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देश में दमकते उत्तर प्रदेश का नगीना है अलीगढ़

आबादी में देश के सबसे उत्तम प्रदेशों में शामिल उत्तर प्रदेश की ओर दुनिया देख रही है। यह प्रदेश हर क्षेत्र में प्रदेश दूसरे प्रदेशों सेे मुकाबला करते हुए आगे बढ़ रहा है। रविवार को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 07:23 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 07:23 AM (IST)
देश में दमकते उत्तर प्रदेश का नगीना है अलीगढ़
आबादी में देश के सबसे उत्तम प्रदेशों में शामिल उत्तर प्रदेश की ओर दुनिया देख रही है।

अलीगढ़, संतोष शर्मा। आबादी में देश के सबसे उत्तम प्रदेशों में शामिल उत्तर प्रदेश की ओर दुनिया देख रही है। यह प्रदेश हर क्षेत्र में प्रदेश दूसरे प्रदेशों सेे मुकाबला करते हुए आगे बढ़ रहा है। रविवार को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा। अलीगढ़ के लोगों के लिए फक्र की बात यह है अपना जिला अपने दमकते प्रदेश में किसी नगीने से कम नहीं है। श्रीकृष्ण के परम भक्त व महान संगीतज्ञ स्वामी हरिदास जी की ये पावन भूमि हर क्षेत्र में छायी हुई है। शिक्षा, उद्योग, कृषि, महिला समूह आदि क्षेत्रों में यहां का डंका बजा हुआ है। अमेरिका में बनी वाइडन की सरकार में अलीगढ़ की बिटिया भी शामिल है। जिले की पहचान ताला और तालीम से है। ताले की मजबूती जहां दुनिया भर में नजीर बनी हुई है तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवॢसटी (एएमयू) में पढ़े छात्र सारे जहां को ज्ञान सेे रोशन कर रहे हैं। ताला व हार्डवेयर निर्यात दुनिया के कई देशों में हो रहा है। इस कारोबार की चमक का ही असर हुआ कि सरकार खैर रोड पर सौ हेक्टेयर में डिफेंस कारिडोर का निर्माण करा रही है। यहां रक्षा हथियारों के कलपुर्जे  बनेंगे। इससे अलीगढ़ को नई पहचान मिलेगी। 

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टॉप पर रहा अलीगढ़ 

जिले ने इस साल कई उपलब्धियां हासिल कीं। सामुदायिक शौचालय के निर्माण में जहां देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया, वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत महिला समूहों के कार्यों में पहला स्थान मिला। इसके साथ डिफेंस कारिडोर के लिए करीब सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। 

 

अनूठे मार्ग भी 

ग्रांट ट्रक रोड (जीटी) अलीगढ़ से ही गुजर रहा है। यह दिल्ली से कोलकाता को जोड़ता है। यमुना एक्सप्रेस-वे ने यातायात को रफ्तार देने का काम किया है। फ्रेट कारिडोर भी अलीगढ़ से गुजर रहा है। पिछले दिनों ही पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया था। एशिया का सबसे बड़ा जेवर एयर पोर्ट भी अलीगढ़ के नजदीक बन रहा है। 

पद्म भूषण से भारत रत्न तक 

अलीगढ़ की धरती से हर विद्या के लोग पैदा हुए। पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न के फूल भी यहां खिले। एएमयू के पूर्व कुलपति व देश के तीसरे राष्ट्रपति रहे डॉ. जाकिर हुसैन, अब्दुल गफ्फार खान उर्फ सीमांत गांधी को भारत रत्न मिला, जिन्होंने एमएओ कालेज में पढ़ाई की। महाकवि गोपालदास नीरज, शहरयार, संगीतकार, रविंद्र जैन, शायर काजी अब्दुल सत्तार ऐसे बड़े नाम हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में अलीगढ़ के नाम का डंका बजाया। 

राजनीति में भी 

अलीगढ़ से राजनीति के भी कई सितारे निकाले। सीबी गुप्त और कल्याण सिंह के रूप में दो मुख्यमंत्री पैदा किए। शिक्षा मंत्री नेपाल सिंह अलीगढ़ के ही थे। 

स्वतंत्रता सैनानी भी कम नहीं

देश को स्वतंत्र कराने में अलीगढ़ के रणबांकुरे कम नहीं रहे। कैप्टन अब्बासी अली, आफताब अहमद, ठा. मलखान सिंह, ठा. टोडर सिंह, पं. मोहन लाल गौतम, छोटे लाल गौतम, आदि ऐसे नाम हैं, जिन्होंने अंग्र्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। 

12वीं शताब्दी से जुड़ा है अलीगढ़ का रिश्ता : प्रो. इरफान 

इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने बताया कि अलीगढ़ का पुराना नाम कोल था। इसका जिक्र 12वीं शताब्दी से मिलता है। पहले कन्नौज फिर बनारस की राजधानी में रहा। बाद में दिल्ली की सल्तनत में आ गया। अरब यात्री इब्नेबतूता भी यहां से गुजरा। मुगल जमाने में ये सूबा हुआ करता था। इस पर पहले जाटों ने फिर मराठों ने कब्जा किया। ये दौर 1875-76 के आसपास का था। मराठों ने अलीगढ़ के किले का निर्माण कराया था। दिल्ली के नजफ अली खां ने किले का नाम अलीगढ़ रखा। शहर का नाम कोल ही रहा। 1803 में अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया। अंग्रेजों ने दो नामों की बजाय शहर व किले का नाम अलीगढ़ रख दिया। गदर के समय अंग्रेजों ने यहां छावनी बनाई। मलेरिया बीमारी के चलते अंग्रेजों ने मेरठ में छावनी बना ली। अंग्रेज और बागियों के बीच कई बार किले को लेकर संघर्ष हुआ। अंग्रेजों ने बागियों को सूली पर चढ़ाया। सुल्तान बलबन ने ऊपर कोट पर एक मीनार भी बनाई थी, जिसे अंग्रेजों ने तोड़ दिया। ऊपर कोट मस्जिद मोहम्मद शाह के जमाने में बनी थी, इसे नहीं छुआ। उस समय अलीगढ़ का गवर्नर साबित खां था, उसने मस्जिद बनाई थी। उसने ऊपर कोट का नाम साबितगढ़ भी रखा लेकिन यह नाम चल नहीं पाया। गदर के बाद कचहरी, घंटाघर बने। 1863 में रेलवे लाइन आई। पहले दिल्ली से अलीगढ़ को जोड़ा गया फिर बरेली से। 1875 में सर सैयद ने मदरसा खोला। 1877 में एमएओ कालेज की नींव रखी। यही कालेज 1920 में एएमयू बना। अलीगढ़ ने राजा महेंद्र प्रताप जैसे तमाम राष्ट्रीय नेता भी पैदा किए। 

अपना जिला हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। अलीगढ़ ने तमाम दंश झेलने मगर संघर्ष का माद्दा बना रहा। इसी का परिणाम है कि यह विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। तमाम ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो आने वाले दिनों में जिले की सूरत बदल देंगे। गंगा-यमुना के बीच में बसा यह जिला उन्नति की नई गाथा लिखेगा। प्रभु श्रीकृष्ण के चरण इस धरती पर पड़ चुके हैं। अचल सरोवर गौरव की ओर बढ़ रहा है।

-राजा राम मित्र, वरिष्ठ समाजसेवी


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