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सर सैय्यद अकादमी के सभी दस्तावेजों को किया जाएगा डिजिटाइज Aligarh news

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने बुधवार को सर सैय्यद अकादमी द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का आॅनलाइन विमोचन किया।

By Parul RawatEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 09:33 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 09:33 PM (IST)
सर सैय्यद अकादमी के सभी दस्तावेजों को किया जाएगा डिजिटाइज Aligarh news
सर सैय्यद अकादमी के सभी दस्तावेजों को किया जाएगा डिजिटाइज Aligarh news

अलीगढ़ , [जेएनएन]। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने बुधवार को सर सैय्यद अकादमी द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का आॅनलाइन विमोचन किया। उन्होंने कहा कि उनका यही प्रयास है कि सर सैय्यद और अलीगढ़ आंदोलन पर जो भी सामग्री उपलब्ध है, उसको प्रकाशित किया जाए। साथ ही सर सैय्यद अकादमी के सभी दस्तावेजों को डिजिटाइज किया जाए। कुलपति ने बुधवार को ऑनलाइन जिन पुस्तकों का विमोचन किया। उसमें सर सैय्यद द्वारा लिखी पुस्तक तबीन-उल-कलाम का क्रिसचियन डब्लू ट्रोल द्वारा अंग्रेजी अनुवाद, मुस्लिम दीनियात पर सर सैय्यद की पुर्नव्याख्या पर क्रिसचियन ट्रोल की पुस्तक का दोबारा प्रकाशन, एमएओ कॉलेज का 1911-1912 का एकेडमिक कलैंडर जिसे डाॅ. सर जियाउद्दीन ने तैयार किया था शामिल हैं। यह तीनों पुस्तकें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह पर प्रकाशित की गई हैं।

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कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना सर जियाउद्दीन का सपना था और उन्होंने अपने कुलपति काल में ही किला रोड पर इसकी आधारशिला भी रख दी थी। सर सैय्यद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अकादमी की गतिविधियों से परिचित कराया। यूजीसी हयूमैन रिसोर्स सेंटर के निदेशक प्रोफेसर एआर किदवई ने ट्रोल की अनुवादित पुस्तक तबीन-उल-कलाम का विस्तार से परिचय कराया। जब कि उर्दू अकादमी के निदेशक डाॅ. राहत अबरार ने ट्रोल की पुस्तक “सैय्यद अहमद खानः ए रीइन्टर प्रेटेशन आफ मुस्लिम थ्यौलौजी“ पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ट्रोल की यह पुस्तक लंदन यूनिवर्सिटी में 1975 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद सन् 1978 में जब वह दिल्ली स्थित विद्या इंस्टीटयूट आफ रिलीजियस स्टडीज, दिल्ली में इस्लामिक अध्ययन के प्रोफेसर थे प्रकाशित की थी। उन्होंने कहा कि 1937 में जर्मनी के बर्लिन में जन्मे ट्रोल अनेक बार अपने शोध कार्य के लिए एएमयू पधारे थे। 2018 में ट्रोल को सर सैय्यद अंतराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2020 में उनकी पुस्तक का दोबारा प्रकाशन हुआ है, जिसके लिए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर और सर सैय्यद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर नकवी और उनके सहयोगी बधाई के पात्र हैं।


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