अलीगढ़ में डिस्पोजल क्रॉकरी का विकल्प डाई से बने मिट्टी के बर्तन
15 अगस्त से प्लास्टिक की डिस्पोजल क्राकरी हो जाएगी प्रतिबंधित।
अलीगढ़ : योगी सरकार ने सूबे में 15 अगस्त से प्लास्टिक की डिस्पोजल क्राकरी प्रतिबंधित करने का अध्यादेश जारी किया है। आपके यहां शादी है या होगी तो फिक्र छोड़िए। बाजार में डाई से बने मिट्टी के बर्तन इसका विकल्प होंगे। इससे आपका बजट बढ़ जाएगा।
प्रदेश सरकार ने पहले चरण में 50 माइक्रो से कम की पालीथिन प्रतिबंधित की है। डिस्पोजल गिलास, चम्मच, थाली, कटोरी व प्लेट आदि भी प्रतिबंधित का फैसला लिया है। इसमें थर्माकोल व प्लास्टिक से बनी क्राकरी दो अक्टूबर तक प्रतिबंधित हो जाएगी। पेपर के दौना, केला की लकड़ी से तैयार थाली, प्लेट व कटोरी का चलन बढ़ेगा।
खास मेहमानों के लिए मिट्टी से निर्मित थाली भी बाजार में है, जिसमें एक थाली, चार कटोरी, गिलास, चटनी की कटोरी चम्मच सहित नौ आइटम हैं। बाजार में इसकी कीमत 250 रुपये हैं।
अतरौली से आए विवेक चौहान व सुमित चौहान ने कहा कि वे दावत के लिए मिट्टी से तैयार बर्तन खरीदकर ले जा रहे हैं।
डाई से तैयार मिट्टी के वर्तन
के रेट
बर्तन का नाम, रेट
प्लेट, 140 से 180
गिलास, 120 से 200
कटोरी, 120 से 180
टिक्की प्लेट, 110 से 200
थाली, 200 से 300
चम्मच, 100 से 200
नोट : बर्तन प्रति सैकड़ा रुपये में कारोबारियों की उड़ी नींद : डिस्पोजल प्लास्टिक क्राकरी प्रतिबंधित होने से कारोबारियों की नींद उड़ गई है। शहर के दो दर्जन कारोबारियों का बाजार में मोटा पैसा उधारी में फंसा है। कैटर्स पर भी लेन देन चलता है। बकौल कारोबारी एक माह से कम समय में बाजार में स्टॉक निकाल मुश्किल है। ¨हदू विवाह तीन दिन बाद चार महीने को बंद हो जाएंगे। वैसे एक समारोह में पांच हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक की डिस्पोजल प्लास्टिक की क्राकरी पर खर्च आता है।
कारोबारी आशीष वाष्र्णेय ने बताया कि पर्यावरण प्रेमियों ने मुख्यमंत्री के फैसले पर मुहर लगाने के लिए यह बर्तन खरीदना शुरू कर दिया है। भारी संख्या में ऑर्डर मिल रहे हैं। कारोबारी नानक चंद ने बताया कि पर्यावरण व आमजन के हित में लिया फैसला स्वागत योग्य है, मगर कारोबारियों को डिस्पोजल स्टॉक खपाने को समय कम दिया है। इसे तीन माह किया जाए।