Teachers Day 2022: अलीगढ़ की नाजिया अशिक्षा का अंधेरा मिटाने के साथ बच्चों को स्वावलंबी बनाने का कर रहीं काम, कबाड़ और जुगाड़ से बनाया हाईटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर
Teachers Day 2022 Aligarh Teacher Nazia अशिक्षा का अंधेरा मिटाने को शिक्षिका नाजिया इश्हाक ने आशा का दीपक जला रखा है। पुरानी चुंगी निवासी व बालक पाठशाला-19 हमदर्द नगर-डी में प्रधानाध्यापिका नाजिया शिक्षण कार्य के अलावा स्कूल में विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा भी देती हैं।
अलीगढ़, गौरव दुबे: Teacher making children Atmanirbhar कहते हैं इंसान के काम में उसके नाम की झलक भी दिखती है। नाजिया नाम का अर्थ आशा होता है। अशिक्षा का अंधेरा मिटाने को शिक्षिका नाजिया इश्हाक ने आशा का दीपक जला रखा है। पुरानी चुंगी निवासी व बालक पाठशाला-19 हमदर्द नगर-डी में प्रधानाध्यापिका नाजिया शिक्षण कार्य के अलावा स्कूल में विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा भी देती हैं।
हर शनिवार को सिलाई, बुनाई, कढ़ाई व ड्राइंग-क्राफ्ट के गुर सिखाती हैं। इसका परिणाम ये सामने आया कि कक्षा आठवीं की छात्रा आमना पढ़ाई करने के बाद कढ़ाई का काम कर आजीविका भी चलाने लगी है। कक्षा आठवीं के छात्र अबुजर पढ़ाई के बाद कुर्ते के गले में कढ़ाई करने का काम करते हैं। छोटी उम्र में ही बच्चों को स्वावलंबन की ओर मोड़ दिया है।
नाजिया इश्हाक ने स्कूल में सिर्फ विद्यार्थी संख्या ही नहीं बढ़ाई बल्कि खुद के पास से 30 हजार रुपये खर्च कर स्कूल में लाइब्रेरी भी स्थापित कर दी। बच्चों को रटने की प्रथा से मुक्त कर गतिविधियां करके सिखाना इनकी खासियत है। स्कूल व शिक्षा गुणवत्ता को ऐसा चमकाया कि जिले से ये इकलौता स्कूल है जिसको उच्चीकृत करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
नाजिया जिले की ऐसी शिक्षिका हैं जो स्कूल में कोई निर्माण कार्य कराती हैं तो दुकानदारों से वाउचर कम कीमत का लेती हैं। इससे कोई ये सवाल नहीं उठा सकता कि स्कूल ग्रांट से महंगे में काम करा लिया है।
नाजिया ने बताया कि क्षेत्र के सीमेंट कारोबारी ने कहा था कि मैडम आप पहली ऐसी ग्राहक हैं जो बिल वाउचर विक्रय राशि से कम का बनाने को कहती हैं। वो राशि अपनी जेब से लगाती हैं।
पुराने टायरों की टेबल
शिक्षिका नाजिया ने बताया कि बड़े वाहनों के पुराने टायर लाकर उनको पेंट करती हैं। फिर उसके ऊपर प्लाई या बोर्ड चिपकाकर बच्चों के लिखने वाली टेबल बनाई हैं। अभी तक 10 से 12 ऐसी टायर टेबल तैयार कर दी हैं। इसका खर्च वो खुद उठाती हैं।
स्मार्ट क्लास के लिए लाएंगी टीवी
नाजिया ने बताया कि स्कूल में अभी स्मार्ट क्लास नहीं है। क्योंकि यहां एलईडी टीवी नहीं है। अगर स्कूल ग्रांट बची तो उससे वरना खुद अपने पास से एलईडी लाकर स्मार्ट क्लास स्थापित करेंगी।
एसआरजी संजीव ने सराहा
स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) सदस्य संजीव शर्मा ने बताया कि नाजिया मैडम ने पुराने जर्जर कमरे को सही कराकर वहां लाइब्रेरी बनवाई। उसमें प्रेरक कहानियों की करीब 500 किताबें भी रखवाईं। उनके इस प्रयास की राज्यस्तर पर सराहना भी की गई है।
नाजिया इश्हाक जैसी शिक्षिकाएं पूरे शिक्षक समाज के लिए मिसाल से कम नहीं। इनसे प्रेरणा लेकर अन्य को भी बेहतर प्रयास करने चाहिए। -सतेंद्र कुमार ढाका, बीएसए