बुर्का व टोपी पर बैन की मांग के खिलाफ सड़क पर उतरे एएमयू छात्र Aligarh News
डीएस कॉलेज में बुर्का व टोपी बैन करने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। एएमयू छात्र नेता इसके विरोध में खड़े हो गए हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन) : डॉ. बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध डीएस कॉलेज में बुर्का व टोपी बैन करने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। एएमयू छात्र नेता इसके विरोध में खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि यह नियम विरुद्ध है। इससे माहौल खराब होगा।
संविधान में है पूरी आजादी
छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा है कि कॉलेज में बुर्का व टोपी पहनने पर रोक की मांग गलत है। मैं ऐसे संगठनों को हिंदू संगठन नहीं मानता। हिंदू या कोई भी धर्म दूसरे धर्म का सम्मान करता है। रही बात बुर्का व टोपी प्रतिबंधित करने की तो वो कॉलेज किसी संगठन का नहीं है। संविधान पूरी आजादी देता है अपने मजहब को मनाने की।
मुल्क गोडसे का नहीं, गांधी का है
यह मुल्क गोडसे का नहीं, गांधी का है। कुछ संगठन गंगा-जामुनी तहजीब को बिगाडऩे की कोशिश में लगे हैं। ओछी राजनीति करके वे अपनों को खुश करना चाहते हैं। ऐसे संगठनों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
शांतिभंग करना चाहते है असामाजिक तत्व
एएमयू छात्र नेताओं ने गुरुवार शाम शमशाद मार्केट में डीएम को संबोधित ज्ञापन एसीएम द्वितीय प्रवीण यादव को दिया। मोहम्मद नईम अली ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व शांतिभंग करना चाहते हैं। टोपी और बुर्का के नाम पर सम्प्रदाय हो सकता है। बामसेफ से जुड़े राजा भैया ने कहा कि लोकतंत्र को राजतंत्र में बदलने की कोशिश हो रही है। बुर्का-टोपी भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी छात्र और छात्रा के साथ कुछ गलत हुआ तो इसका जिम्मेदार कॉलेज प्रशासन व असामाजिक तत्व होंगे। इस मौके पर शरीक पठान, शफीकुर्रहमान खान, शरीक पठान, मोहम्मद आसिफ, असलम खान, अरबा खान मौजूद थे।
छात्रा टीम बुर्का व छात्र उतारेंगे टोपी
डीएस कॉलेज में बुर्का व टोपी पर बैन लगाने की मांग कर सनसनी फैलाने वाले छात्रनेता अमित गोस्वामी, आदित्य पंडित व सौरभ चौधरी ने कहा है कि अगर कॉलेज प्रशासन ने दो दिन के अंदर सख्ती से ड्रेस कोड लागू नहीं किया और बुर्का व टोपी पहनकर आने वालों को प्रवेश करने दिया तो कमान मजबूरन छात्र अपने हाथ में लेंगे। छात्रा टीम बुरका उतरवाएगी व छात्र टीम टोपी उतरवाएंगी। इस प्रकरण में लखनऊ में चल रही डिबेट में चैनल के जरिए वो ऑनलाइन जुड़े। इसमें उन्होंने कहा कि कॉलेज में डे्रस कोड लागू है तो उसका पालन सभी को पालन करना होगा। कॉलेजों में शिष्य बनकर आना चाहिए, न कि मजहबी बनकर।