एएमयू को मिला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का नोटिस, ग्रांट रुकवाने की भी दी थी धमकी
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रो. राम शंकर कठेरिया ने आरक्षण सहित एएमयू पर लगाए थे कई आरोप।
अलीगढ़ : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रो. राम शंकर कठेरिया का नोटिस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) पहुंच गया है। प्रो. कठेरिया ने एएमयू से पिछड़ों, अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को आरक्षण नहीं देने पर जवाब मांगा है। एएमयू ने जवाब देने के लिए एक कमेटी गठित कर दी है।
प्रो. कठेरिया ने तीन जुलाई को यहां के सर्किट हाउस में आकर एएमयू के तत्कालीन सह कुलपति प्रो. तबस्सुम शहाब व जिले के पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के साथ आरक्षण के संबंध में बैठक की थी। एएमयू में आरक्षण क्यों नहीं है, इस बारे में मौखिक रूप सवाल उठाते हुए एक महीने में जवाब मांगा था। संतोषजनक जवाब न मिलने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के जरिये ग्रांट रुकवाने की बात भी कही थी। कहा था, जब अल्पसंख्यक संस्थान होने संबंधी दलील दो बार (2005 व 2006 में) हाई कोर्ट नकार चुका है तो क्यों शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों की भर्ती व दाखिले में आरक्षण नहीं दे रहे? अजीज बाशा केस (1968) में भी सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने एएमयू को केंद्रीय विवि ही माना था, अल्पसंख्यक संस्थान नहीं। केंद्र सरकार भी दो साल पहले कोर्ट में दिए हलफनामे में एएमयू को आम यूनिवर्सिटी-सा बता चुकी है। प्रो. कठेरिया ने एएमयू में ¨हदू छात्रों के साथ दाखिले में भेदभाव का भी आरोप लगाया था। रिकॉर्ड मांगने और जांच कराने की बात भी कही थी। वहीं, उप्र अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने भी एएमयू को नोटिस जारी करके आठ अगस्त तक जवाब मांगा है। इस पर एएमयू अभी कानूनी राय ले रही है। एएमयू जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज प्रो.साफे किदवाई का कहना है कि आयोग का पत्र मिल गया है। जल्द जवाब देंगे। कुलपति ने जवाब तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की है।