Aligarh News: जेल में समोसा और छोले भटूरे का लुत्फ उठा रहे बंदी, कमेटी करती है मैन्यू की निगरानी
न कोई अपना... न कोई सुनने वाला... हर किसी के अपने दुख-दर्द और परेशानी... ऐसी गुमनामी में मनपसंद खानपान पर भी रोक लगा दी जाए तो तनाव क्यों न हो? तनाव को कम करने और मानवीय दृष्टि को देखते हुए जिला कारागार में बंदियों के खानपान में बदलाव हुआ है।
सुमित शर्मा, अलीगढ़: न कोई अपना... न कोई सुनने वाला... हर किसी के अपने दुख-दर्द और परेशानी... ऐसी गुमनामी में मनपसंद खानपान पर भी रोक लगा दी जाए तो तनाव क्यों न हो? इसी तनाव को कम करने और मानवीय दृष्टि को देखते हुए जिला कारागार में बंदियों के खानपान में बदलाव हुआ है।
बंदियों को अब समोसे, छोले-भटूरे, पूरी-सब्जी और मिठाई जेल की ही कैंटीन में मिल रही है। खास बात यह है कि खुद बंदी ही यह पकवान बना रहे हैं और हर दिन अलग-अलग लजीज व्यंजन का लुत्फ उठा रहे हैं।
तमाम पाबंदियों से गुजरते हैं बंदी
जिला कारागार में साढ़े तीन हजार बंदी-कैदी हैं। जब भी कोई नया बंदी आता तो उसे क्वारंटाइन बैरक में रखा जाता है। उसके हाव-भाव देखे जाते हैं। इसके बाद उसे बैरक में भेजा जाता है। सुबह जल्दी उठने से लेकर शाम को समस से बैरकों में जाने तक बंदी तमाम पाबंदियों से गुजरते हैं।
इंटरनेट मीडिया के दौर में मोबाइल फोन से अलग रह रहे बंदियों को वर्ष 2022 के अंत तक सिर्फ चाय, नमकीन और रोजमर्रा का सामान उपलब्ध होता था। जेल के मुखिया के आदेश पर समय-समय पर कुछ पकवान शुरू किए गए थे। फिर उन पर रोक लगा दी गई।
लेकिन, जनवरी 2023 से नए मैनुअल में पकवानों को स्थाई रूप से जोड़ दिया गया है। इसके तहत बंदी कल्याणकारी कैंटीन में छोले-भटूरे, वेज बिरयानी, आलू टमाटर सब्जी, मटर पनीर सब्जी, जलेबी, पूरी, ब्रेड पकौड़ा, आलू पराठा, पकौड़ी, समोसा, बर्फी, पेड़ा, गुलाम जामुन, कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड दूध आदि अलग-अलग कीमत पर उपलब्ध हैं। ऐसे में बंदी सुबह नाश्ते के समय और दोपहर में भोजन खाने के दौरान यहां से सामान ले रहे हैं।
जेल में गठित कमेटी कर रही निगरानी
कैंटीन की निगरानी जेल में गठित कमेटी करती है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक कमेटी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा जेल को सचिव, स्वास्थ्य अफसर, हेड वार्डर, मुनीम के अलावा पांच बंदी भी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। सामान को बनाने के दौरान सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक, बृजेंद्र सिंह यादव ने कहा- बंदियों को तनावमुक्त करने के लिए जेल में तरह-तरह की गतिविधियां होती रहती हैं। अब मानवीय दृष्टि से नए मैनुअल में खानपान के कई सामान स्थाई रूप से जोड़े गए हैं। इसमें उन सामान को भी अनुमति है, जो आसानी से बनाए जा सकते हैं।