उत्तर प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा, दिनदहाड़े दुष्कर्म और रातभर गांजा : अखिलेश यादव Aligarh news
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कृषि कानून के विरोध में सोमवार को टप्पल में आयोजित किसान मंचायत में प्रदेश सरकार को घेरा। उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। एक कहावत कहते हुए बोले बहुत पुरानी कहावत है। अंधेर नगरी चौपट राजा।
अलीगढ़, जेएनएन : सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कृषि कानून के विरोध में शुक्रवार को टप्पल में आयोजित किसान पंचायत में प्रदेश सरकार को घेरा। उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। एक कहावत कहते हुए बोले, बहुत पुरानी कहावत है। अंधेर नगरी चौपट राजा। उत्तर प्रदेश में हो रहा है कि अंधेर नगरी चौपट राजा, दिनदहाड़े दुष्कर्म और रातभर गांजा। जिसको भी देखना है तो यूपी में आजा। बताओ कानून व्यवस्था की क्या हालत कर दी। सीएम कहते हैं ठोक दो। ठोक दो के चक्कर में पुलिस को नहीं किसे ठोक दें और जनता को नहीं पता किसे ठोक हैं। बताओ हमारे यहां ऐसी सरकार चल रही हैं।
किसानों को न्याय दिलाने की बात कही
पंचायत में करीब साढ़े तीन घंटे देरी से आए अखिलेश ने किसानों को न्याय दिलाने की बात कही। कहा, सीएम कमाल के हैं। बहुत सी चीजें उन्हेें समझ नहीं आतीं। सपा ने लेपटाप बांटे थे। हो सकते हैं अभी गांवों में चल रहे थे। सपा ने इसिलए लैपटाप बांटे, क्योंकि हम लैपटाप चलाना जानते हैं। सीएम योगी ने इसलिए नहीं बांटे, क्योंकि वे नहीं जानते। उन्हें लाल टोपी से बहुत तकलीफ है, लेकिन सुना है जब से समाजवादियों ने जवाब दे दिया तब से लाल टोपी नहीं बोलते।
केंद्र सरकार पर जमकर बरसे
उन्होंने कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को जमकर कोसा। कहां आज किसानों के आंदोलन को 100 दिन हो चुके हैं लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा! मुझे भरोसा है कि किसान नौजवान जब तक तब तक संघर्ष करता रहेगा तब तक यह कानून खत्म नहीं हो जाते। अखिलेश ने किसानों को भरोसा दिलाया कि यह लड़ाई आपकी है लेकिन समाजवादी पार्टी आपके साथ खड़ी हुई है। क्योंकि इससे भारत का भविष्य जुड़ा हुआ है। यदि अन्य पैदा नहीं होगा तो बताओ हम कितने दिन जीवित रहेंगे?
लाल रंग क्रांति का रंग है
एक चीज बता दूं, जितनी अच्छी लाल टोपी हमें लग रही है, यदि एक बार मुख्यमंत्री जी पहन लें तो कितने अच्छे लगेंगे आप सोचिए। लाल रंग हमारा नहीं। यह क्रांति का रंग है। ये इमोशन का रंग है। ये भावनाओं का रंग है। जब हम खुश होते हैं तो चेहरालाल हो जाता है। दुखी होते हैं कान लाल हो जाते हैं। जब मुकाबला पुलिस से होता है तो हमारा भी मुंह ला और उनका भी मुंह लाल होता है। ये पुलिस वाले तो वैसे ही चक्कर में फंस गए, वैश्विक महामारी में इनके भी पैसे कट गए हैं। कोई बता दे पुलिस वाला कि उनका वेतन न कटा हो। डंडा लेकर ये वसूली भी कर रहे थे कि नहीं बताओ। समाजवादियों ने इन्हें सौ नंबर वाली गाड़ी दी, हमारे बाबा जी ने इन्हें 112 कर दी। ये नाम बदलने वाले हैं। अगर लखनऊ गए एक नाम से वापस आने पर हो सकता है दूसरा नाम हो जाए आपका। हमारे सीएम नाम बदलने वाले मुख्यमंत्री हैं। उद्घाटन का उद्घाटन करने वाले हैं, शिलान्यास का शिलान्यास करने वाले हैं।
सौ दिन से चल रहा किसान आंदोलन
कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए अखिलेश यादव नेे कहा कि जिस दिन से किसानों ने आंदोलन शुरू किया है, कोई भी राजनीतिक दल हो सभी ने नारा दिया जय जवान जय किसान का नारा दिया। दिल्ली में किसान बैठे हैं। आंदोलन के सौ दिन हो गए हैं। मुझे पूरा भरोसा है, ये किसान नौजवान जब तक संघर्ष करते रहेंगे, जब तक कि ये तीन कानून वापस नहीं हो जाते। ये लड़ाई किसानों की जरूर है, लेकिन हम इनके साथ है। यदि किसान अन्नदाता खेती न करें तो बताओ जीवन क्या है धरती पर। बिना खाए कितने दिन जिंदा रह सकते हैं। खेत और खेत में काम करने वाले किसान हमारा जीवन चलाते हैं। अभी तो वैश्विक महामारी देखी है। न केवल हम आप सब कितनी तकलीफ में रहे। इसके कारण हम लोग परेशानी में रहे। घरों में रहे। कारोबार ठप हो गया। छोटे दुकानदार, रिक्शाचलाने वालों का काम बंद हो गया। उस समय भी वैश्विक महामारी के सामने यदि कोई काम पर निकला तो वह किसान था। उसके चलते देश बच गया। ये काम न करते तो देश बर्बाद हो जाता। पैदावार को कम नहीं होने दिया।
भाजपा की आंख और कान किसने बंद कर दिए
बीमारी से बचने के लिए हमने नाक मुंह बंद किए। लेकिन, पता नहीं किन लोगों ने भाजपा की आंख और कान बंद कर दिए हैं। जिन किसानों की ये सुनवाई नहीं कर रहे। तकलीफ परेशानियों को देख नहीं पा रहे। कौन हैं जिन्होंने भाजपा की सरकार में बैठे लोगों की आंखें बंद कर दी हैं। कौन लोग हैं जो सुन नहीं पा रहे हैं। दो सौ से ज्यादा किसान आंदोलन में शहीद हो गए। सर्दी में सड़क पर रहे। किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में भाजपा सरकार ने क्या -क्या नहीं किया। जैसे कभी जो होता है, वहीं हमारे अन्नदाताओं को रोकने के लए भाजपा सरकार ने किया। अपनी बात कहने के लिए जा रहे किसानों को दिल्ली में घुसने नहीं दिया, अपमानित किया।
कहां है कालाधन
नोटबंदी में सब पैसा हमारा निकलवा लिया। अब तक नहीं बताया कालाधन कहां है, न भ्रष्टाचार खत्म हुआ। न पुलिस का भ्रष्टाचार खत्म हुआ न तहसील का। बाजार में पैसा पहले से ज्यादा है। डीजल-पेट्रोल की कीमत बढ़ गई। ये महंगाई से मुनाफा हो रहा है, वह आखिर कहां जा रहा है। किसी को नौकरी नहीं मिल रही। इस बार मोबाइल पर झूठ प्रचार करके सरकार बनाई है, इस लोग सरकार का घमंड तोड़ देंगे। ये कहते विश्व गुरु बनने की बात कहते हैं, बिना खेती, बिना किसान कैसे बनेंगे। अमेरिका सबसे अधिक ताकतबर है। वह अपने किसानों की खेती को घाटे में नहीं जाने देता। भाजपा सरकार किसान के भाव बाजार पर छोड़ रही है। किसानों की मदद केवल सरकार कर सकती है। ये सरकार किसानों को बर्बाद करना चाहती है। एेसी सरकार के खिलाफ खड़े हो जाएं।
सभी ने मिलकर लड़ी आजादी की लड़ाई
एक विदेशी कंपनी ने हमें गुलाम बना दिया। सभी जाति के लोगों ने एक जुट होकर आजादी की लड़ाई। एक कानून के चलते ही विदेशी कंपनी सरकार बन गई थी। वह एक कानून ही था जिसने हमें गुलाम बनवा दिया। भारत की सरकार सब चीज बेचकर कंपनी को दे रही है। ये सरकार कानून बनाकर देश को कंपनियों के हाथ में सौंपनेे का काम कर रही है। कानून बना करते हैं हटा करते हैं। चौ. चरण सिंह जी ने एक कलम से कानून बना दिया था। लेखपालों का भ्रष्टाचार समाप्त कर दिया था। भाजपा तर्क देती है कि कानून को किसान समझ नहीं पा रहे। तर्क वे भाजपा वाले दे रहे हैं, जिन पर खेत नहीं हैं। ये घंटों में काम करते हैं, किसान काम खत्म न होने तक काम करते हैं।
बहादुर बाप के बहादुर बेटे हैं टिकैत
सरकारों पर भरोसा मत करो। आप किसान हैं तो सपा के लोग किसान हैं, हम साथ खड़े हैं। राकेश टिकैत से भी कहा आप बहादुर बाप के बहादुर बेटे हैं। घबराओं नहीं, सपा साथ खड़ी है। किसान आंदोलन में सबसे पहले गिरफ्तार हुआ तो वह समाज वादी पार्टी है। भाजपा सरकार पर कोई विजन नहीं। सारे फैसलेे देश को बर्बाद करने वाले हैं। नोटबंदी खराब फैसला। जीएसटी गलत ढंग से लागू किया। लाकडाउन में मजदूरों की मदद सपा ने ही की।