Aligarh Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव की अग्नि परीक्षा में माननीयों की प्रतिष्ठा दांव पर Aligarh News
पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के माननीयों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है। इन चुनावों के परिणाम के आधार पर ही भविष्य की नींव रखी जाएगी। इसी को लेकर सभी माननीय भी अपने क्षेत्रों के प्रत्याशियों के लिए पूरा दमखम लगाने की तैयारी में हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। विधानसभा चुनाव 2022 के सेमीफाइनल कहे जा रहे पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के माननीयों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है। इन चुनावों के परिणाम के आधार पर ही भविष्य की नींव रखी जाएगी। इसी को लेकर सभी माननीय भी अपने क्षेत्रों के प्रत्याशियों के लिए पूरा दमखम लगाने की तैयारी में हैं। जिससे अधिक से अधिक प्रत्याशियों को जीत दिला सकें। जितने दावेदार जीतेंगे, आगामी चुनावों के लिए माननीयों का वही रिपोर्ट कार्ड होगा। वहीं, माननीय व प्रत्याशी इन चुनावों में सरकारी योजनाओं के नाम से भी वोट मांगेगे। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका चुनाव में कितना फायदा मिलता है।
राजनीतिक पार्टियों गठजोड़ में लगीं
जिले में चाैथे चरण के तहत 29 अप्रैल को मतदान होना हैं। गुरुवार से नामांकन की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में गांव देहात की राजनीति इन दिनों पूरे चरम पर पहुंच गई है। राजनीतिक पार्टियों भी पूरी गठजोड़ में लगी हैं। हालांकि, इन चुनावों में पार्टियों का सिंबल नहीं रहता है, लेकिन भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस और आप ने जिला पंचायत सदस्य के पद पर अधिकृत उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। अधिकृत उम्मीदवारों की जिताने की जिम्मेदारी सांगठन के साथ ही क्षेत्रीय विधायकों, सांसद व स्थानीय प्रभावशाली नेताओं को सौंपी गई है। ऐसे में जिले में सातों विधानसभाओं में भाजपा के विधायक हैं।
समीकरण बिगाड़ बना सकते हैं चुनाव
इसी के चलते इन सभी माननीयों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी गई है। आने वाले समय में मौजूदा विधायकों व विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों को अपने क्षेत्रों से अच्छे परिणाम दिखाना होगा। इसी के आधार पर तय होगा कि मौजूदा समय में सभी दलों का जनाधार किस स्तर पर है। विधायकों व सांसदों के क्षेत्र में अधिकृत प्रत्याशियों की जीत-हार से तय होगा कि मतदाताओं में किसकी कितनी पकड़ है। सूत्रों के मुताबिक तो यह चुनाव कई माननीयों के समीकरण बिगाड़ बना सकते हैं।