प्रयागराज में लगे अर्धकुंभ में फैल रही है हाथरस की हींग की महक
प्रयागराज में लगे अर्धकुंभ में हाथरस की हींग की महक भी फैल रही है। शहर के कई बड़े हींग कारोबारियों ने अपनी फर्म के स्टॉल कुंभ में लगाए हैं।
हाथरस (जेएनएन)। प्रयागराज में लगे अर्धकुंभ में हाथरस की हींग की महक भी फैल रही है। शहर के कई बड़े हींग कारोबारियों ने अपनी फर्म के स्टॉल कुंभ में लगाए हैं। कारोबारी जिला उद्योग केंद्र के सहयोग से 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत लगे इन स्टॉलों के जरिये देश-विदेश के लोगों को हाथरस की हींग की खासियत बताने में सफल हुए हैं। कारोबारियों की मानें तो कुंभ महोत्सव में उन्हें अच्छा रेस्पांस मिला है। बड़ी तादाद में लोग हींग ही नहीं बल्कि हींग से बने दूसरे उत्पाद जैसे अनारदाना, हींग पेड़ा, हींगबटी को पसंद कर रहे हैं और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के लिए भी खरीद रहे हैं।
कुंभ में लगाए स्टॉल
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त दुष्यंत कुमार के मुताबिक कुंभ में चार कारोबारियों के हींग के स्टॉल लगाए जा रहे हैं। पहले यह स्टॉल एक जनवरी से लगने थे लेकिन अब ये दस जनवरी से लगाए जा रहे हैं। तय रोस्टर के मुताबिक सभी कारोबारी 14-14 दिन स्टॉल लगाएंगे। फिलहाल आरबी इंडस्ट्रीज का स्टॉल लगा है। इसके बाद राजेश अग्रवाल की किला गेट स्थित दुर्गा भगवती इंडस्ट्री, पत्थर वाले बाजार स्थित पुनीत पोद्दार की मैसर्स दुर्गा मेटल एंड फूड प्रोडक्ट और सादाबाद गेट स्थित अभय कुमार की मंगल सेल्स ट्रेडिंग कंपनी अपना स्टॉल लगाएगी। चार मार्च तक यह स्टॉल लगाए जाएंगे। कुंभ महोत्सव में लगी डिजिटल स्क्रीन पर हाथरस के हींग उत्पादों का प्रचार किया जा रहा है। इसके लिए प्रयागराज से आई एक टीम ने आरबी इंडस्ट्रीज के यहां वीडियोग्राफी की और हींग बनाने के कई विजुअल शूट किए। दुष्यंत कुमार ने बताया कि कुंभ महोत्सव में कई जिलों का कोई स्टॉल नहीं लगा है और हाथरस जिले से चार स्टॉल लगना बड़ी सफलता है। इससे पहले गोरखपुर में भी ओडीओपी के तहत हाथरस के कई कारोबारियों ने अपने स्टॉल लगाए थे।
हींग नगरी के रूप में पहचान है हाथरस की
कभी दाल-दलहन, तिलहन व सूत-कपास उद्योग में देशभर में धाक रखने वाले हाथरस की ख्याति पांच दशक से हींग नगरी के रूप में उभरी है। इस समयांतराल में परंपरागत उद्योग भले ही दरकते चले गए, मगर हींग कारोबार यहां जड़ें जमाता चला गया। आज शहर में दो दर्जन से ज्यादा हींग तैयार करने के बड़े कारखाने हैं, ट्रेडर्स की संख्या तो यहां सैकड़ों में है। देखा जाए तो यह कारोबार यहां हजारों हाथों को काम दे रहा है। प्रदेश सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के तहत हींग कारोबार का चयन किया है।