अलीगढ़ में बेटियों ने भरी ऊंची उड़ान, छू लिया आसमान
बेटियां शुभकामनाएं हैं, बेटियां पावन दुआएं हैं। बेटियां जीनत हदीसों की, बेटियां जातक कथाएं हैं। बेटियों की शान में कुछ भी कहा जाए कम ही है। बेटियां वे वंदनाएं हैं, जिनमें खुद ईश्वर का वास होता है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। 'बेटियां शुभकामनाएं हैं, बेटियां पावन दुआएं हैं। बेटियां जीनत हदीसों की, बेटियां जातक कथाएं हैं। बेटियों की शान में कुछ भी कहा जाए कम ही है। बेटियां वे वंदनाएं हैं, जिनमें खुद ईश्वर का वास होता है। अफसोस, सभ्य कहे जाने वाले पुरुष प्रधान समाज में आज भी बेटियों के जन्म पर तमाम घरों में शोक मनाया जाता है, जबकि आज की बेटियों को किसी भी मायने में बेटों से कमतर नहीं आंका जा सकता। आज वे आसमान की ऊंचाइयां छूने को बेताब हैं। हर क्षेत्र में बेटों की तरह कामयाबी के झंडे गाड़ कर माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर रही हैं। शहर की बेटियों ने भी सफलता की ऊंचाइयां छूकर न केवल माता-पिता का मान बढ़ाया, बल्कि शहर को गौरवान्वित किया। 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' पर अलीगढ़ की ऐसी ही बेटियों के बारे में जानें...
शादमा को लीडरशिप करने की जिद
एएमयू के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के चुनाव में पहली बार सचिव बनने वाली डॉ. शादमा शाहीन को राजनीति से ज्यादा लीडरशिप में रुचि है। इसी जिद ने उन्हें जूनियर डॉक्टरों का लीडर बनाया। मूलरूप से पश्चिम बंगाल के आसनसोल की शादमा ने एएमयू में 11वीं में दाखिला लिया था। एमबीबीएस कर अब पैथोलॉजी में एमडी (द्वितीय वर्ष) कर रही हैं।
लड़कियों के लिए कुछ भी असंभव नहीं
बुर्के में रहने वाली शादमा लीडरशिप को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। जेएन मेडिकल कॉलेज से कुंभ गई डॉक्टरों की टीम में शादमा ने टीम का नेतृत्व किया। शादमा का मानना है कि लड़कियों के लिए कुछ भी असंभव नहीं हैं, बस जरूरत है लक्ष्य की तरफ बढऩे की। मेरे लिए बुर्का कभी बाधा नहीं रहा।
भ्रष्टाचार पर वार करेंगी कंचन
मन में हौसला और आगे बढऩे का दृढ़ संकल्प हो तो मुश्किलें भी मंजिल पाने में रुकावट नहीं बनती हैं। अलीगढ़ में पीएसी निवासी कंचन सिंह राघव ने भी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से ऐसी ही मिसाल पेश की है। 2004 में बैडमिंटन खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने खेल जगत में कदम रखा। अलीगढ़ डिस्टिक की लगातार तीन साल तक बैडमिंटन चैंपियन रहीं। 2006 के आखिरी में ऑल इंडिया बैडमिंटन चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ।
पहली महिला कैप्टन बनी कंचन
कंचन 2008 में कर्नाटक में हुए नेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट में खेलीं। 2010 में पहली बार एएमयू की ऑल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी बैडमिंटन टीम बनी, उस टीम की पहली महिला कैप्टन बनने का सौभाग्य मिला। 2011 में इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी पंजाब में गोल्ड मेडल जीता और बैडमिंटन कोच बनीं। 2013 में एएमयू से मास्टर्स पूरा किया। 2014 में शहर के प्रतिष्ठित स्कूल अवर लेडी ऑफ फातिमा में बतौर खेल प्रशिक्षक नियुक्त हुईं।
पैर में इंजरी के बाद बनी खो-खो संघ की सचिव
2016 में पैर में इंजरी व ऑपरेशन के चलते खेल छूट गया। चोट से उबरकर वापसी की और डिस्ट्रिक्ट टग ऑफ वार एसोसिएशन व जिला खो-खो संघ में ज्वाइंट सेक्रेटरी बनीं। 2018 में डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट ह्यूमनराइट्स के पद से नवाजी गई। 2018 में एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया उत्तरप्रदेश की स्टेट डायरेक्टर बनीं। अब ये भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। 2018 में ही कंचन को एशिया प्राइड अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अलीगढ़ की बेटी अमेरिका कंपनी की है सीएफओ
ताला-तालीम के शहर की बेटियां भी सफलता की ऊंचाई छू रही हैं। सीए ओपी मित्तल की दो बेटियां हैं। एक चिकित्सक तो दूसरी चारू मित्तल अमेरिका कंपनी की कॉर्नफेरी इंटर नेशनल की चीफ फाइनेंस ऑफीसर पद पर कार्यरत हैं। इस कंपनी की 80 देशों में ब्रांच हैं।
अध्यन में अव्वल रही बेटी
ओपी मित्तल की दोनों बेटियां शुरू से ही मेधावी रहीं। चारू मित्तल ने एएमयू के अब्दुला गल्र्स इंटर कॉलेज से इंटर किया। अध्ययन कार्य में अव्वल रहने पर गोल्ड मेडल से सम्मानित की गईं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया। यहां भी बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन पर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
अमेरिका एक्सप्रेस बैंक में बनी निदेशक
इंस्टीट्यूट चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया से सीए किया। इसके बाद मेरठ के मूल निवासी सीए व सीएस विपुल अग्रवाल से वर्ष 1998 में शादी हो गई। इस दंपती ने निजी सेवाएं देना शुरू किया। मित्तल की बेटी ने दिल्ली के प्राइस वाटर हाउस में अपनी सेवाएं दीं। अमेरिका एक्सप्रेस बैंक में बतौर निदेशक पद का जिम्मा संभाला। कॉर्नफेरी इंटर नेशनल ने इन्हें इंडिया स्थित गुडग़ांव ब्रांच का चीफ फाइनेंस ऑफीसर पद पर तैनात किया गया है। चारू मित्तल ने कहा कि कॉर्नफेरी इंटरनेशनल कंपनी जॉब प्रोवाइडर व वैश्विक सलाहकार की भूमिका में है।