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Aligarh Murder माता-पिता के हत्यारे बेटे की बात सुन हैरान रह गई पुलिस, बोला- मुझे खाने में रोज जहर देती थी मां

अलीगढ़ में माता-पिता की हत्या करने वाले आरोपित से पूछताछ करने वाली पुलिस भी उसके जवाब से हैरान रह गई। पहले तो उसने पुलिस के सवालों का जवाब देने से मना कर दिया। बोला दिल्ली से टीम बुलाओ तब बताऊंगा। सख्ती पर उसने जो बताया वो हैरान कर दिया...

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 31 Mar 2023 04:14 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 04:14 PM (IST)
Aligarh Murder माता-पिता के हत्यारे बेटे की बात सुन हैरान रह गई पुलिस, बोला- मुझे खाने में रोज जहर देती थी मां
मां-बाप को मौत की नींद सुलाने वाला बेटा गुलामउद्दीन। -जागरण

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जाकिर नगर में माता-पिता की हत्या करने वाले आरोपित गुलामउद्दीन पर खून सवार था। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो को जिसने भी देखा, रौंगटे खड़े हो गए। आरोपित मौत के बावजूद पिता को कैंची से गोदता रहा। पेट पर हाथ रखकर देखा कि मौत हुई है या नहीं। उनके पैरों की तरफ मां का शव पड़ा है। दोनों का शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा तो वीभत्सता को देख डाक्टर भी हैरान थे। पिता के शरीर पर 21 घाव मिले हैं। उनके गर्दन, चेहरे व छाती, जांग पर वार किए गए। सिर की हड्डी भी टूट गई। मां के शरीर पर 18 घाव हैं। उनकी भौंह के नीचे, नाक, गर्दन व कान के नीचे प्रहार किए गए। इससे कैंची व प्रेस तक टूट गई थी।

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दो वर्ष पहले कोरोना होने के बाद से दिमाग में बैठा था ये फितूर

गुलाम की कुंठा कुछ दिनों की नहीं थी। दो वर्ष पहले गुलाम कोरोना संक्रमित हुआ था। तब उसकी खून की जांच हुई। उसमें किसी ने उससे कह दिया कि मां की शक्ल व डीएनए सैंपल उससे नहीं मिलते। तभी से उसके दिमाग से फितूर था कि मां सौतेली है और प्रॉपर्टी के लिए उसे मार देगी। धीरे-धीरे उसे खाने में जहर दिया जा रहा है। इससे उसका शरीर कमजोर व खराब हो गया है। कभी कभार माता-पिता डांटते थे तो उसे लगता था कि सौतेला होने के चलते उससे ऐसा व्यवहार किया जा रहा है और उसे घर से निकाल दिया जाएगा। न तो उसकी मां सौतेली थी और न ही कोई प्रापर्टी थी।

रात में सूचना मिली थी कि युवक ने अपने माता-पिता को मार दिया है। अन्य लोगों को भी जान का खतरा है। एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत, सीओ तृतीय शिवप्रताप सिंह, क्वार्सी व सिविल लाइंस थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। एसएसपी ने पुलिस को पहले ही निर्देश दे दिए थे कि पूरी सावधानी व सूझबूझ के साथ उसे बाहर निकालें। आरोपित खुद को भी मार सकता है या किसी पर हमला कर सकता है। पुलिस पहुंची तो आरोपित हत्या करने के बाद किनारे बैठा हुआ था।

पुलिसकर्मियों ने उससे कहा कि बाहर आ जाओ, तुमसे कोई कुछ नहीं कहेगा। उसे भरोसे में लेकर दरवाजा खुलवाया। फील्ड यूनिट ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस को प्रेस, सब्जी काटने वाला चाकू, कैंची खून से लथपथ मिला। चादर व तकिया भी खून से रंगे थे। मजहबी ने अपने भाई के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया है। आरोप है कि गुलाम माता-पिता की बात नहीं मानता था। इस पर माता-पिता ने उसे घर से निकालने की धमकी दी थी।

तीन दिन पहले भाग गया था, नरौरा में मिला

सोमवार को नमाज पढ़ने के बाद गुलाम घर छोड़कर भाग गया था। रातभर स्वजन उसे तलाशते रहे। पुलिस को भी सूचना दी। मंगलवार को रामघाट क्षेत्र के नरौरा स्थित एक मंदिर के शौचालय में मिला। वहां की पुलिस ने स्वजन को सूचना दी। इसके बाद स्वजन उसे बुलाकर लाए। बुधवार को उसका जेएन मेडिकल कालेज में उपचार कराया। गुरुवार को फिर से उसे मेडिकल कालेज ले जाया गया था।

दिल्ली से टीम बुलाओ, तब बताऊंगा

पुलिस ने आरोपित से करीब तीन घंटे पूछताछ की। उसकी बातें बेहद अजीब थीं। शुरुआत में उसने कुछ नहीं बताया। बोला, दिल्ली से टीम बुलाओ। मेरे लिए सिक्योरिटी गार्ड लगाओ। तब कुछ बताऊंगा। बाद में सख्ती की गई तो उसने सारी बातें बताईं। पुलिस के मुताबिक, युवक मानसिक रूप से परेशान है।

बोला- खाने के बाद उल्टियां हुईं

तीन दिन से आरोपित का मानसिक संतुलन खराब था। किसी को ये उम्मीद न थी कि वो हत्या कर देगा। पूछताछ में आरोपित की बातों को सुनकर पुलिस हैरान थी। उसने बताया था कि मां खाने में रोज जहर देती थी। बोला,एक बार मुझे उल्टियां हो गईं। उल्टी में एक मक्खी गिरकर मर गई थी।

पहले मां फिर पिता को मारा

घटना के वक्त सब सो रहे थे। जब लोग आए तो आरोपित पिता को गोद रहा था। लेकिन, कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बताया जा रहा है कि उसने पहले मां को मारा। फिर पिता को जगाकर अंदर बुलाया कि मुझे डर लग रहा है। उनके अंदर आते कमरा बंद कर लिया। उन्हें भी मार डाला।

बच्चों को पढ़ाता था ट्यूशन

मकान मालिक के मुताबिक, करीब पांच महीने पहले वह उनके घर में आए थे। इससे पूर्व तीन वर्ष तक रह चुके हैं। मुहल्लेवालों का कहना था कि गुलाम पहले अच्छा था। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। सोमवार को भी बच्चों को पढ़ाया था। पोस्टमार्टम हाउस पर मुहल्ले के लोग, इमाम के भाई याकूब व फारुख आ गए थे। घर पर बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। बच्चे मकान मालिक के कमरे में थे।


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