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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : इगलास में सपा-रालोद की संयुक्‍त रैली का जवाब होगी अमित शाह की जनसभा

23 दिसंबर को इगलास में सपा-रालोद की संयुक्त रैली थी। इसमें रामपुर मेरठ बागपत आगरा बुलंदशहर हाथरस आदि जिलों से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। दोनों दलों ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव नहीं आए थे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 07:02 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 12:22 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : इगलास में सपा-रालोद की संयुक्‍त रैली का जवाब होगी अमित शाह की जनसभा
सपा-रालोद की हो चुकी संयुक्त रैली का, 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री की होने वाली विशाल जनसभा जवाब होगी।

राजनायण सिंह, अलीगढ़ । ठंड के साथ ही सियासी पारा भी तेज है। 23 दिसंबर को इगलास में सपा-रालोद की संयुक्त रैली में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को लाकर दोनों दलों ने ताकत दिखाने का काम किया। उसके दूसरे दिन ही भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तालानगरी स्थित मैदान में विशाल जनसभा तय कर दी। माना जा रहा है कि सपा-रालोद की हो चुकी संयुक्त रैली का, 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री की होने वाली विशाल जनसभा जवाब होगी। इसलिए भाजपा के दिग्गज नेता जनसभा को सफल बनाने में जुट गए हैं।

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23 दिसंबर को हुई थी सपा रालोद की संयुक्‍त रैली

23 दिसंबर को इगलास में सपा-रालोद की संयुक्त रैली थी। इसमें रामपुर, मेरठ, बागपत, आगरा, बुलंदशहर, हाथरस आदि जिलों से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। दोनों दलों ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव नहीं आए थे। इसके बाद भी विशाल जनसमूह उमड़ पड़ा था। सपा-रालोद के साथ ही तमाम किसान संगठनों ने भी इस रैली को समर्थन दिया था। रैली में अपार भीड़ को देख दोनों दलों के नेता गदगद थे। सपा-रालोद ने पूरे प्रदेश में यह कहकर प्रचार शुरू कर दिया था कि इतनी भीड़ किसी अन्य रैली में नहीं हुई। माना जा रहा है कि इसी के बाद भाजपा ने अलीगढ़ में विशाल जनसभा कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, केंद्र से प्रदेश के कई जिलों में रैलियों की घोषणा हो चुकी थी। मगर, अलीगढ़ की जनसभा की घोषणा 23 दिसंबर के बाद हुई थी। अब भाजपा 30 दिसंबर को सिर्फ अलीगढ़ से एक लाख कार्यकर्ताओं को बुलाकर अपनी ताकत का एहसास कराना चाह रही है। भाजपा नेताओं ने अभी से यह प्रचार शुरू कर दिया है कि कोई भी दल एक जिले से एक लाख कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटा कर नहीं दिखा सकता है।

पहली बार बनाई रणनीति

भाजपा ने 30 दिसंबर को होने वाली जनसभा में ऐसे लोगों को भी बुलाना तय किया है जिनका राजनीति से सीधा सरोकार नहीं है। ये ऐसे लोग हैं, जो चुनावी बयार में जिस ओर हवा बहती है, उस ओर चल पड़ते हैं। भाजपा नेताओं की कोशिश है कि ऐसे लोगों से संपर्क करके उन्हें जनसभा में लाया जाएगा, जिससे बदलाव की बयार लाई जा सके। भाजपा ने यह रणनीति पहली बार बनाई है।

इनका कहना है

भाजपा के सामने कोई दल टिकने वाला नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री की जनसभा में सिर्फ अलीगढ़ जिले से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है, जबकि इगलास में हुई रैली में पूरे पश्चिमी यूपी से लोग बुलाए गए थे।

ऋषिपाल सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष

30 दिसंबर की जनसभा ऐतिहासिक होगी। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। 1000 बसें लगाई गई हैं। भाजपा एक जिले से ही एक लाख कार्यकर्ताओं को सभा में ला रही है।

हेमंत राजपूत, जनसभा, संयोजक


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