जवां के लोगों को सता रहा तेंदुए का भय
जवां क्षेत्र में तेंदुआ एक माह से कहीं भी दिखाई नहीं दिया लेकिन बुधवार की रात घेर में बंधी दो बकरियों को किसी जंगली जानवर द्वारा मार कर खा जाने से लोगों में आशंका बलवती हो गई है कि इन बकरियों को तेंदुए ने ही मार कर खाया होगा।
अलीगढ़ : हालांकि जवां क्षेत्र में तेंदुआ एक माह से कहीं भी दिखाई नहीं दिया, लेकिन बुधवार की रात को स्थानीय कस्बे में घेर में बंधी दो बकरियों को किसी जंगली जानवर द्वारा मार कर खा जाने से लोगों में एक बार फिर से आशंका बलवती हो गई है कि इन बकरियों को तेंदुए ने ही मार कर खाया होगा। बुधवार की रात को जवां निवासी रिकू पुत्र लालाराम अहेरिया व मोहनलाल पुत्र नन्नू सिंह की बकरियां घेर में बंधी थी कि रात में किसी समय किसी जंगली जानवर ने दोनों लोगों की एक एक बकरी को अपना निवाला बना लिया। मामले की जानकारी सुबह उस समय हुई जब दोनों लोग अपने घर से पशुओं को चारा डालने घेर पर पहुंचे। उन्होंने दोनों बकरियों के क्षत-विक्षत अवस्था में अवशेष पढ़े देखे। थोड़ी देर में ही यह सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। मौके पर बहुत सारे ग्रामीण इकट्ठा हो गए। बकरी स्वामी ने अवशेषों को बंबा में बहा दिया। ग्रामीणों को यही भय सता रहा है कि बकरियों को कहीं तेंदुए ने ही तो नहीं खा लिया। इसे लेकर लोगों में भय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि जिस जानवर ने बकरियों को मारकर खाया है। अब ग्रामीणों ने रात में जागकर पहरा देने की योजना बनाई है। इधर, मामले की सूचना किसी ने वन विभाग के अधिकारियों को दी। जब इस संबंध में मंडलीय वन अधिकारी अदिति शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर वन विभाग की टीम को भेज रही हैं। जहां आसपास जानवर के निशान देखकर पता लगाया जा सकता है कि हमलावर जानवर तेंदुआ ही था या अन्य कोई और। लेकिन शाम तक वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची।
जनवरी में बरौली के जंगल में मिला था मृत तेंदुआ
जनवरी में बरौली के जंगल में एक मृत तेंदुआ मिला था, जो किसान के आलू के खेत पर लगी बिजली के करंट की बाढ़ में आने से मर गया था। उसके कुछ दिन बाद बरौला के जंगल में भी एक तेंदुआ देखा गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने उसे पकड़ने के लिए पिजरा भी लगाया था लेकिन वह हाथ नहीं लगा। उसके बाद क्षेत्र के गांव परतापुर, सुमेरा दरियापुर में भी तेंदुआ देखा गया था। बीच में अलीगढ़ की बाहरी कॉलोनी नगला पटवारी में भी तेंदुआ होने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई थी। इसके बाद एक माह तक क्षेत्र में तेंदुआ होने की कोई सूचना नहीं मिली। बुधवार की रात को जवां में दो बकरियों को मारकर खा जाने के मामले में गांव के लोगों ने एक बार फिर से तेंदुआ होने की आशंका व्यक्त की हैं।