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AMU: जेएन मेडिकल कालेज की मान्यता रद्द होने की चेतावनी से खलबली, खामियां दूर करने के लिए टींम का गठन

Aligarh Muslim University के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में निरीक्षण के दौरान व्यवस्था ठीक न मिलने पर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने तीन महीने में मानक पूरे न करने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी है। खामियों को दूर करने के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया है।

By Mohammad Aqib KhanEdited By: Published: Sat, 10 Sep 2022 06:52 PM (IST)Updated: Sat, 10 Sep 2022 06:52 PM (IST)
AMU: जेएन मेडिकल कालेज की मान्यता रद्द होने की चेतावनी से खलबली, खामियां दूर करने के लिए टींम का गठन
AMU: जेएन मेडिकल कालेज की मान्यता रद्द होने से खलबली, खामियां दूर करने के लिए टींम का गठन : जागरण

अलीगढ़, जागरण संवाददाता: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज (Jawaharlal Nehru Medical College) में निरीक्षण के दौरान व्यवस्था ठीक न मिलने पर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission) द्वारा तीन महीने के अंदर मानक पूरे न करने पर मान्यता रद करने की दी गई चेतावनी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के होश फाख्ता कर दिए हैं। कुलपति ने मेडिकल कालेज के डीन की अगुवाई में खामियों को दूर करने के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया है। जो तीन महीने के अंदर आयोग को रिपोर्ट देगी।

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एएमयू प्रशासन ने जेएन मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की 150 सीटों को बढ़ाकर 200 करने का प्रस्ताव आयोग को भेजा था। निरीक्षण के बाद आयोग ने अस्वीकार कर दिया है। एनएमसी की टीम ने जुलाई 2022 को जेएन मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया था। तब खामियां मिलीं थीं। ड्यूटी पर न तो पर्याप्त शिक्षक थे और न अन्य स्टाफ। मरीज भी कम मिले। ब्लड बैंक का पंजीकरण मार्च 2022 तक वैध था। हाजिरी का रिकार्ड भी पूरा नहीं मिला। बायोमीट्रिक डिवाइस भी काम नहीं कर रही थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 42.6 प्रतिशत सीनियर रेजी़डेंट, 16 प्रतिशत फैकल्टी, आइसीयू में 15 के स्थान पर 10 बेड का होना, 75 प्रतिशत बेड के स्थान पर 63 प्रतिशत मिलना मानक पूरे नहीं करते हैं।

मेडिकल कालेज के अधीक्षक व डीन भी योग्य नहीं

आयोग की रिपोर्ट में ये तक कहा गया है कि मेडिकल कालेज के अधीक्षक के पास प्रशासनिक अनुभव और योग्यता नहीं है। डीन के पास पोस्ट ग्रेजुएशन की योग्यता का पंजीकरण नहीं है। मेडिकल में योग्य फैकल्टी रखने की जरूरत है। इसके लिए परीक्षा का पैटर्न अपनाना चाहिए।

मेडिकल में बायोमीट्रिक लगेगी हाजिरी

आयोग की टीम के निरीक्षण के बाद बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी है। इसके लिए जो बायोमीट्रिक डिवाइस काम नहीं कर रही हैं। उन्हें सही किया जा रहा है। पैरामेडिकल, डाक्टर व सपोर्ट स्टाफ की हाजिरी बायोमीट्रिक अनिवार्य होगी।

ब्लड बैंक का लाइसेंस नवीनीकरण के लिए पैरवी तेज

हर साल पंजीकरण के लिए आनलाइन आवेदन किया जाता है। इसके लखनऊ और दिल्ली स्तर पर प्रक्रिया अपनाई जाती है। आयोग की सख्ती के बाद अब पंजीकरण प्राप्त करने के लिए संपर्क किया जा रहा है।

रिटायर हुआ स्टाफ नहीं बढ़ाया

मेडिकल कालेज में कार्यरत स्टाफ के अनुसार मेडिकल में पिछले कई सालों में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व सपोर्ट स्टाफ सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनके स्थान पर नई भर्ती नहीं हुई है। यह भी बताया जा रहा है कि अनुदान में कमी होने के कारण स्टाफ नहीं बढ़ाया जा रहा है।

आयोग के आंकड़े गलत, अपना पक्ष रखेंगे : प्रो. राकेश भार्गव

मेडिसिन फैकल्टी के डीन व प्राचार्य प्रो. राकेश भार्गव के अनुसार जेएन मेडिकल कालेज एक टीम जल्द ही मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की सीटों में वृद्वि के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के साथ वार्ता करेगी, ताकि एनएमसी मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों व विसंगतियों को ठीक करने के लिए पूरा डेटा उपलब्ध कराया जा सके। कुलपति ने इसके लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया है।

प्रो. भार्गव ने कहा कि एमबीबीएस सीटों को 150 से बढ़ाकर 200 करने से संबंधित प्रस्ताव को एनएमसी ने अस्वीकार कर दिया। एनएमसी की टीम ने ईद के त्योहार से एक दिन पहले निरीक्षण किया था। एनएमसी के मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा बेड आक्यूपेंसी, पैथोलाजिकल और रेडियोलाजी जांच, ओटी सर्जरी, ओबीजी डिलीवरी आदि से संबंधित अधूरे आंकड़ों के आधार पर किए गए गलत आकलन का परिणाम प्रतीत होती हैं।

उन्होंने कहा कहा कि कुछ शिक्षक ईद के कारण छुट्टी पर थे। जिसे एनएमसी द्वारा शिक्षकों की कमी मान लिया गया। इसके अतिरिक्त एनएमसी टीम के पत्र में उल्लिखित आंकड़े उस दिन के केवल कुछ घंटों के हैं। पूरे दिन का नहीं है। पत्र में उल्लिखित विसंगतियां एनएमसी के मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा बेड आक्यूपेंसी, पैथोलाजिकल और रेडियोलाजी जांच, ओटी, सर्जरी, ओबीजी डिलीवरी आदि से संबंधित अधूरे आंकड़ों के आधार पर किए गए गलत आकलन का परिणाम प्रतीत होती हैं।


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