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Aligarh Municipal Corporation: अपर नगर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से जारी हुआ नियुक्ति पत्र

नगर निगम में अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। पांच कर्मचारियों की नियुक्ति कराने के लिए अपर नगर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी कर दिया गया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 05:14 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 05:14 PM (IST)
Aligarh Municipal Corporation: अपर नगर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से जारी हुआ नियुक्ति पत्र
अपर नगर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी कर दिया गया।

अलीगढ़, जागरण सवांददाता। नगर निगम में अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। पांच कर्मचारियों की नियुक्ति कराने के लिए अपर नगर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी कर दिया गया। ये पत्र विभागों में घूमता हुआ अपर नगर आयुक्त तक पहुंचा तो उनके होश उड़ गए। आनन-फानन में संबंधित विभागों से इस संबंध में जानकारी जुटाई। पता चला कि पत्र में दिए नाम का कोई कर्मचारी कहीं नियुक्त नहीं है। उन्होंने फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही है।

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यह है मामला

नगर निगम में यह पहला मामला नहीं है, जब किसी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी किए गए होें। पूर्व नगर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से टेंडर का मामला प्रकाश में आया था। अब जो पत्र जारी हुआ है, उस पर भी कार्यालय नगर आयुक्त नगर निगम लिखा है। एक जून को जारी इस पत्र में सफाई निरीक्षक जोन दो को आदेश दिए गए हैं कि अन्य विभागों से अवमुक्त हुए आउटसोर्सिंग कर्मियों को अपने वार्ड में तैनात करें। कर्मचारियों के नाम रंजीत कुमार कृष्णापुरी, ब्रजेश कुमार गंभीरपुरा, अन्नू शीशियापाड़ा, शानू हनुमानपुरी, बादलराज कालीदह रोड अंकित हैं। नीचे अरुण कुमार गुप्ता, अपर नगर आयुक्त लिखा है, हस्ताक्षर भी हैं। इसकी जानकारी मिलते ही अपर नगर आयुक्त ने 10 सितंबर को नगर स्वास्थ्य अधिकारी व सभी स्वच्छता निरीक्षकों को पत्र लिखकर कहा कि संबंधित कर्मचारी अगर उनके विभाग में कार्यरत हैं तो तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्हें भी अवगत कराएं।

मुकदमा दर्ज होगा

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा ऐसा कोई नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। पत्र में पत्रांक संख्या नहीं है, हस्ताक्षर फर्जी हैं। उनका सरनेम गुप्त है, जबकि पत्र में गुप्ता लिखा है। कर्मचारियों को उपलब्ध कराने वाली कार्यदायी संस्था शहरी आजीविका मिशन (सीएलसी) से भी इस संबंध में जानकारी मांगी गई थी। बताया गया कि इनमें से कोई कर्मचारी सीएलसी से नियुक्त नहीं कराया गया। अपर नगर आयुक्त ने कहा कि प्रकरण में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।


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