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गुणवत्ता के 'रनवे' से भटका अलीगढ़ का ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, जानिए पूरा मामला

आइटीआई परिसर में निर्माणधीन मंडल स्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर गुणवत्ता के रनवे से भटक गया है। बनने से पहले ही यहां के प्रशासनिक भवन में कई स्थानों से प्लास्टर खराब होने लगा है। वहीं गार्ड रूम की प्लास्टर की गुणवत्ता भी बेहद खराब है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 06:44 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 06:45 AM (IST)
गुणवत्ता के 'रनवे' से भटका अलीगढ़ का ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, जानिए पूरा मामला
आइटीआई परिसर में निर्माणाधीन मंडल स्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर गुणवत्ता के रनवे से भटक गया है।

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । आइटीआई परिसर में निर्माणाधीन मंडल स्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर गुणवत्ता के रनवे से भटक गया है। बनने से पहले ही यहां के प्रशासनिक भवन में कई स्थानों से प्लास्टर खराब होने लगा है। वहीं, गार्ड रूम की प्लास्टर की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। अन्य भी कई बड़ी खामियां हैं। पिछले दिनों 50 लाख से अधिक के निर्माण कार्यों की जांच में लगी दो सदस्यीय टास्क फोर्स कमेटी ने यहां का निरीक्षण किया तो यहां की कमियों का पर्दाफाश हो गया है। अब सत्यापन टीम की आख्या के आधार पर सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने कार्यदायी संस्था सीएंडडएस के परियोजना प्रबंधक को पत्र जारी कर दिया है। इसमें कमियों को निराकरण करते हुए सात में दिन में जवाब मांगा गया है।

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शासन से ढाई साल पहले मिली थी मंजूरी 

अलीगढ़ में मंडलस्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को शासन से ढाई साल पहले मंजूरी मिली थी। यह इंस्टीट्यूट औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आइटीआइ) के परिसर में इसके निर्माण के लिए स्थान निर्धारित किया गया। शासन स्तर से कुल 5.02 करोड़ का बजट निर्धारित हुआ है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सीएंडडीएस यूनिट 25 को मिली। अब पिछले दो साल से यहां पर निर्माण कार्य चल रहा है। पिछले दिनों शासन स्तर से 50 लाख से ऊपर की सभी परियोजनाओं के टास्क फोर्स कमेटी से सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए थे। इस पर सीडीओ ने जिले में भी दो-दो सदस्यीय टास्क फोर्स कमेटी गठित कर दीं।

मिलीं कमियां

इस टास्क फोर्स कमेटी ने पिछले दिनों ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण किया। इसमें कई खामियां मिली हैं। इनमें प्रमुख रूप से टीम को प्रशासनिक भवन में कई स्थानों पर प्लास्टर खराब मिला। वहीं, गार्ड रूप के प्लास्टर की गुणवत्ता भी बेहद खराब मिली। वहीं, टू व्हीलर ट्रेक पर एक्सपेंशन ज्वाइंट मानक के अनुसार नहीं बनाए गए हैं। यू ट्रेक पर भी कई स्थानों पर एक्सपेंशन ज्वाइंट मानक के अनुसार नहीं हैं। इनमें क्रेक आने लगे हैं।

जारी किया गया पत्र

टास्क फोर्स कमेटी ने अपनी यह रिपोर्ट सीडीओ काे दी। अब सीडीओ की ओर से कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक को पत्र भेजकर कमियों को निराकरण कराते हुए एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे में संस्था के अफसर इसमें लग गए हैं।

यह है प्रोजेक्ट की मंशा

सड़क हादसों को कम करने के लिए सरकार ने यह ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। इस इंस्ट्रीट्यूट में प्राइवेट के अलावा व्यवसायिक वाहनों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके लिए ट्रैक बनाया जा रहा है। कंप्यूटर के माध्यम से भी ट्रेनिंग मिलेगी। ट्रेनिंग पूरी होने पर सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसका फायदा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, ड्राइवर की नौकरी के लिए आवेदन में भी होगा।

इनका कहना है

टास्क फोर्स कमेटी की जांच आख्या के संबंध में सीडीओ की तरफ से पत्र मिला है। इसका अनुपालन तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट सीडीओ कार्यालय में भेज दी जाएगी।

जेके शर्मा, परियोजना प्रबंधक, सीएंडडीएस


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