नसीरुद्दीन के साथ आई एएमयू बिरादरी, हिंदूवादी बोले-चले जाएं पाकिस्तान
फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर एएमयू बिरादरी उनके समर्थन में आ गई है। बिरादरी का कहना है कि नसीर ने ऐसा कुछ भी गलत नहीं कहा, जिस पर बवाल काटा जाए।
अलीगढ़ (जेएनएन)। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर एएमयू बिरादरी उनके समर्थन में आ गई है। बिरादरी का कहना है कि नसीर ने ऐसा कुछ भी गलत नहीं कहा, जिस पर बवाल काटा जाए। हालांकि, भाजपाइयों ने उनके बयान का विरोध करते हुए पाकिस्तान चले जाने की नसीहत दे डाली।
प्रदर्शन कर जताया विरोध
बुलंदशहर में गोवध के खिलाफ हुई ङ्क्षहसा में इंस्पेक्टर की मौत से अहम गाय की मौत है...कहने पर नसीरुद्दीन शाह के विरोध में शुक्रवार को भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी निशित शर्मा की अगुवाई में नुमाइश मैदान स्थित नीरज-शहरयार पार्क में प्रदर्शन किया। कहा, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व कुलपति जमीर उद्दीन शाह व नसीरुद्दीन शाह एएमयू से जुड़े रहे हैं। इनकी विचारधारा एक जैसी है। हामिद अंसारी ने उपराष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद मुस्लिमों की सुरक्षा को लेकर बयान दिया था।
अब क्यों लग रहा है डर?
नसीरुद्दीन के बड़े भाई जमीर उद्दीन शाह ने भी सेवानिवृत्त होने के बाद 'द सरकारी मुसलमानÓ में कई विचार रखे हैं। अब नसीरुद्दीन शाह को देश में डर लग रहा है। तीनों के पोस्टर लगाकर विरोध जताया गया। भाजयुमो के जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी ने कहा कि नसीरुद्दीन उस एएमयू की भाषा बोल रहे हैं, जहां से मन्नान वानी जैसे आतंकी निकले हैं। एएमयू छात्र सेना पर पथराव करने वालों के समर्थन में मार्च निकालते हैं। ङ्क्षहदू महासभा के प्रदेश महासचिव गजेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि उन्हें डर है तो पाकिस्तान चले जाएं।
कहीं नहीं है डर का माहौल
एएमयू के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. आफताब आलम ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों में कहीं न कहीं डर का माहौल तो है। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, अभिनेता आमिर खान और दिल्ली के आर्कविशप अनिल भी इसे उठा चुके हैैं। एएमयू छात्र संघ सचिव हुजैफा आमिर ने भी शाह के बयान का समर्थन किया। उर्दू अकादमी के डायरेक्टर डॉ. राहत अबरार ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। नसीरुद्दीन का अपना दृष्टिकोण है।
नसीर को एक्टर भतीजे का मिला साथ
नसीरुद्दीन शाह के भतीजे व फिल्म एक्टर अली शाह ने चाचा के बयान का समर्थन किया है। कहा, चाचा ने जो बोला वह सही ही है। हमारा मजहब भारतीय है। हम भी देश से अटूट प्रेम करते हैं। वतन के लिए मर मिटने को तैयार हैैं। मेरे पिता एएमयू के कुलपति बनने से पहले फौज में ही सेवा दे रहे थे। हमारे परिवार में गाय सबको प्रिय है। गाय मारने के हम भी सख्त खिलाफ हैैं। पर, ऐसा भी न हो कि इंसान पीछे रह जाए और गाय आगे आ जाए। यह बात कड़वी है और अक्सर लोगों को बुरी लग जाती है।
एएमयू से ही पढ़े हैैं नसीर
नसीरुद्दीन का एएमयू से गहरा नाता रहा है। उन्होंने यहीं से पढ़ाई की और यहीं के ड्रामा क्लब से एक्टिंग की शुरुआत भी की। उनके बड़े भाई जमीर उद्दीन शाह एएमयू के कुलपति रहे।