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टीबी उन्मूलन में 56वें स्थान पर खिसका अलीगढ़

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में अलीगढ़ जनपद निरंतर पिछड़ रहा है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए विभाग को जो नौ की परफार्मेंस इंडीकेटर (केपीाआइ) दिए गए हैं उनमें से अधिकतर में जनपद की उपलब्धि में गिरावट दर्ज हुई है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:15 AM (IST)
टीबी उन्मूलन में 56वें स्थान पर खिसका अलीगढ़
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में अलीगढ़ जनपद निरंतर पिछड़ रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में अलीगढ़ जनपद निरंतर पिछड़ रहा है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए विभाग को जो नौ की परफार्मेंस इंडीकेटर (केपीाआइ) दिए गए हैं, उनमें से अधिकतर में जनपद की उपलब्धि में गिरावट दर्ज हुई है। सुधार न होने से अलीगढ़ 56वें नंबर पर पहुंच गया है। अफसरों के अनुसार क्षय रोग विभाग के समस्त फील्ड वर्कर्स की ड्यूटी कोविड टीकाकरण में लगने से भी कार्यक्रम प्रभावित हुआ है।

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इंडीकेटर के अनुसार जनपद का प्रदर्शन

टीबी उन्मूलन के लिए सरकार ने कुल 100 अंक के नौ मानक इंडीकेटर तय किए हैं। इनमें प्रदर्शन के आधार पर प्रत्येक इंडीकेटर के अनुसार अंक प्रदान किए जाते हैं। सबसे पहला इंडीकेटर टीबी नोटिफिकेशन है। इस साल कुल 16 हजार नए मरीजों को चिह्नित किया जाना है। सरकारी स्तर पर 8500 व निजी स्तर पर 7500 मरीज चिह्नित करने का लक्ष्य है। विभाग ने जैसे-तैसे 86 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, लेकिन निजी चिकित्सालयों से अपेक्षित मरीजों की सूचना नहीं मिल पाई। दूसरा इंडिकेटर-यूनिवर्सल ड्रग सुस्केप्टिबिलिटी टेस्ट (यूडीएसटी) है। इसमें संदिग्ध मरीजों की सीबी नाट मशीन से जांच की जाती है। इसमें जनपद की उपलब्धि 59 प्रतिशत रही है। तीसरा ट्रीटमेंट सक्सेस रेट है, इसमें पिछले साल की अंतिम तिमाही में मिले मरीजों के आधार पर आंकलन किया जाता है। अलीगढ़ में 81 प्रतिशत मरीज ही ठीक हुए। हालांकि, प्रदेश की कुल उपलब्धि 79 प्रतिशत है। इसी तरह डीबीटी, एमडीआर, कीमो प्रोफाइल एक्सेस, टीबी-एचआइवी जांच, एक्सपेंडिचर में उपलब्धि काफी कम रही। हालांकि, एचआइवी रजिस्ट्रेशन में 92 प्रतिशत उपलब्ध प्राप्त हुई है। इस तरह जनपद को 100 में से 68.7 अंक ही प्राप्त हुए हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी पर अन्य चार्ज

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर कई-कई चार्ज होना भी है। पूर्व में जिला सर्विलांस अधिकारी (कोविड) से लेकर हास्पिटल रजिस्ट्रेशन, जेम पोर्टल, सीएमएसडी स्टोर के नोडल अधिकारी रहे। ऐसे में वे विभाग को कितना समय दे पाए होंगे, यह समझा जा सकता है। वर्तमान में भी वे दीनदयाल अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस का चार्ज संभाले हुए हैं। जो लेवल टू का कोविड अस्पताल भी है। ऐसे में जिला क्षय रोग विभाग का अधिकतर कार्य अधीनस्थ कर्मचारी ही संभाल रहे हैं।

इनका कहना है

क्षय रोग विभाग के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, सीनियर लैब ट्रीटमेंट सुपरवाइजर व अन्य सभी फील्ड वर्क्स की ड्यूटी कोरोना टीकाकरण व सैंपलिंग में रही है। इससे कार्य पर असर पड़ा है। जल्द ही हम रैकिंग में सुधार कर जनपद को टाप-10 या टाप-5 में ले आएंगे।

- डा. अनुपम भास्कर, जिला क्षय रोग अधिकारी।


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