Aligarh Panchayat Chunav Result 2021: भाई-भतीजा वाद पर भारी पड़ी नोट की चोट
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आ गए हैं। इस बार प्रधानी में काफी चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिन लोगों के पास प्रचार के दौरान भारी-भरकम समर्थन था। काफिले के साथ वह घर से बाहर निकलते थे
अलीगढ़, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आ गए हैं। इस बार प्रधानी में काफी चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिन लोगों के पास प्रचार के दौरान भारी-भरकम समर्थन था। काफिले के साथ वह घर से बाहर निकलते थे, लेकिन परिणाम में धड़ाम हो गए हैं। वहीं, जो लोग अकेले या दो चार लोगों के साथ ही चुनाव प्रचार करते थे, उनके सिर पर जीत का सेहरा सज गया है। ऐसे में इन आंकड़ों से साफ हो गया है कि प्रधानी में इस बार रिश्ते-नाते, जाति-विरादारी से ज्यादा नोट की चोट भारी रही है। वहीं, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में जरूर जातिवाद हावी दिखा है। जिस प्रत्याशी के वार्ड में उसके समाज के मतदाता अधिक थे, देर रात तक उसी का पलड़ा भारी दिखा है।
दावेदार खूब पैसा खर्च किया
जिले में कुल 867 ग्राम पंचायत, 47 जिला पंचायत सदस्य व 1156 क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव होने थे। कई महीने पहले से इसकी तैयारी शुरू हो गई थ। दावेदार पूरी मेहनत से तैयारियों में जुटे थे। सबसे अधिक दिलचस्पी ग्राम प्रधानी को लेकर थे। इसके लिए अधिकतर दावेदार खूब पैसा खर्च कर रहे थे। लोगों के घरों में कपड़े, मिठाईयों के साथ नोट भी बांटे जा रहे थे। वहीं, कुछ दावेदार भाई-भतीजा वाद, जातिवाद और विकास के नाम पर भी चुनाव लड़े रहे थे। यह लोगों से दुआ-सलाम और नमस्कार करके वोट लेने के लिए प्रयासरत थे। ऐसे में चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे प्रत्याशियों के साथ भीड़ तो खूब दिखाई देती थी, लेकिन अब चुनावी परिणाम के आंकड़े बिल्कुल उलट सामने आए हैं। प्रधानी के चुनाव में रिश्तों से ऊपर नोट की चोट हावी रही। अधिकतर मदाताओं ने उन्हीं के नामों पर मुहर लगाई, जिनसे नोट मिले। इसी कारण तमाम परिणाम ऐसे आए, जिनमें काफी नजदीकी हार जीत हुई। कई पंचायतों में तो 20 से 30 वोट के अंतराल से ही जीत हुई।
जातिवाद रहा हावी
प्रधानी में भले ही जातिवाद का ज्यादा असर नहीं रहा हो, लेकिन जिला पंचायत सदस्य में इसका खूब असर रहा। मतदाताओं ने पार्टी से ज्यादा जातिविरादरी के नाम पर वोट दिए। इसी कारण जिस दावेदार के वार्ड में सबसे अधिक उसकी विरादारी के मतदाता थे, उन्हीं का पलड़ा भारी रहा। वोट कटवा दावेदारों ने भी खूब वोट काटे। इसी कारण कई दिग्गजों का भी गणित बनता-बिगड़ता दिख रहा है। वहीं, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव में सबसे अधिक एक तरफा जीत हुईं।
मोबाइल फोन के साथ नहीं मिला प्रवेश
मतगणना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा पहरा रहा। इसी कारण कोई भी दावेदार या एजेंट मोबाइल फोन अंदर नहीं ले जा सके। कई लोगों के फोन पुलिस कर्मियों ने जब्त भी किए। हालांकि, बाद में इन्हें वापस कर दिया गया गया। वहीं, एजेंट अदंर अपने गांव वालों को चुनावी परिणाम की जानकारी देने के लिए सुरक्षा कर्मी व चुनाव में लगे कर्मचारियों से फोन मांगते दिखे।