अलीगढ़ पुलिस अभी छात्र की हत्या का राज नहीं कर सकी खुलासा
शुक्रवार सुबह वह घर से क्रिकेट मैच खेलने की कहकर निकला था। देर शाम तक नीरज वापस न आया तो स्वजन ने उसकी पूरे गांव में तलाश कर ली कहीं पता न चलने पर शनिवार को पिता ने थाने में पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज करा दी।
अलीगढ़, जेएनएनः बरला थाना क्षेत्र के गाजीपुर गांव में हत्यारों की साजिश का शिकार बना छात्र नीरज पढऩे-लिखने में बेहद होशियार था। पुलिस कर्मी बनकर वह अपने परिवार व गांव का नाम रोशन करना चाहता था। शायद कुदरत को यह सब मंजूर नहीं था। इसका रविवार को शव मिला था। हत्या के राज का पुलिस अभी खुलासा नहीं कर सकी है।
परीक्षा की तैयारी कर रहा था
मजदूर परिवार में जन्म लेने वाले छात्र नीरज के बड़े भाई मोहित आर्मी फोर्स में भर्ती की तैयारी कर रहा है। जबकि नीरज भी पढ़ाई के साथ ही नोएडा में सिक्योरिटी कंपनी में बतौर गार्ड नौकरी कर पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारियों में जी-जान से जुटा हुआ था। नीरज का सपना था कि वह पुलिस की खाकी वर्दी पहनकर अपने घर, गांव व रिश्तेदारों का नाम रोशन कर सके।
सबका लाड़ला था
नीरज पूरे घर में सबसे छोटा होने के नाते सबका लाड़ला था। पढ़ाई में अब्बल होने के चलते उससे स्वजन को ढ़ेरों उम्मीदें थीं। शुक्रवार को घर से निकलने व शाम तक वापस न आने पर स्वजन खासे चिंतित थे। नीरज की हरसंभावित स्थान पर तलाश जारी थी। रविवार की सुबह ऐसी मनहूस खबर लेकर आयी कि छात्र नीरज की हत्या की खबर पर स्वजन के पैरों तले जमीन खिसक गई।
आखिर क्या बिगाड़ा था मेरे लाल ने किसी का?
पिता विजयपाल बस यही कह रहे थे कि उनकी किसी से कोई रंजिश या लड़ाई नहीं थी। आखिर मेरे लाल ने किसी का क्या बिगाड़ा था? जो उसे इतनी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया और उसके चेहरे को भी तेजाब डालकर जला डाला, जिससे उसकी पहचान आसानी से न हो सके।
आज होगा पोस्टमार्टम
छात्र के शव का रविवार को पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका। एसओ बरला सर्वेश कुमार ने बताया कि कागजी औपचारिकताओं में देरी होने व फॉरेंसिक टीम के पोस्टमार्टम को उपलब्ध न हो पाने से छात्र नीरज के शव का सोमवार को पोस्टमार्टम होगा।
यह था मामला
थाना क्षेत्र के गाजीपुर से दो दिन से लापता 11वीं के छात्र की हत्या कर दी गई। छात्र का शव सड़ी-गली हालत में जंगल में झाडिय़ों में पड़ा मिला। शरीर पर चोट के गंभीर निशान भी मिले हैं। हत्यारों ने पहचान छिपाने को चेहरे पर तेजाब डाल दिया था। छात्र घर से क्रिकेट खेलने जाने की कहकर निकला था। स्वजन दो दिन से उसकी तलाश में जुटे थे और थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करा रखी थी। हत्या के पीछे के कारणों का पता नहीं चल सका है।
नोएडा में करता था काम
गाजीपुर गांव निवासी विजयपाल सिंह मजदूर हैं। तीन बच्चों में एक बेटा व एक बेटी की शादी कर चुके हैं। तीसरे नंबर का 18 वर्षीय बेटा नीरज कुमार 11वीं कक्षा का छात्र था और वह नोएडा में एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। पिता विजयपाल के अनुसार नीरज करीब 20 दिन से गांव में ही रह रहा था। शुक्रवार सुबह वह घर से क्रिकेट मैच खेलने की कहकर निकला था। देर शाम तक नीरज वापस न आया तो स्वजन ने उसकी पूरे गांव में तलाश कर ली, कहीं पता न चलने पर शनिवार को पिता ने थाने में पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज करा दी। रविवार सुबह ग्रामीण खेतों की ओर जा रहे थे। तभी उन्हें झाडिय़ों में से भीषण दुर्गंध उठती महसूस हुई। करीब से जाकर देखा तो वहां एक शव पड़ा हुआ था। चेहरे पर तेजाब पड़ा होने से वह विकृत हो चुका था और सड़ांध भी आ रही थी। शरीर पर कई स्थानों पर गंभीर चोटों के निशान थे।
रंजिश से इन्कार
एसओ बरला सर्वेश कुमार, सीओ बरला कर्मवीर सिंह के अलावा डॉग स्क्वाड व फॉरेंसिक टीम ने पहुंचकर घटना की ग्रामीणों व स्वजन से जानकारी हासिल की। साथ ही साक्ष्य भी संकलित किए। एसपी देहात शुभम पटेल ने बताया कि छात्र के स्वजन किसी रंजिश से साफ इन्कार कर रहे हैं। छात्र के बड़े भाई मोहित की ओर से अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। फॉरेंसिक टीम के न पहुंचने पर शव का सोमवार सुबह पोस्टमार्टम कराया जाएगा। हत्या के राजफाश को दो टीमें गठित की गई हैं, जल्द हत्यारे पकड़े जाएंगे।