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अलीगढ़ की मिट्टी को गद्दा बना उड़ाई सफलता की धूल, फहराया हुनर का परचम

जिस-जिस पर जग हंसा है उसी ने इतिहास रचा है। इस जुमले को इगलास के गांव नगला भूपाल की 13 वर्षीय हाईजंप खिलाड़ी गौरी तिवारी ने सच कर दिखाया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 11:09 AM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 05:33 PM (IST)
अलीगढ़ की मिट्टी को गद्दा बना उड़ाई सफलता की धूल, फहराया हुनर का परचम
अलीगढ़ की मिट्टी को गद्दा बना उड़ाई सफलता की धूल, फहराया हुनर का परचम

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : जिस-जिस पर जग हंसा है उसी ने इतिहास रचा है। इस जुमले को इगलास के गांव नगला भूपाल की 13 वर्षीय हाईजंप खिलाड़ी गौरी तिवारी ने सच कर दिखाया है। कभी अपनी दुबली काया व बढ़ती लंबाई (पांच फीट छह इंच) के कारण गांव में हंसी का पात्र बनने वाली इस एथलीट ने संसाधनों का रोना रोने वालों के सामने मिसाल पेश की है। आर्थिक तंगी को मात देकर किसान दिनेश तिवारी की बेटी 13 वर्ष की उम्र में नेशनल चैंपियनशिप खेलने वाली मंडल की पहली बालिका खिलाड़ी बनीं। हाईजंप की प्रैक्टिस कम से कम पांच लाख रुपये के गद्दों पर होती है। इस मेधा ने मिट्टी को ही गद्दा बनाकर सफलता की धूल उड़ा दी। आठवीं की छात्रा गौरी ने 10 महीने के प्रशिक्षण में दो स्टेट व एक नेशनल चैंपियनशिप खेली है। वे पोल के ऊपर से कूदती हैं तो सीधे मिट्टी पर गिरती हैं। लगसमा अकादमी में कोच विवेक कुमार के निर्देशन में हाईजंप की फास्ट वेरी फ्लाई विधा की प्रैक्टिस करती हैं।यूपी एथलेटिक्स संघ के संयुक्त सचिव शमशाद निसार आजमी ने कहा है कि गौरी 13 वर्ष उम्र में नेशनल खेलने वाली मंडल की पहली हाईजंप खिलाड़ी हैं। मिट्टी पर प्रैक्टिस खतरनाक है। अन्य एथलीट्स के सामने मिसाल पेश की है।

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फसल से चुकती उधारी

गौरी के पिता बताते हैं कि पत्नी, चार बेटी व एक बेटा है। दो बेटी एथलीट हैं। इनकी पढ़ाई व खेल संबंधी इंतजाम उधारी से पूरे होते हैं। फसल खड़ी होती है तो उधारी चुकाते हैं। फिर वही चक्र शुरू होता है।

लंबा कद, दुबली काया बनी वरदान

कोच ने बताया कि इकहरा शरीर व ज्यादा लंबाई के चलते लोग गौरी का मजाक बनाते थे। यही शारीरिक संरचना वरदान बनी। हाईजंप में स्वर्ण पदक जीते। मिट्टी पर प्रैक्टिस करते हुए चार महीने पहले कमर में चोट आई लेकिन गौरी ने घुटने नहीं टेके। दो हफ्ते में ठीक होकर फिर मिट्टी पर प्रैक्टिस शुरू कर दी।

हासिल की उपलब्‍धियां

गौरी ने 12 साल की उम्र में खेलना शुरू किया। जिला व मंडल स्तर पर तीन स्वर्ण जीते। इलाहाबाद स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण व बिजनौर स्टेट में कांस्य पदक जीता। अब गुंटूर आंधप्रदेश में नेशनल मीट में खेल रही हैं। मुफ्त प्रशिक्षण व बाहर भेजने का खर्च भी अकादमी से ही वहन होता है।


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