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अलीगढ़ की हिंद एग्रो मीट फैक्ट्री पर लगाया ताला, जानिये क्या है वजह

प्रदूषण फैलाने में दोषी पाई गई जिले की पहली मीट फैक्ट्री हिंद एग्रो पर शुक्रवार को सील कर दिया गया।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 12:26 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 04:34 PM (IST)
अलीगढ़ की हिंद एग्रो मीट फैक्ट्री पर लगाया ताला, जानिये क्या है वजह
अलीगढ़ की हिंद एग्रो मीट फैक्ट्री पर लगाया ताला, जानिये क्या है वजह

अलीगढ़ (जेएनएन)। प्रदूषण फैलाने में दोषी पाई गई जिले की पहली मीट फैक्ट्री हिंद एग्रो पर शुक्रवार को सील कर दिया गया। वहीं, तालाबंदी के आदेश के बाद रामघाट रोड स्थित बीयर फैक्ट्री ने उत्पादन बंद कर दिया। प्रशासन ने अभी इसे सील नहीं किया है। एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने मीट फैक्ट्री में पशुओं की एंट्री वाले गेट को बंद करा दिया है। फैक्ट्री को पुलिस की सुरक्षा में दे दिया गया है।
उत्तर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहली बार मकर संक्रांति और कुंभ के विशेष महत्व को देखते हुए गंगा जल को शुद्ध रखने के लिए इतना कठोर कदम उठाया है। गुरुवार को आदेश मिलते ही शुक्रवार को एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह व नायब तहसीलदार राजकुमार गुप्ता की अगुवाई में टीम ने छेरत स्थित हिंद एग्रो मीट फैक्ट्री सील करा दी। यहां निरीक्षण में शोधन संयंत्र (ईटीपी) बंद मिला था। पानी के सैंपल भी फेल मिले थे। बोर्ड ने दो दिन पहले ही जल नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 33 के तहत स्लॉटर हाउस बंद करने का आदेश दिया था। शुक्रवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मीट फैक्ट्री की जांच के बाद पशुओं वाले गेट को सील कर दिया।

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पहले भी मिल चुकी हैं खामियां 
अक्टूबर में निरीक्षण के दौरान भी मीट फैक्ट्री में गंभीर किस्म की खामियां मिली थीं। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल का कहना है कि कमियां दूर होने पर ही फैक्ट्री खुलेगी। वहीं, ङ्क्षहद एग्रो के मैनेजर परवेज शादाब का कहना है जल्द कमियों को दूर कराएंगे। नियमों के अनुसार ही फैक्ट्री चलाएंगे।

फिलहाल सील नहीं होगी बीयर फैक्ट्री

प्रदूषण फैलाने में दोषी पाई गई बीयर फैक्ट्री फिलहाल सील नहीं होगी। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल की दलील है कि बीयर फैक्ट्री में उत्पादन 10 जनवरी से बंद हो चुका है। अगर दोबारा उत्पादन शुरू किया तो इस पर तालाबंदी करेंगे। इस तर्क से सवाल यह उठ रहे हैैं कि ङ्क्षहदू एग्रो पर दोष मिलने पर ताला पड़ गया तो बीयर फैक्ट्री को क्यों छोड़ दिया?

कार्रवाई
* प्रदूषण फैलाने पर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया आदेश
*03 बार लखनऊ से आई टीम ने की बीयर फैक्ट्री की जांच
*02 बार प्रशासन ने टीम गठित कर हिंद एग्रो की कराई जांच
* तालाबंदी के आदेश के बाद बीयर फैक्ट्री में उत्पादन बंद, सील नहीं हुई
* मीट फैक्ट्री में पशुओं के प्रवेश वाले गेट को प्रशासन की टीम ने कराया बंद
* एसडीएम कोल के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन ने की कार्रवाई

इसलिए कसा शिकंजा
कुंभ की शुरुआत 15 जनवरी से होने जा रही है। गंगा को साफ सुथरा रखने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहली बार शिकंजा कस रहा है। गंगा और उसकी सभी सहायक नदियों तक फैक्ट्रियों और शहरों के आ रहे दूषित पानी को रोका जा रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों सभी मीट फैक्ट्रियों की जांच भी हुई थी।

पांच दिसंबर को हुई जांच
डीएम ने पांच दिसंबर को एसीएम द्वितीय रेनू सिंह के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खाद्य विभाग, नगर निगम व पशु पालन विभाग की टीम के जरिये मीट फैक्ट्रियों की जांच कराई थी। इसमें हिंद एग्रो का शोधन संयंत्र बंद मिला था। इससे फैक्ट्री से प्रदूषित पानी बाहर जा रहा था। प्रदूषण संबंधी मानक भी अधूरे थे। इसकी रिपोर्ट लखनऊ भेज दी गई। 28 दिसंबर को फिर एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में जांच हुई। तब भी ईटीपी बंद था। दोबारा यही रिपोर्ट उत्तर प्रदेश जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गई तो यह कार्रवाई की गई। वहीं, बीयर फैक्ट्री की जांच लखनऊ से आए पर्यावरण अभियंता निरंजन शर्मा ने पांच, छह व आठ जनवरी को की थी। यहां का शोधन संयंत्र बंद मिला। पानी के नमूने भी फेल रहे। इसके बाद नौ जनवरी को फैक्ट्री बंद करने की सिफारिश की गई।

शोधन संयंत्र बंद मिला
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल ने बताया कि दोनों फैक्ट्रियों में निरीक्षण समय शोधन संयंत्र बंद मिला था। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई थी। अब बंदी आदेश आ गया है। एसडीएम कोल  ने बताया कि  डीएम के स्तर से मुझे मीट फैक्ट्री को सील करने का आदेश मिल गया है।

 ढाई सौ मजदूर काम करते हैं बीयर फैक्ट्री में
बीयर फैक्ट्री में तीनों शिफ्ट में करीब ढाई सौ कर्मचारी काम करते हैैं। फैक्ट्री से रोजाना औसतन 800 लीटर प्रदूषित जल निकलता है। इसे सीधे काली नदी में डाला जाता है, जो कन्नौज में गंगा नदी में मिल जाता है।


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