अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ का किया पूजन, लगाई परिक्रमा Aligarh news
अक्षय नवमी पर सोमवार को महिलाओं ने आंवले के पेड़ का पूजन किया। पेड़ के नीचे प्रसाद ग्रहण किया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। शहर के तमाम स्थानों पर अक्षय नवमी पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
अलीगढ़, जेएनएन : अक्षय नवमी पर सोमवार को महिलाओं ने आंवले के पेड़ का पूजन किया। पेड़ के नीचे प्रसाद ग्रहण किया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। शहर के तमाम स्थानों पर अक्षय नवमी पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को अक्षय नवमी पर्व मनाया जाता है।
सदियों पुरानी परंपरा
ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी से पूर्णिमा तक आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है और उनके पूजन से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। नवमी के दिन आंवले के पेड़ के पूजन की परंपरा है सोमवार को सुबह से ही महिलाएं पूजन में जुट गईं। खासकर टीकाराम मंदिर में सुबह 7:00 बजे से महिलाओं के आने का क्रम शुरू हो गया। आंवले के पेड़ को तिलक लगाया और 108 परिक्रमा लगाई। कलावा भी बांधा। परिक्रमा के दौरान महिलाएं भगवान विष्णु से सुख और समृद्धि की कामना कर रही थी। उसके बाद पेड़ के नीचे ही बैठकर प्रसाद स्वरूप पूड़ी, सब्जी, खीर आदि ग्रहण किया। ब्राह्मणों को भी आदर के साथ प्रसाद ग्रहण कराया। साथ ही उन्हें दान दक्षिणा दिया। टीकाराम मंदिर के पुजारी राजू पंडित ने कहा कि अक्षय नवमी को भगवान अक्षय वरदान देते हैं। इसलिए आंवले का पूजन जरूरी होता है।
धार्मिक व वैज्ञानिक आधार
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंद गिरी महाराज ने कहा कि हमारे तीज-त्योहार के धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों आधार होते हैं। आंवले के पूजन से स्वयं भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं साथ ही पर्यावण की सुरक्षा के लिए लोग संकल्प भी लेते हैं। पूर्णानंदपुरी महाराज ने कहा कि जिस व्यक्ति ने भी श्रद्धा के साथ आंवले के पेड़ का पूजन कर लिया और उसके नीचे प्रसाद ग्रहण कर लिया तो वो जीवन में कभी पेड़ को काटने की नहीं सोच सकता है। शहर में सुदामापुरी, विष्णुपुरी, सुरेंद्र नगर, कंवरीगंज, बारहद्वारी आदि जगहों पर भी आंवले का पूजन किया गया।