62

फरवरी  60          31      65

मार्च     96          61     100

अप्रैल    62         42       47

मई      78          43      78

जून      86         58      117

जुलाई   98         47      94

अगस्त  73        39       64

कुल     618       360    627

(आकड़े यातायात विभाग से लिए गए हैं।)


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