Aligarh: मुस्लिम महिला के घर पधारे गणपति, मौलाना ने इस्लाम के खिलाफ बताया तो रूबी ने दिया ये जवाब
Aligarh News भाजपा से जुड़ी रूबी आसिफ खान के घर में गणेश जी का मंगल प्रवेश करने पर विवाद खड़ा हो गया है। सहारनपुर के मौलाना ने उनके इस कदम को इस्लाम के खिलाफ बताया तो जवाब में रूबी ने कहा मैं स्वतंत्र हूं और मुझे...
अलीगढ़, जागरण संवाददाता: भाजपा जयगंज मंडल महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रूबी आसिफ खान Ruby Asif Khan द्वारा घर में गणेश जी का मंगल प्रवेश करने पर विवाद खड़ा हो गया है। सहारनपुर के मौलाना ने उनके इस कदम को इस्लाम के खिलाफ (Against Islam) बताया है। वहीं, रूबी आसिफ खा ने मौलाना को जेहादी (Jihadi) मानसिकता का बताया है। कहा, मैं स्वतंत्र हूं। मुझे क्या करना है? यह मैं तय करूंगी। मजारों पर तो हिंदू भी जाते हैं, उनके खिलाफ तो मौलाना कुछ नहीं करते। क्योंकि उनकी वहां जेब भरती हैं। मैं किसी की धमकी से डरने वाली नहीं हूं।
शहर के शाहजमाल के माबूदनगर निवासी रुबी आसिफ खान ने गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर विधि विधान ने परिवार के सभी सदस्यों के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की थी। हर रोज उनेक सुबह-शाम आरती होती है। भोग लगाया जाता है। शनिवार की सुबह बरफी का भोग लाया गया था। गणेश जी की प्रतिमा स्थापना के समय की वीडियो व तस्वीर वायरल हो गईं हैं। प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं।
शनिवार को दिन भर टीवी चैनलों पर यह बहस का मुद्दा बन गया। सहारनपुर के मौलाना अरशद फारुखी ने कहा कि हिंदुओं के यहां गणेश ही देवता हैं। जो अक्ल और इल्म के खजाना माने जाते हैं। शादी-विवाह की रुकावटों को दूर करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। इस्लाम सिर्फ अल्लाह की पूजा सिखाता है जो इसका पाबंद है, वो मुश्किल है। अगर कोई इसकी खिलाफत करता है तो अपने मजहब के खिलाफ जाता है। वो हुक्म जारी होगा जो हुक्म इस्लाम के या मजहब के खिलाफ करने का होता है।
एएमयू के थियोलोजी विभाग के पूर्व चेयरमैन डा. मुफ्ती जाहिद का कहना है कि रूबी आसिफ ने अपने घर में गणेश जी को पधारा है, हमें कोई आपत्ती नहीं है। अगर वो ये कहती हैं कि मुसलमान हैं तो गणेश जी को पधाराना हराम है। दोनों चीज एक साथ नहीं हो सकतीं।
घर पर रहा जमावड़ा
टीवी पर हुई इस बहस के दौरान रूबी आसिफ के घर पर शनिवार को मीडिया का जमावड़ा रहा। रूबी ने कहा कि हिंदू-देवी देवताओं पर टिप्पणी करने वाले सहारनपुर के मौलाना जेहादी और उग्रवादी मानसिकता के हैं। पूजा आस्था को लेकर विवादित बयान देने वाले मौलवी सच्चे मुसलमान नहीं हो सकते, यह देश का बंटवारा करना चाहते हैं। हिंदू मुस्लिम सभी भाइयों को मिल जुल कर रहना चाहिए। कहा, पूजा कराने को लेकर पहले भी फतवा जारी हो चुके हैं। मैं इससे डरने वाली नहीं हूं।
लिखित में होता है फतवा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) थियोलोजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. रिहान अख्तर का कहना है कि यदि किसी मसले के बारे में लिखित में जवाब दिया जाता है तो वह फतवा माना जाता है। मुंह से बोलने को फतवा नहीं माना जाता।