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Announcement to visit Mathura: मथुरा कूच करने का ऐलान: हिंदुत्ववादियों पर नजर, खुफिया तंत्र हुआ सक्रिय

छह दिसंबर को कुछ हिंदुत्ववादी नेताओं की ओर से मथुरा पहुंचने के ऐलान को देखते हुए खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। वह हिंदुत्ववादी नेताओं पर नजर रखे हुए है। उन्हें आशंका लग रही है कि छह दिसंबर को मथुरा पहुंच सकते हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 07:59 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 07:59 AM (IST)
Announcement to visit Mathura: मथुरा कूच करने का ऐलान: हिंदुत्ववादियों पर नजर, खुफिया तंत्र हुआ सक्रिय
हिंदुत्ववादी नेताओं की ओर से मथुरा पहुंचने के ऐलान को देखते हुए खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। छह दिसंबर को कुछ हिंदुत्ववादी नेताओं की ओर से मथुरा पहुंचने के ऐलान को देखते हुए खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। वह हिंदुत्ववादी नेताओं पर नजर रखे हुए है। उन्हें आशंका लग रही है कि छह दिसंबर को मथुरा पहुंच सकते हैं।

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देश भर में हलचल

चुनाव आते ही मुद्दे गरमाने लगे हैं। कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने छह दिसंबर को मथुरा पहुंचने के एलान से पूरे देश में एक बार फिर से हलचले तेज हो गई हैं। हर किसी को छह दिसंबर 1992 की तारीख याद आने लगी है। हालांकि, यह एलान इतने बड़े संगठनों की ओर से नहीं है, जिससे इतनी बड़ी संख्या में हिंदुत्ववादी मथुरा पहुंचे सकें, फिर भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ गई है। दरअसल, अयोध्या में विवादित ढांचा छह दिसंबर को ढहा दिया गया था। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना समेत तमाम संगठन के कार्यकर्ता कारसेवक के रुप में अयोध्या पहुंच रहे थे। छह दिसंबर को अयोध्या में कारसेवकों का सैलाब उमड़ पड़ा था। पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि इतने बड़े सैलाब को कैसे रोका जा सके? चारों ओर पहरा धरा का धरा रह गया और कारसेवकों के सैलाब ने विवादित ढांचा ढहा दिया गया। इससे पूरे देश में दंगा भड़क गया। खूब हंगामा हुआ। इसलिए छह दिसंबर को अचानक मथुरा कूच करने के एलान को देखते हुए खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। उन्हें अंदेशा है कि कहीं कारसेवक बनकर हिंदुत्ववादी पहुंचने न लगे। ऐसे में उन्हें रोकना मुश्किल हो गया। पूरे देश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। जिलों में हिंदुत्वादी संगठनों से खुफिया तंत्र बातचीत कर रहा है। उनसे टोह ले रहा है कि कहीं कोई तैयारी तो नहीं चल रही है? गुपचुप तरीके से कहीं कोई रणनीति तो नहीं बन रही है? जिससे उन्हें मथुरा जाने से रोका जा सके। वह छह दिसंबर को कोई ऐसा कार्य न करें जिससे देश का माहौल खराब हो। क्योंकि विवादित ढांचा ढहाए जाने की तिथि को लेकर अभी भी विशेष वर्ग में नाराजगी है। हालांकि, जिले के हिंदुत्वादी संगठनों में अभी कोई खास हलचल नहीं है। हिंदू महासभा की तैयारी थी, मगर माहौल को देखकर उसे रद कर दिया। उनका कहना है कि माहौल शांत होने पर मथुरा जाएंगे। फिलहाल अभी काेई तैयारी नहीं है।


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