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गणतंत्र दिवस समारोह में AMU छात्रों ने डाला खलल, दौड़ा-दौड़ा कर पीटे, हंगामा Aligarh News

एएमयू के गणतंत्र दिवस समारोह में छात्रों ने खलल डाल दिया। छात्रों ने वीसी गो बैक के नारे लगाए और जमकर हंगामा किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 12:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 09:25 AM (IST)
गणतंत्र दिवस समारोह में AMU छात्रों ने डाला खलल, दौड़ा-दौड़ा कर पीटे, हंगामा Aligarh News
गणतंत्र दिवस समारोह में AMU छात्रों ने डाला खलल, दौड़ा-दौड़ा कर पीटे, हंगामा Aligarh News

अलीगढ़, जेएनएन। एएमयू के गणतंत्र दिवस समारोह में छात्रों ने खलल डाल दिया। छात्रों ने वीसी गो बैक के नारे लगाए और जमकर हंगामा किया। समारोह में विघ्न डालने पर एएमयू के सुरक्षा कमियों ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इससे अफरा-तफरी मच गई। इधर एएमयू छात्रों ने बॉबे सैयद गेट को बंद कर धरना स्थल पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया। इससे आम रास्ता अवरुद्ध रहा। इंतजामिया ने तीन युवकों को पकड़ लिया। इन्‍हें छुड़ाने के लिए सैकड़ों छात्रों ने प्रॉक्‍टर आफिस घेर लिया और जमकर हंगामा किया।

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यह है वजह

एएमयू में 15 दिसंबर को हुए बवाल के बाद से ही धरना जारी है। सीएए के विरोध के साथ छात्र कुलपति व रजिस्ट्रार के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं। कैंपस में पुलिस कार्रवाई को लेकर छात्रों में गुस्सा हैं। 15 दिसंबर के बाद से निरंतर धरना जारी है। धरने पर निरंतर सभाएं हो रही हैं। इससे एएमयू कैंपस का माहौल गर्म है।  इससे पहले सैयद हामिद सीनियर सेकेंडरी (प्लस टू) स्कूल के छात्रों ने दोपहर में कैंपस में मार्च निकाला। बाबे सैयद पर उन्होंने इंतजामिया के खिलाफ नारेबाजी की। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल कार्यालय से रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने बाबे सैयद तक मार्च निकाला। डॉक्टरों ने सीएए के विरोध के साथ कुलपति के इस्तीफे की भी मांग की। महिलाओं ने कैंपस में मार्च निकाला।

मोदी व शाह पर दिया आपत्ति जनक बयान

धरने में पहुंचे डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता गोहर रजा की जुबान फिसल गई। उन्होंने पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेकर आपत्ति जनक बयान दिया। कहा, बांटने की राजनीति की हदें हुआ करती हैं। मोदी और अमित शाह ने सोचा था कि सीएए लगाएंगे और जो कुछ गड़बड़ एनआरसी लगाने से असम में हुई है। वो सब बच जाएगा। आपत्तिजनक बातें कहते हुए कहा कि अंग्रेजों ने बांटने की पॉलिसी इस देश में चलाई थी। वही ये दोनों कर रहे हैं। इन्होंने सोचा था कि सब डिवाइड हो जाएंगे। इन्हें अंदाजा नहीं था कि असम ही जल उठेगा। 2014 में जब ये सरकार आई थी, तभी पता चल गया था ये क्या करेगी? सारी कल्पनाएं हमारे व मुल्क के सामने हैं। इस मुल्क का नौजवान जाग ही नहीं, जगा भी रहा है।


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