AMU पॉलिटेक्निक व प्लस टू के छात्रों ने किया कक्षाओं का बहिष्कार, ये है वजह Aligarh News
एएमयू में माहौल शांत होने लगा है लेकिन पॉलिटेक्निक व सैयद हामिद सीनियर सेकेंडरी स्कूल (प्लस टू) के छात्रों का विरोध जारी है। इन छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया।
अलीगढ़ [जेएनएन]: एएमयू में माहौल शांत होने लगा है, लेकिन पॉलिटेक्निक व सैयद हामिद सीनियर सेकेंडरी स्कूल (प्लस टू) के छात्रों का विरोध जारी है। इन छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया। बाबे सैयद पर छात्रों का धरना भी जारी है।
यह है वजह
यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के छात्र सुबह से ही गेट पर गद्दा बिछाकर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि कुलपति व रजिस्ट्रार इस्तीफा दें। शिक्षकों ने उन्हें समझाया भी लेकिन वो नहीं माने। सोमवार देर शाम तक धरने पर जम रहे। प्लस टू के छात्रों ने भी कक्षाएं नहीं की। एएमयू प्रॉक्टर प्रो. अफीफुल्लाह खान ने बताया कि सभी संकायों में पढ़ाई हो रही है। पॉलिटेक्निक व प्लस टू के छात्रों ने ही रविवार को प्रदर्शन किया। उन्हें भी समझाने का काम चल रहा है।
एएमयू छात्राओं ने शाहजमाल में लगवाए आजादी के नारे
अलीगढ़ : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनसीआर) व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ शाहजमाल ईदगाह के बाहर चार दिन से जारी महिला आंदोलन की कमान शनिवार को एएमयू छात्राओं ने संभाल ली। छात्राओं ने महिलाओं से न सिर्फ कानून के विरोध में नारेबाजी करवाई, बल्कि नेहरू और सर सैयद वाली आजादी के नारे भी लगवाए।
मौका पाकर भागा सज्जाद
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बुधवार से शाहजमाल ईदगाह के बाहर सड़क रोककर महिलाएं धरने पर बैठी हैं। महिलाओं को मनाने की अफसरों ने तमाम कोशिशें की, मगर वे नहीं मानीं। तीन हजार महिलाओं समेत छह हजार लोगों की भीड़ ने पुलिस प्रशासन के होश उड़ा दिए थे। एएमयू छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान राथर के साथ आईं छात्राएं माइक लगाने पर अड़ गई। सज्जाद बुर्का पहनकर महिलाओं के बीच घुस गया था और मौका पाकर भाग निकला। अनुमति न मिलने पर भी माइक लगा दिया गया। देर रात इंकलाबी गीत शुरू हो गए। इसके बाद शनिवार सुबह एएमयू की छात्राएं खुलकर सामने आ गईं। छात्राओं ने कहा कि अब इन महिलाओं को एकत्रित करने वाला कोई नहीं है। हम इस धरने की जिम्मेदारी ले रहे हैं। माइक पर छात्राएं जो भी घोषणा करती हैैं, महिलाएं उसे मान रही थीं।
'सर सैयद वाली आजादी के नारे'
छात्राओं ने माइक पर आजादी के नारों के साथ इंकलाबी नज्में भी पढ़ीं। छात्राओं ने कहा कि नारियों के नारों से इंकलाब आएगा। फिर 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है', 'जिए हैं शान से, मरेंगे भी शान से' के गीतों को महिलाओं ने दोहराया। 'हम क्या चाहते आजादी। हक है हमारा आजादी। है जान से प्यारी आजादी। बच्चे मांगें आजादी। बूढ़े मांगें आजादी। सर सैयद वाली आजादी। आरएसएस से आजादी' के नारे लगाए गए।
हठधर्मी का परिणाम है धरना प्रदर्शन
कांग्रेस के पूर्व संासद बिजेंद्र सिंह ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर एएमयू में चल रहे धरना प्रदर्शन को हठधर्मी का परिणाम बताया है। कहा है कि पीएम मोदी कहते हैं कि इस बिल से देश के किसी भी व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है तो फिर आंदोलन को लेकर हठधर्मी का व्यवहार क्यों किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।